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soorajjatthap0891
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Sooraj Jatthap

Mechanical engineer🔩⚙🛠, Writer - Poet ✍, Hard worker 🏭, Chef 🍱🍕🍔,Traveller ✈🚗🚍🚉, Photograph

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Sooraj Jatthap

 आंखों से बहता आज यह पानी,
भला कैसी है यह मेरी जिंदगानी 
जाहिर करता भी तो कैसे करता मैं भला  यारो,
अब राख हुई मेरी वो हसरतें सभी पुरानी ,
वो कोरे कागज़ , 
वो खाली स्याही , 
अब ख़त्म हुई यह सारी बंदगानी
अब ख़त्म हुई यारो यह सारी बंदगानी ............

आंखों से बहता आज यह पानी, भला कैसी है यह मेरी जिंदगानी जाहिर करता भी तो कैसे करता मैं भला यारो, अब राख हुई मेरी वो हसरतें सभी पुरानी , वो कोरे कागज़ , वो खाली स्याही , अब ख़त्म हुई यह सारी बंदगानी अब ख़त्म हुई यारो यह सारी बंदगानी ............

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Sooraj Jatthap

दोतरफ़ा मोहब्ब्त तो क़िस्मत की बात है  , एक तरफ़ा मोहब्बत ही ज़नाब इस दुनिया का रिवाज़ है...............✍

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Sooraj Jatthap

कुछ फासला रखना भी ज़रूरी है ज़नाब फिर चाहे वो रिश्ता कोई भी हो ,,,क्योकि कभी कभी ज़्यादा नजदीकियां शायद घुटन पैदा कर देती है😔

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Sooraj Jatthap

lonely quotes in hindi ज़िन्दगी की भीड़ में फिर हम इतना तन्हा हो गए ,
समझा ना कोई दिल की बातों को यहाँ
बस किसी के लिए फ़ुर्सत का ज़रिया 
तो ज़नाब किसी के लिए हम सिर्फ़ एक शायर हो गए 
..................✍

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Sooraj Jatthap

#HappyMakarSankranti #Pongal # bihu #Lohri आसमान का देखो आज यारो रंग बदल गया , रंग बिरंगी पतंगों से आज यह आसमान सज गया .. एक दूसरे से ऊपर उठने की होड़ है मची , तो देखो यारो यह कटी पतंग ना जाने कहाँ को चली ... उल्लासों का आज यह दौर है ,

#HappyMakarSankranti #Pongal # bihu #Lohri आसमान का देखो आज यारो रंग बदल गया , रंग बिरंगी पतंगों से आज यह आसमान सज गया .. एक दूसरे से ऊपर उठने की होड़ है मची , तो देखो यारो यह कटी पतंग ना जाने कहाँ को चली ... उल्लासों का आज यह दौर है ,

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Sooraj Jatthap

वक़्त लिखने बैठा आज मैं बड़े दिनों बाद वक़्त निकालकर , एक शब्द पर और वो था " वक़्त " ✍ हुआ यूँ यारो की वक़्त पर सोचने में वक़्त निकल गया , वक़्त पर लिखने में आज एक वक़्त निकल गया ... सच कहूँ तो यारो इस वक़्त का कोई वक़्त नही होता , एक वक्त लग जाता जिसको को पाने में यहाँ ताउम्र , उसे बदलने में यहाँ यारो वक़्त नही लगता ✍🏻 यारो जिस ज़िन्दगी को जीने में वक़्त लगता है यहाँ

वक़्त लिखने बैठा आज मैं बड़े दिनों बाद वक़्त निकालकर , एक शब्द पर और वो था " वक़्त " ✍ हुआ यूँ यारो की वक़्त पर सोचने में वक़्त निकल गया , वक़्त पर लिखने में आज एक वक़्त निकल गया ... सच कहूँ तो यारो इस वक़्त का कोई वक़्त नही होता , एक वक्त लग जाता जिसको को पाने में यहाँ ताउम्र , उसे बदलने में यहाँ यारो वक़्त नही लगता ✍🏻 यारो जिस ज़िन्दगी को जीने में वक़्त लगता है यहाँ

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Sooraj Jatthap

हर गम इस दिल का यारो हम हंसकर यूँही बस आगे बढ़ते गए , क्या बताए यारो अब, की वफ़ा के इस सफ़र में हम यूँही खुद को मिटाते चल गए , गुजारी हमने कुछ इस तरह यह ज़िन्दगी अपनी , की खुद रोये हर दफ़ा , हर मंजर में यहाँ यूँ ही अकेले

हर गम इस दिल का यारो हम हंसकर यूँही बस आगे बढ़ते गए , क्या बताए यारो अब, की वफ़ा के इस सफ़र में हम यूँही खुद को मिटाते चल गए , गुजारी हमने कुछ इस तरह यह ज़िन्दगी अपनी , की खुद रोये हर दफ़ा , हर मंजर में यहाँ यूँ ही अकेले

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Sooraj Jatthap

बिछड़ कर उन सब यारो से आज यह हकीकत खुली ज़िन्दगी की ज़नाब .. 

कि बेशक, बड़े कमीने थे सभी , पर रौनक भी तो उन्ही कमीनों से थी!!

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Sooraj Jatthap

 है किसी विडम्बना तू ही देख मेरे खुदा ,
दो कृति तेरी इस दुनिया मे एक नर और एक नारी , 
जब है समान तेरी आँखों यह तो 
फिर बता भला क्यों है इस संसार के लिए जुदा..??

एक के जन्म पर यह इंसान खुशिया मनाता ,
फिर क्यूँ दूसरे के जन्म पर यह हरदम एक दर्द जताता ,
है कृति दोनो उस ख़ुदा की , फिर क्यों यह इंसान यह भूल जाता??

है किसी विडम्बना तू ही देख मेरे खुदा , दो कृति तेरी इस दुनिया मे एक नर और एक नारी , जब है समान तेरी आँखों यह तो फिर बता भला क्यों है इस संसार के लिए जुदा..?? एक के जन्म पर यह इंसान खुशिया मनाता , फिर क्यूँ दूसरे के जन्म पर यह हरदम एक दर्द जताता , है कृति दोनो उस ख़ुदा की , फिर क्यों यह इंसान यह भूल जाता??

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Sooraj Jatthap

 खुले आसमान के तले ,इन सर्द हवाओं में ...
कुछ यादो को समेटे हुए ,
कुछ दर्द अब यारो अच्छे लगते है ..

ना कोई लगता अब अपना सा ,
और अपनो का साथ लगता एक सपना सा ,
उम्मीदों की आस छोड़े हुए , 
कुछ दर्द अब यारो अच्छे लगते है ....

खुले आसमान के तले ,इन सर्द हवाओं में ... कुछ यादो को समेटे हुए , कुछ दर्द अब यारो अच्छे लगते है .. ना कोई लगता अब अपना सा , और अपनो का साथ लगता एक सपना सा , उम्मीदों की आस छोड़े हुए , कुछ दर्द अब यारो अच्छे लगते है ....

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