Nojoto: Largest Storytelling Platform
madhusudanshriva5898
  • 245Stories
  • 4.4KFollowers
  • 9.9KLove
    22.1LacViews

Madhusudan Shrivastava

A simple person. Professionally a banker. Love poetry. Gmail and YouTube - madhu1181@gmail.com

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

White 💐💐💐💐
दीपोत्सव देकर जाए यह खुशियाँ अपरंपार
जीवन में दीपोत्सव आए सबके बारंबार 
💐💐💐💐

💐💐💐💐💐
प्रकाशता के पर्व पर प्रकाश दीप दीप्त हो
हो तिमिर अगर कहीं तो आज से वो लुप्त हो
अधर्म का हृदय से अब समूल नाश हो प्रभो 
दीप धर्म ज्ञान का सभी जगह प्रदीप्त हो 
💐💐💐💐💐💐

💐प्रकाश पर्व दीपावली की अनेकानेक शुभकामनाएं।💐

मधुसूदन श्रीवास्तव

©Madhusudan Shrivastava #happy_diwali
f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

White रकीबों से मेरे मिलकर बता दो क्या करोगे
मलाहत ज़ख़्म पर मलकर बता दो क्या करोगे

है ज़ख्मी चाक दिल धड़कन है इसकी थरथराती 
मेरा यह चाक दिल लेकर बता दो क्या करोगे 

मेरे जो पास आए बेवफ़ाई ही किए मुझसे 
मेरे अब पास तुम आकर बता दो क्या करोगे

मेरे ये ज़ख़्म हैं प्यारे इन्हें ऐसे ही रहने दो
मेरे जख्मों को तुम छूकर बता दो क्या करोगे 

बहुत बेसब्र हो जाने को तो जाना मगर अब
यूँ मुझसे दूर तुम जाकर बता दो क्या करोगे 

पिलाना है तुम्हें जो ज़ाम ग़ैरों को मोहब्बत से
तो फिर साकी मेरा होकर बता दो क्या करोगे 

हैं दिल में फासला फिर फायदा क्या साथ होने का 
यूँ मेरे साथ भी रहकर बता दो क्या करोगे

©Madhusudan Shrivastava #GoodMorning बता दो क्या करोगे

#GoodMorning बता दो क्या करोगे #शायरी

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

White 
मेरे नज़्मों की वो प्रेयसी बन गई
फिर वो गीत-ओ-ग़ज़ल शाइरी बन गई 

इस कदर ख़ुश हूं होता बयां अब नहीं 
तेरी मुस्कान, मेरी ख़ुशी बन गई 

तंज सुनते रहे फिर भी छोड़े नहीं 
मेरी पहचान ही सादगी बन गई

कुछ न कहना मेरा क्या ग़ज़ब ढा गया
मेरी नीयत ही अब ख़ामुशी बन गई

उससे रौशन था मेरा जहां ए ख़ुदा 
वो गई, ज़िंदगी तीरगी बन गई

©Madhusudan Shrivastava #GoodNight
f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

एक खयाल

एक खयाल #शायरी

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

White  प्यार की लौ हर इक दिल में जला दी जाए    
आग नफ़रत की मोहब्बत से बुझाई जाए 

शोर में मुफलिसों की बात दब न जाय कहीं 
बात मजलूम के हक़ की भी उठाई जाए 
 
जान बसती है भारत की अब भी गांवों में
बात यह आज दिल्ली को बता दी जाए 

वक़्त मुश्किल से भरता है दिल के ज़ख़्मों को
हो मुहब्बत तो शिद्दत से निभाई जाए

बेवफाई भी मुकर्रर हो जुर्म कानूनन 
फिर कड़ाई से इसकी भी सजा दी जाए

©Madhusudan Shrivastava #good_night एक आज़ाद ख़्याल

#good_night एक आज़ाद ख़्याल #शायरी

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

मत देना 
एक ग़ज़ल

मत देना एक ग़ज़ल #Poetry

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava #गजल 
मुस्कुरा के रूप

#गजल मुस्कुरा के रूप #Poetry

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

 हिंदी कविता

हिंदी कविता

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

White तुम हो स्थिर एक अणु सा, चुम्बकीय आवेश मैं हूँ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ।
 
