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kavikaranjagdish1548
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Kavi Karan Jagdishpuri

writter, poetic, that is my dreams

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Kavi Karan Jagdishpuri

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Kavi Karan Jagdishpuri

देखते ही उन्हे हम भी घबरा गये
पास आते ही वो  भी  सरमा गये

खता ही नही थी हमारी सनम से
इसलिए पैर  उनके  डगमगा गये

सो बताने लगे अपनी मजबूरियाँ
 बात सुनके  उनकी  मुस्कुरा गये

अपनी गलती भला कौन कहता
मेरी गलती हम ही  को सुना गये

सोचके  हँसते  रहे  बातों पे  हम
छोटे से जख्म को नासूर बना गये
       कवि करन जगदीशपुरी
              लखनऊ उ प्र

©Kavi Karan Jagdishpuri #Light
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Kavi Karan Jagdishpuri

बड़े  सुलझे  हुये  से  लगते हो
क्या  हवाओं के संग चलते हो

हर  तरफ़ रोशनी  है  तेरी यहाँ
इसलिए चाँद सा तो दिखते हो

तेरे दिल में नही  है खोट  यहाँ
तभी तो फूल बनके खिलते हो

तुमपे साया है कई वलियों का
बात  सबकी तभी तो सुनते हो

हो न जाये कहीं कोई गलती
बस यही बात से तो डरते हो

सलामत रहे सदा मुल्क मेरा 
तुम दुवाओं में यही कहते हो
      कवि करन जगदीशपुरी
           लखनऊ उ प्र

©Kavi Karan Jagdishpuri #Hope
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Kavi Karan Jagdishpuri

इक नदी  रेत की  बेहती है  मेरे   शहर में
आँख के अश्क सदा कहती है मेरे शहर में

खाक हो गया देखो हर एक  मंजर  यहाँ
हर धड़कने  घबराके  रोती है  मेरे शहर में

आज कल पानी से सस्ते बिक रहे है रिश्ते
तुम जरा देखो झूँठी  मस्ती है मेरे  शहर में

कुछ लिये मोहब्बत के दिये घूमते है अभी
उन सबो की उजालो से रोशनी है मेरे शहर में

बेवफाई की हद  होती है  चिलमन  में जरा
मत उजाड़ो अभी इश्क खिलती है मेरे शहर में

सिर्फ़ दिखाने के लिए लोग मददगार है यहाँ
ये नजाने किस तरह की हस्ती है मेरे शहर में

जिन बहारों से आती नही खुशबू कभी सुनो
अब वही तो कलियाँ खिलती है मेरे शहर में

इक मसक्कत की हद  होती है एक  तरह से
दिन में कम रात को कटती बिजली है मेरे शहर में
                कवि करन जगदीशपुरी

©Kavi Karan Jagdishpuri #Nofear
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Kavi Karan Jagdishpuri

मेरी गलियों में श्याम तुम आना छोड़ दो
हम विरहन को जरा यूँ सताना छोड़ दो

दर्द बड़ता है जब जब  दूर जाते  है हम
सिद्दत से बोलूँ यार दिल लगाना छोड़ दो

तू छलिया है हमें भी मालूम है यहाँ पर
इसलिए कहती हूँ बंसी बजाना छोड़ दो

हम है छोटे  ग्वाले  इस गाँव के  सभी 
दोस्तों के साथ माखन चुराना छोड़ दो

ये दर्द कम  गेहरा  है अभी  और होगा
अब प्यारे मुझसे मिलना मिलाना छोड़ दो

हम तो पागल हो गये तेरे प्यार में बहुत
अब बस करो झूँठा रास दिखाना छोड़ दो 
             कवि करन जगदीशपुरी
            लखनऊ उ प्र

©Kavi Karan Jagdishpuri #Rose
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Kavi Karan Jagdishpuri

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Kavi Karan Jagdishpuri

#Geetkaar
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Kavi Karan Jagdishpuri

#Geetkaar
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Kavi Karan Jagdishpuri

#iloveyou
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Kavi Karan Jagdishpuri

#Kathakaar
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