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Sooraj Jatthap
आंखों से बहता आज यह पानी,
भला कैसी है यह मेरी जिंदगानी
जाहिर करता भी तो कैसे करता मैं भला यारो,
अब राख हुई मेरी वो हसरतें सभी पुरानी ,
वो कोरे कागज़ ,
वो खाली स्याही ,
अब ख़त्म हुई यह सारी बंदगानी
अब ख़त्म हुई यारो यह सारी बंदगानी ............
Sooraj Jatthap
Sooraj Jatthap
Sooraj Jatthap
Sooraj Jatthap
#HappyMakarSankranti#Pongal # bihu #Lohri
आसमान का देखो आज यारो रंग बदल गया ,
रंग बिरंगी पतंगों से आज यह आसमान सज गया ..
एक दूसरे से ऊपर उठने की होड़ है मची ,
तो देखो यारो यह कटी पतंग ना जाने कहाँ को चली ...
उल्लासों का आज यह दौर है ,
#HappyMakarSankranti#Pongal # bihu #Lohri
आसमान का देखो आज यारो रंग बदल गया ,
रंग बिरंगी पतंगों से आज यह आसमान सज गया ..
एक दूसरे से ऊपर उठने की होड़ है मची ,
तो देखो यारो यह कटी पतंग ना जाने कहाँ को चली ...
उल्लासों का आज यह दौर है ,
Sooraj Jatthap
वक़्त
लिखने बैठा आज मैं बड़े दिनों बाद वक़्त निकालकर , एक शब्द पर और वो था " वक़्त " ✍
हुआ यूँ यारो की वक़्त पर सोचने में वक़्त निकल गया ,
वक़्त पर लिखने में आज एक वक़्त निकल गया ...
सच कहूँ तो यारो इस वक़्त का कोई वक़्त नही होता ,
एक वक्त लग जाता जिसको को पाने में यहाँ ताउम्र ,
उसे बदलने में यहाँ यारो वक़्त नही लगता ✍🏻
यारो जिस ज़िन्दगी को जीने में वक़्त लगता है यहाँ
वक़्त
लिखने बैठा आज मैं बड़े दिनों बाद वक़्त निकालकर , एक शब्द पर और वो था " वक़्त " ✍
हुआ यूँ यारो की वक़्त पर सोचने में वक़्त निकल गया ,
वक़्त पर लिखने में आज एक वक़्त निकल गया ...
सच कहूँ तो यारो इस वक़्त का कोई वक़्त नही होता ,
एक वक्त लग जाता जिसको को पाने में यहाँ ताउम्र ,
उसे बदलने में यहाँ यारो वक़्त नही लगता ✍🏻
यारो जिस ज़िन्दगी को जीने में वक़्त लगता है यहाँ
Sooraj Jatthap
हर गम इस दिल का यारो हम हंसकर यूँही
बस आगे बढ़ते गए ,
क्या बताए यारो अब,
की वफ़ा के इस सफ़र में हम
यूँही खुद को मिटाते चल गए ,
गुजारी हमने कुछ इस तरह यह ज़िन्दगी अपनी ,
की खुद रोये हर दफ़ा ,
हर मंजर में यहाँ यूँ ही अकेले
हर गम इस दिल का यारो हम हंसकर यूँही
बस आगे बढ़ते गए ,
क्या बताए यारो अब,
की वफ़ा के इस सफ़र में हम
यूँही खुद को मिटाते चल गए ,
गुजारी हमने कुछ इस तरह यह ज़िन्दगी अपनी ,
की खुद रोये हर दफ़ा ,
हर मंजर में यहाँ यूँ ही अकेले
Sooraj Jatthap
Sooraj Jatthap
है किसी विडम्बना तू ही देख मेरे खुदा ,
दो कृति तेरी इस दुनिया मे एक नर और एक नारी ,
जब है समान तेरी आँखों यह तो
फिर बता भला क्यों है इस संसार के लिए जुदा..??
एक के जन्म पर यह इंसान खुशिया मनाता ,
फिर क्यूँ दूसरे के जन्म पर यह हरदम एक दर्द जताता ,
है कृति दोनो उस ख़ुदा की , फिर क्यों यह इंसान यह भूल जाता??
Sooraj Jatthap
खुले आसमान के तले ,इन सर्द हवाओं में ...
कुछ यादो को समेटे हुए ,
कुछ दर्द अब यारो अच्छे लगते है ..
ना कोई लगता अब अपना सा ,
और अपनो का साथ लगता एक सपना सा ,
उम्मीदों की आस छोड़े हुए ,
कुछ दर्द अब यारो अच्छे लगते है ....