ज्ञान का भंडार तुम हो,विज्ञता के शीर्ष पर तुम।
ज्ञान के उस पात्र में से शेष का अवशेष मैं हूँ ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ।

हल हो तुम प्रश्नों का प्रिय तो हर परीक्षा में विफल मैं।
हो समय का आज तुम तो ना कभी आया वो कल मैं ।।

मैने किसका किया बिगाड़ा मैं ही पीड़ित प्रश्न मुझपर ।
बात संबंधों की हो तो मित्रता तुम, क्लेश मैं हूँ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।

प्रेम जो मैने लिखा वो अश्रुओं में बह गया था ।
तुम पथिक बढ़ते गए मैं देखता ही रह गया था।

पात्र हम-तुम बन गए हैंफिर कहानी यूँ लिखी की,
चीख कर कहता कथानक प्रीत तुम और द्वेष मैं हूँ ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।

मूढ़ था आकाश को छुने की जो कोशिश किया था।
व्योम की उस व्याप्तता में मैं भटकता रह गया था।

ना मिला गंतव्य मुझको  किसको क्यूँ मैं दोष देता
ना पता था मुझको प्रियवर तुम हो व्यापक लेश मैं हूँ।

ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।

©Madhusudan Shrivastava
  #moon_day 
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ Kumar Shaurya  MM Mumtaz  Pyare ji  Shilpa Yadav  Vishalkumar "Vishal"

#moon_day ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ Kumar Shaurya MM Mumtaz Pyare ji Shilpa Yadav Vishalkumar "Vishal" #कविता

f077592292fa0d21a3d35c67a75deaef

Madhusudan Shrivastava

तरू पल्लव जड़ फल फूलों अरु   शाखाओं पर पुष्पित राम। 
दृश्य नहीं हैं किंतु सृष्टि में    कण-कण घट-घट व्यापित राम। 

राज महल के भोग छोड़ कर     मर्यादा को मान दिये। 
कुल मर्यादा अरु समाज के     मूल्यों का वो ज्ञान दिये। 
विधि लेती है कठिन परीक्षा,     नहीं थे इससे वंचित राम। 

दृश्य नहीं हैं किंतु सृष्टि में     कण-कण घट-घट व्यापित राम।। 

शिव के अप्रतिम भक्त राम तो    राम-भक्त भोले शंकर। 
एक दूजे की शक्ति हैं दोनो      रघुनंदन अरु रामेश्वर। 
रघुकुल भूषण सूर्यवंश मणि    सियापति शिव पूजित राम।

दृश्य नहीं हैं किंतु सृष्टि में    कण-कण घट-घट व्यापित राम ।। 

साथी धर्म निभाने को वो,    शक्ति बाण भी सह लेते। 
जीत के लंका लंकापति से,   राज्य विभिषण को देते। 
देवों के हैं देव किंतु,    हैं सहज सरल अनुशासित राम। 

दृश्य नहीं हैं किंतु सृष्टि में    कण-कण घट-घट व्यापित राम।। 

सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलियुगराम   के ग्रंथों का सार हैं राम। 
भाषा भाष्य विभाषा हैं वो    परिभाषा के पार हैं राम। 
किन्तु जगत में समय समय पर   किये गए परिभाषित राम।

दृश्य नहीं हैं किंतु सृष्टि में    कण-कण घट-घट व्यापित राम ।। 

हे सृष्टा, हे सृष्टि नियंता,  तुम ही नियम, नियामक भी। 
संहारक हो दुष्टों का तुम,   तुम ही जगत के पालक भी। 
सुर नर मुनि के श्रेष्ठ आचरण   से सज्जित मर्यादित राम। 

दृश्य नहीं हैं किंतु सृष्टि में   कण-कण घट-घट व्यापित राम।। 
जन मानस के रोम रोम अरु   हिय पर सबके अंकित राम।

©Madhusudan Shrivastava
  राम राम राम राम राम Sircastic Saurabh @it's_ficklymoonlight Sudha Tripathi poetess Pratima Upadhyay

राम राम राम राम राम Sircastic Saurabh @it's_ficklymoonlight Sudha Tripathi poetess Pratima Upadhyay #कविता

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile