कितना कुछ बह रहा है
आकाश,बादल, हवा, दरिया
साँसे, धड़कन, मष्तिक, मन
यहाँ तक कि पूरी
आकाश गंगा भी ब्रमांड में बह रही है
इन सबको बहता मैं
तभी देख पाया
जब मैंने इस्तिर होना सीखा #Moon#Questions#meditation#विचार#awakening#Stillness
मुझे हर चीज़ सावन नुमा मालूम पड़ती है
जब चुपके से एक धीमी खुशबू
ख्वाबों का पिंजरा तोड़
हकीक़त में आ मिलती है
वो याद हर ज़र्रा ज़र्रा रौशन करती है
और आहिस्ता आहिस्ता नशा उड़ेला करती है
ये खुशबू, ये यादें, मुझें दीवाना किया करती हैं
सूखे सावन को बुलाया करती हैं #NatureLove#कविता
सुनो
एक छोटा सा ये ख़त तुम्हारे नाम
जिसमे मैं तुम्हारा शुक्रिया करना चाहूँगी
वो साथी बनने के लिए नहीं
जो कि तुम हो
और उसको बेहतरीन तरीके से निभा रहे हो
बजाये इसके की तुम
वो पुरूष हो #Khat#ishq#lovers#विचार#companionship#lovetaj