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pawankrsingh4110
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pawan kr singh

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pawan kr singh

न करते इजहार तो क्या करते
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न करते इजहार
तो क्या करते 
इक़्क़ फितरतन
मुश्क जैसा
उड़ जाता जो न ढकते
क्या कहते, कब कहते
कब तक बात धूमाते रहते
न करते इजहार 
तो क्या करते

मजबूरिया इश्क़ में
कुछ जुदा है
दिल अपना
पर फिदा है
ख्याल मात्र
और तीव्र स्पंदन
तन मन को बेकाबू करते
न करते इजहार 
तो क्या करते

बेफिक्र, लापरवाह
बेसब्र लहजा मेरा
जिम्मेदार सा होने लगा 
चंचल, हठी, उदंड मन 
शांत सा पड़ने लगा
गर बात मन की 
मन मे रखते
घुट घुट कर 
यू कब तक रहते
सिलवटे मन की 
न सुलझाते तो क्या करते
न करते इजहार 
तो क्या करते

ख्यालो में उड़ने लगा
आरजू इजहारे ए इश्क़ 
इस कदर बढ़ने लगी
क्या शाम
क्या सुबह

हर रोज आज को 
कल पर टाला करते
हिम्मत जुटाते 
बात करते
पर वो न कहते 
जो सोचा करते
मन को दिलासा
कब तक देते रहते
न करते इजहार 
तो क्या करते

रचना-पवन #splash2020
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pawan kr singh

इंसा इंसा न हुआ

इंसा इंसा न हुआ

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pawan kr singh

झांकता हू अपने गिरेवा में, जब मैं
रावण मरता नही मुझ मैं
मैं कोशिश करता रहूंगा
रावण से लड़ता रहूंगा #quotes
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pawan kr singh

"छत भीग रही है तन्हा, तुम कहा हो"
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बारिश है, मौसम है, तुम कहा हो
मौका है दस्तूर है
तुम कहा हो
छत भीग रही है तन्हा
तुम कहा हो

बहुत दिन हुए
बेसन को भीगे हुए
तेरे माथे से लिपटे हुए
रसोई सुन रही है
मौसम का शोर तन्हा
तुम कहा हो
ओलो की झडझड
मौसम की रौनक
छज्जा ताक रहा है तन्हा
तुम कहा को
छत भीग रही है तन्हा
तुम कहा हो

गिले शिकवे फिर कभी
मुझसे मेरी शिकायते, फिर कभी
ये झमाझम बारिश
ये पानी की बौछारे
मिलने को तुझसे
लड़ रही है खिडकी से तन्हा
तुम कहा को
छत भीग रही है तन्हा
तुम कहा हो

रचना-पवन बारिश है मौसम है तुम कहा हो
छत भीग रही है तन्हा तुम कहा हो
#RDV19 #right2write #IITKIRDAAR #nojotonagda #whycensored #IITkavyanjali

बारिश है मौसम है तुम कहा हो छत भीग रही है तन्हा तुम कहा हो #RDV19 #right2write #IITKIRDAAR #nojotonagda #whycensored #iitkavyanjali

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pawan kr singh

"हर बार ऐतबार करके"
--/--
सुलझ सुलझ के,
उलछे है इश्क़ में,
रात दिन अब,
चैन की फिराक में,
खुदा और खुद से भी दूर हुए,
गलतिया वही बार बार करके,
हर बार ऐतबार करके,

वादा वफ़ा का करना,
पर वफ़ा न करना,
गुणधर्म है हुस्न का,
और पतंगे का,
जल के मर जाना,
गलतिया वही बार बार करके,
हर बार ऐतबार करके,

ठगा गया,
छला गया दर दर मैं,
तेरे रहते तेरे शहर में मैं,
बदल के शहर भी कहा जाते,
जहाँ जाते,
इश्क़ कर आते,
गलतिया वही बार बार करके,
हर बार ऐतबार करके,

रचना-पवन गलतिया वही बार बार करके
हर बार ऐतबार करके #RDV19 ##IITKAVYANJALI #Right2write ##IITKIRDAAR

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गलतिया वही बार बार करके हर बार ऐतबार करके #RDV19 ##iitkavyanjali #right2write ##IITKIRDAAR About Nojoto #poem


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