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हर कोई लिखता है अपने लब्ज़ के लिए, जब लब्ज़ लिखने बैठ जाए तुम्हारे लिए, तो समजाना ज़िन्दगी की, नए पन्नों की शुरुवात होचुकी है.... संजीवनी poetry creater... quotes creater
sanjeevani gondane
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