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ujjwalsharma1240
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Ujjwal Sharma

Let's Dive Within @ujjwalsss

doonphotographs.blogspot.in

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Ujjwal Sharma

कितना कुछ बह रहा है
आकाश,बादल, हवा, दरिया
साँसे, धड़कन, मष्तिक, मन
यहाँ तक कि पूरी
आकाश गंगा भी ब्रमांड में बह रही है
इन सबको बहता मैं 
तभी देख पाया 
जब मैंने इस्तिर होना सीखा
पर इन सबके बीच मैं
किसी और इस्तिर चीज़ को न देख पाया
आख़िर ये कैसा आभास है?
ये कैसी जागृति है?
क्या मेरा रुकना ठीक है?
क्या अनंत रूप में बहना ठीक है?
मैं इन सवालों के जवाब नहीं जानता
फिलहाल मैं और इस्तिर होने की
कोशिश कर रहा हूँ
हो सका तो नदी की धार में
बड़ी सी चट्टान बन जाऊँगा
या शायद बह जाऊँगा 
इन सवालों की लहर के साथ
तुम बताओ
क्या तुमने कभी
किसी फूल को खिलते देखा है ?

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma कितना कुछ बह रहा है
आकाश,बादल, हवा, दरिया
साँसे, धड़कन, मष्तिक, मन
यहाँ तक कि पूरी
आकाश गंगा भी ब्रमांड में बह रही है
इन सबको बहता मैं 
तभी देख पाया 
जब मैंने इस्तिर होना सीखा

कितना कुछ बह रहा है आकाश,बादल, हवा, दरिया साँसे, धड़कन, मष्तिक, मन यहाँ तक कि पूरी आकाश गंगा भी ब्रमांड में बह रही है इन सबको बहता मैं तभी देख पाया जब मैंने इस्तिर होना सीखा #Moon #Questions #meditation #विचार #awakening #Stillness

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Ujjwal Sharma

तुमने पूछा तो बता देता हूँ
जहाँ तक मैं समझता हूँ
जलन तब शुरू होती है
जब कोई तुमसे आगे नहीं
बल्कि तुम खुद से पीछे रह जाते हो
और असल मायनों में
खुद से चिढ़ जाते हो
क्योंकि बाकी सब तो भाग ही रहे है
और इतना आगे निकल गये हैं
की तुम्हारी आवाज़ भी
उनको दौड़ में सुनाई नहीं देती
और यही बात बनती है
जलन के अग्नि का ईंधन
शायद इसीलिए सब 
इसी दौड़ में तेज़ी से भाग रहे हैं
क्योंकि उनको पता हैं
पीछे रह जाने वाला का हाल
इसलिए मेरी मानो 
और इस दौड़ से अलग हो जाओ
जितनी बार गिर के भागोगे
उतनी बार किसी और कि आवाज़
को अनसुना करोगें
ख़ैर ये बताओ 
तुम सपने तो देखते होना?

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma तुमने पूछा तो बता देता हूँ
जहाँ तक मैं समझता हूँ
जलन तब शुरू होती है
जब कोई तुमसे आगे नहीं
बल्कि तुम खुद से पीछे रह जाते हो
और असल मायनों में
खुद से चिढ़ जाते हो
क्योंकि बाकी सब तो भाग ही रहे है

तुमने पूछा तो बता देता हूँ जहाँ तक मैं समझता हूँ जलन तब शुरू होती है जब कोई तुमसे आगे नहीं बल्कि तुम खुद से पीछे रह जाते हो और असल मायनों में खुद से चिढ़ जाते हो क्योंकि बाकी सब तो भाग ही रहे है #Question #Thinking #Race #answer #कविता #jealousy #mentalHealth #understating

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Ujjwal Sharma

ये सारी उलझने
किसी रोज़ एक मुस्कान के साथ
गायब हो जायेगी
और उसके बाद
कुछ लोग उन उलझनों 
को याद करते
लिखेंगे कुछ और नई उलझने
और देंगे उनको नाम
एक
कहानी का
और वो कहानियाँ 
फिर बन जाएगी 
किसी उपन्यास का बीज
जिसका वृक्ष ऊँचा और हरा होगा
हवाएँ उसकी पत्तियों से
सूखे किरदार को टहनियों से अलग कर
ज़मीन पर फैला देगी
सब उन नई उलझनों का अंत ढूढेंगे
और फिर एक दिन
उसी निष्कर्ष पे आकर हँस पड़ेंगे
ठीक इसी तरह शुरू होती हैं
रिवायत
ख़ैर ये सब छोड़ो
तुम बताओ 
क्या तुम्हारे उलझनों के वृक्ष पर
कोई घोसला हैं?

