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अनपढ़- गंवार नहीं हैं साहब/ साहिबा! हिंदी उतनी ही पसंद है जितनी अपनी मां, इसलिए India नहीं हिन्दुस्तान कहता हूं🙏🙏 समझ-समझ का फेर हैं साहब! नही तो हेर हैं, समझो तो रास्ता नहीं तो दरिया लेकिन दोनों का मार्ग एक हैं🙏🙏
kavi Shobharam Patel
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