यूं धुआ धुआ सा हू,
ना जाने कोन सी उलझन है,
अभी तक तेरी सादगी के कायल थे,
अब तेरी कशिश की दीवाने है...!
---(GUSTAKHI MAAF) #Thoughts
someone special
तू जिस्म नहीं मेरा, तो रूह कैसे बन गई,
तू दिल नहीं मेरा तो, धड़कन कैसे बन गई,
तू हवा नहीं मेरी तो, सांसें कैसे बन गई,
यू तो सब कुछ है मेरे पास, फिर जिंदगी कैसे बन गई...!
---(GUSTAKHI MAAF) #Thoughts
someone special
मेरे दोस्त मुझे पागल कहते हैं,
उनका कहना है मैं बैठे-बैठे रोने लगता है,
अब कोई तो उन्हें बताए,
हंसने की बजह तो तू अपने साथ ले गई...!
---(GUSTAKHI MAAF) #Thoughts
someone special
मेरे दोस्त मुझे पागल कहते हैं,
उनका कहना है मैं बैठे-बैठे रोने लगता है,
अब कोई तो उन्हें बताए,
हंसने की बजह तो तू अपने साथ ले गई...!
---(GUSTAKHI MAAF) #Thoughts