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma ये सारी उलझने
किसी रोज़ एक मुस्कान के साथ
गायब हो जायेगी
और उसके बाद
कुछ लोग उन उलझनों 
को याद करते
लिखेंगे कुछ और नई उलझने
और देंगे उनको नाम

ये सारी उलझने किसी रोज़ एक मुस्कान के साथ गायब हो जायेगी और उसके बाद कुछ लोग उन उलझनों को याद करते लिखेंगे कुछ और नई उलझने और देंगे उनको नाम #Problems #Hindi #कविता #Trees #Confusion #mentalHealth #Monologue #Lifeissues #emptystreets

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Ujjwal Sharma

मन चंचल सही
तुम तो इस्थिर हो
सारा दोष मन पे क्यों डालते हो
माना हर जीवन के बाद
पड़ जाता हैं एक पर्दा
पर क्या तुम्हारे हर जन्म में
तुमको तुम्हारे बीते और आगे 
के जन्मों के बारे में नहीं बताया
आख़िर इंतज़ार किसका हैं
पुनर्जन्म का या पुनर्मृत्यु का?
या पसंद आगयी हैं ये क़ैद तुमको?
मेरा रास्ता अलग हैं ये कह कर भी
मिलेगी तुमको मृत्यु ही
मुझसे पूछो तो
ये देह का लालच छोड़ो
और अपने आप को पहचानों
यही बात मैं तुम्हें कितने ही जन्मों से
बताता आ रहा हूँ
अभी कर रहे हो अनसुना
फिर दुबारा चाँदनी रात में
बैठ के जीवन के बारे में जब रोओगे
मैं तब याद आऊँगा तुमको
या आऊँगा याद तब जब मृत्यु को साथ लाऊँगा
जिसको देख तुम चिल्ला पड़ोगे
पिछले हर जन्म की तरह
इस बार फिर आया हूँ
तुमको जगाने
अगर फिर भी न जागो
तो दोष मेरा हैं
शायद मेरी आवाज इतनी बुलंद नहीं
चलो अब चलता हूँ
वैसे भी मेरी याद मेरे जाने के बाद ही आएगी
और मेरी आवाज़ भी

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma मन चंचल सही
तुम तो इस्थिर हो
सारा दोष मन पे क्यों डालते हो
माना हर जीवन के बाद
पड़ जाता हैं एक पर्दा
पर क्या तुम्हारे हर जन्म में
तुमको तुम्हारे बीते और आगे 
के जन्मों के बारे में नहीं बताया

मन चंचल सही तुम तो इस्थिर हो सारा दोष मन पे क्यों डालते हो माना हर जीवन के बाद पड़ जाता हैं एक पर्दा पर क्या तुम्हारे हर जन्म में तुमको तुम्हारे बीते और आगे के जन्मों के बारे में नहीं बताया #Death #Sound #Divine #misery #विचार #lonliness #calling #reborn #walkingalone #calloflife

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Ujjwal Sharma

जब हमारी मंज़िल एक है तो
हमारे रास्ते क्यों नहीं मिलते?
तुम्हारे बिना जीवन
हथेली पे पिघलती बर्फ़ जैसा लगता है
जिसको मैं चाह कर भी
पिघलने से नहीं रोक सकता
टपकती हैं बर्फ़
और ग़ायब होता हूँ मैं
कहने को कुछ इक्कीस महीने हुए हैं
जिसमें दूसरी बहार इस सर्दी के बाद आएगी

जा तो मैं भी सकता था
पहाड़ो पर 
औरो की तरह अपना ग़म 
वहाँ छोड़ कर आ सकता था
पर अफ़सोस तुम आबशारों को बंजर
और सूखा छोड़ कर गये हो
मैं चाहूँ भी तो छोटी सी बरसात से
तुम्हारी महक नहीं जगा सकता

इस दूर वीराने में अँधेरा बढ़ता जा रहा है
और सर्द हवायें मुझे अपने मे
मिलाना चाहती हैं
मुझें डर हैं कि मैं कहीं खो ना जाऊँ
इसलिए हमारी राहों को मिलना ज़रुरी हैं
ख़ैर ये फ़ैसला भी तुम्हारे हक़ में छोड़ता हूँ
तुम बताओ
मेरे बिना कैसे हो?

