परिचय सत्य वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जिले के कस्बे सैदपुर में सन 8/3/ 1947 में हुआ था। इनके पिता जी का नाम दिनेश वर्मा तथा माता जी का नाम स्वर्गीय आनंदी देवी था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सनफ्लावर में एलकेजी से लेकर कक्षा 6 तक ही हो पाई उसके बाद इनकी माता आनंदी देवी का निधन हो गया और इनको अपने परिवार सहित गांव जाना पड़ा वहां सादात से ही इनकी शिक्षा फिर प्रारंभ हुई कक्षा 6 से 12वीं तक शिव महंत शिव दास उदासीन इंटर कॉलेज में हुआ पिताजी ने इनका साथ हर कदम पर दिया और मां की कमी का कभी भी एहसास तक ना होने दिया। इनको अपने जीवन में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और बहुत मुश्किल से यह आगे बढ़ पाई। माता के ना होने के कारण इनको अपनी शिक्षा बस घर से ही पूरी करनी पड़ी यह घर पर बच्चों को कोचिंग पढ़ाई भी करती थी उनके साथ बहन एक भाई हैं इनको चित्रकला हर तरह का बनाना बहुत पसंद है इनका विवाह 2017 में आजमगढ़ के जिले के गांव सराय त्रिलोचन हरिया बाजार में हुआ इनके विवाह के बाद बीए द्वितीय वर्ष के चार पेपर के बाद वैवाहिक जीवन की जिम्मेदारियों को संभालने के कारण अपनी शिक्षा को स्थगित करना पड़ा। परंतु इनको अपनी शिक्षा पूरी करने की बहुत इच्छा थी जो एक कलाकार बनना चाहती थी और यह सपना सपना ही रह गया पेंटिंग कला आज भी बनाया करती हैं इनका एक पुत्र भी है 2 वर्ष का आदित्य वर्मा कविताएं लिखने ने बेहद पसंद है कहानियां विचाराधीन की कला और कविताएं 29/11/2020 से लखनऊ की अखबार स्पष्ट आवाज में भी हर शनिवार को छपती है हृदय की बहुत ही संवेदनशील नारी है जीव जंतुओं तथा पक्षियों से ने अत्यधिक ने हैं ईश्वर और प्रकृति प्रेमी है लोगों के हृदय में प्रेम और मानवता को उदय करना ही इनका उद्देश्य है यह जीवन में उच्च शिखर तक जाने की प्रतिपल प्रयास करती हैं। और गरीब असहाय योग की भी सहायता करना चाहती हैं इनको अपने जीवन में अत्यधिक या कष्टों का सामना करना पड़ा आज भी अपने जीवन को बदलने के लिए रात को जाकर की कविताएं लिखती तथा कलाएं बनाती रहती इनका स्वभाव शांति तथा नाम मुश्किल है कम बोलना आज अधिक कार्य करना हमको पसंद है एकांत में रहना ज्यादा पसंद करती है और प्रकृति से सदैव ही बातें करती हैं मनुष्य को मनुष्य का शिकवा ना ही इनके जीवन का उद्देश्य है। सत्या वर्मा