उज्ज्वल

©Ujjwal Sharma मंज़िल

जब हमारी मंज़िल एक है तो
हमारे रास्ते क्यों नहीं मिलते?
तुम्हारे बिना जीवन
हथेली पे पिघलती बर्फ़ जैसा लगता है
जिसको मैं चाह कर भी
पिघलने से नहीं रोक सकता

मंज़िल जब हमारी मंज़िल एक है तो हमारे रास्ते क्यों नहीं मिलते? तुम्हारे बिना जीवन हथेली पे पिघलती बर्फ़ जैसा लगता है जिसको मैं चाह कर भी पिघलने से नहीं रोक सकता #Destination #manzil #milan #raaste #विचार #raahein #vireh #AkelaMann

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Ujjwal Sharma

ये आज का संसार हैं
जहाँ हर कोई अकेला है
जहाँ हम सब हमदर्द हैं
और हम सब को सबसे दूर भागना हैं

भागना हैं दूर क्षितिज के किसी किनारे पे
पर इस गोल संसार में
हम जहाँ से शुरू होते हैं
वहीं आ लौटते हैं

और ये हो भी क्यों न
आख़िर हम दुःख से डूबे हुए 
इस समंदर में जो तैर रहे हैं

हमको बचाने वाला हाथ भी
दूसरे डूबते बन्दे का ही तो हैं
पर भला कभी कोई सोता हुआ
किसी और को सपने देखने से रोक सकेगा?

डरो मत
हम इस समंदर में तो हैं
पर समंदर तैर के नहीं
नाऊ से पार होते हैं

दुःख से इतना लगाव अच्छा नहीं
अकेले रहने में कोई हर्ज़ नहीं
चुप रहना कुछ बुरा नहीं
ख्यालों का पीछा करना आसान नहीं

ख़ैर ये तो चलता रहेगा
तुम बताओ
क्या आज तुम खुश हो?
क्या तुम सही से सो पाये ?

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma ये आज का संसार हैं
जहाँ हर कोई अकेला है
जहाँ हम सब हमदर्द हैं
और हम सब को सबसे दूर भागना हैं

भागना हैं दूर क्षितिज के किसी किनारे पे
पर इस गोल संसार में
हम जहाँ से शुरू होते हैं

ये आज का संसार हैं जहाँ हर कोई अकेला है जहाँ हम सब हमदर्द हैं और हम सब को सबसे दूर भागना हैं भागना हैं दूर क्षितिज के किसी किनारे पे पर इस गोल संसार में हम जहाँ से शुरू होते हैं #sadness #peaceofmind #depression #विचार #lonliness #seashore #mentalHealth #mentalhealthmatters #mentalhealthawareness #mentlelove

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Ujjwal Sharma

मुझे हर चीज़ सावन नुमा मालूम पड़ती है
जब चुपके से एक धीमी खुशबू
ख्वाबों का पिंजरा तोड़
हकीक़त में आ मिलती है
वो याद हर ज़र्रा ज़र्रा रौशन करती है
और आहिस्ता आहिस्ता नशा उड़ेला करती है
ये खुशबू, ये यादें, मुझें दीवाना किया करती हैं
सूखे सावन को बुलाया करती हैं
वक़्त की सुई से आगे भागती
जब वो तुम्हारी उंगलियों में फँस जाया करती है
सच मानो एक लंबी नींद के बाद जैसे आँखे खुला करती हैं

जिस्म की क़ैद से रिहाई के बाद वो
तारों से आगे अगले जहाँ में ले जाया करती हैं
वहाँ पहुँच कर ये एहसास दिलाया करती है
अपने बिम्बे से मुलाकात कराया करती हैं
मुझे सावन से मिलाया करती हैं

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma मुझे हर चीज़ सावन नुमा मालूम पड़ती है
जब चुपके से एक धीमी खुशबू
ख्वाबों का पिंजरा तोड़
हकीक़त में आ मिलती है
वो याद हर ज़र्रा ज़र्रा रौशन करती है
और आहिस्ता आहिस्ता नशा उड़ेला करती है
ये खुशबू, ये यादें, मुझें दीवाना किया करती हैं
सूखे सावन को बुलाया करती हैं

मुझे हर चीज़ सावन नुमा मालूम पड़ती है जब चुपके से एक धीमी खुशबू ख्वाबों का पिंजरा तोड़ हकीक़त में आ मिलती है वो याद हर ज़र्रा ज़र्रा रौशन करती है और आहिस्ता आहिस्ता नशा उड़ेला करती है ये खुशबू, ये यादें, मुझें दीवाना किया करती हैं सूखे सावन को बुलाया करती हैं #NatureLove #कविता

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Ujjwal Sharma

एक बात कहूँ
यूँ न पूछा करो
बार बार 
की मैं कैसा हूँ?
मैं शायद रो पडूँ,
मेरे आबशारों का पानी
लौट आया हैं,
वो मयस्सर हैं
उन सारी बातों में
जिनको मैं किसी से 
कह नहीं सकता,
इसलिए कहता हूँ
यूँ न पूछा करो
की मैं कैसा हूँ?

उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma एक बात कहूँ
यूँ न पूछा करो
बार बार 
की मैं कैसा हूँ?
मैं शायद रो पडूँ,
मेरे आबशारों का पानी
लौट आया हैं,
वो मयस्सर हैं

एक बात कहूँ यूँ न पूछा करो बार बार की मैं कैसा हूँ? मैं शायद रो पडूँ, मेरे आबशारों का पानी लौट आया हैं, वो मयस्सर हैं #Love #कविता #remembrance #stairs #selfless #mentalHealth

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Ujjwal Sharma

एक रोज़ मैं खो दूँगा
ये गोश्त का थैला
इसकी गर्म हवा
खून से लतपत जिगर
अरमानों की आग
सीने की जलन
ख़्यालों का समागम
और सबसे ऊपर अपना मन
इसी थैले के कपड़ो के साथ

शायद इसे न गंगा
नसीब होगी
न छु पाएगी आग इसको
दफ़न होना तो वैसे भी
दूर की बात हैं


खुद के पाने की तलाश में
ऐसा मुमकिन हैं
भला लैला इतनी आसानी से
किसी को मिली हैं?

इन सब को बहुत पीछे छोड़ 
मैं उससे मिलूँगा
उस पहाड़ी मैदान में
ढलते सूरज की चमक के साथ

ख़ैर सावन आने को हैं

तुम बताओ
तुम अभी तक ज़िंदा हो?
तुम मरे नहीं?


उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma एक रोज़ मैं खो दूँगा
ये गोश्त का थैला
इसकी गर्म हवा
खून से लतपत जिगर
अरमानों की आग
सीने की जलन
ख़्यालों का समागम
और सबसे ऊपर अपना मन

एक रोज़ मैं खो दूँगा ये गोश्त का थैला इसकी गर्म हवा खून से लतपत जिगर अरमानों की आग सीने की जलन ख़्यालों का समागम और सबसे ऊपर अपना मन #Life #Love #One #कविता #beloved #Grassland #Arpan

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Ujjwal Sharma

सुनो
एक छोटा सा ये ख़त तुम्हारे नाम
जिसमे मैं तुम्हारा शुक्रिया करना चाहूँगी
वो साथी बनने के लिए नहीं
जो कि तुम हो
और उसको बेहतरीन तरीके से निभा रहे हो
बजाये इसके की तुम 
वो पुरूष हो
जिसने मुझे कभी क़ैद नहीं किया
न ही कभी मेरे पंख काटे
तुमने बड़े ही कोमल ढंग से
मुझें अपने साथ रखा
ठीक वैसे रखा जैसे मैं रहना चाहती थी
चाहे आज हमारे साथ बीते इतने सालों में
तुमने मुझे कभी ख़र्च होने नही दिया
उल्टा मैं तुम्हारे और नज़दीक आयी हूँ
और विश्वास मानों ये क़रीबी
बेहद खूबसूरत हैं
क्योंकि जितनें पास से मैं तुमको देखती हूँ
तुम मुझें और भी प्यारे लगते हो
तुम्हारा यूँ निःस्वार्थ होना
एक अलग ही कशिश पैदा करता है
हमारे दरम्यान
अब मैं उस कशिश को प्रेम समझ 
इबादत करूँ
या इश्क़ के अगले मक़ाम पे ले चलूँ
मुझे उस हर एक कदम पर 
तुम्हारा साथ चाहिए
और ये सब सिर्फ इस जन्म तक
महदूद नही रखना चाहती हूँ
मैं तुम्हें अनन्त से अनन्त तक
प्रेम करना चाहती हूँ
इसलिए तुम्हारा शुक्रिया
इस प्रेम में मुझ संग एक होने के लिए

तुम्हारी प्रेयसी
जोगन

©Ujjwal Sharma
  सुनो
एक छोटा सा ये ख़त तुम्हारे नाम
जिसमे मैं तुम्हारा शुक्रिया करना चाहूँगी
वो साथी बनने के लिए नहीं
जो कि तुम हो
और उसको बेहतरीन तरीके से निभा रहे हो
बजाये इसके की तुम 
वो पुरूष हो

सुनो एक छोटा सा ये ख़त तुम्हारे नाम जिसमे मैं तुम्हारा शुक्रिया करना चाहूँगी वो साथी बनने के लिए नहीं जो कि तुम हो और उसको बेहतरीन तरीके से निभा रहे हो बजाये इसके की तुम वो पुरूष हो #Khat #ishq #lovers #विचार #companionship #lovetaj

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