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khilendrakumar7449
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Khilendra Kumar

Teacher

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Khilendra Kumar

White   मनवा  तु नाच न जाने आंगन टेढ़ा , लगाए  बैठे कौन सी  डिग्री की ठेप ? 
  लंगूर को मिले  अंगूर  , सूली चढ़े प्रतिष्ठा ,वो अभिमान की 
  स्वार्थ की पराकाष्ठा यूँ ना दागो, लगेगी   लोगों की हाय  ।
 पड़े न शनि की कु-दृष्टि,  हो जाओं पहले से   सचेत ॥
 


  सांच को आंच क्या ? आंच को सांच , चोर तहां मोर
जहां मोर तहां चोर , करे पांच मिल जांच रहे अपराधी कांच सा ।
काली कालोठी में वो ना भावे ,करे जो न्याय रहे वो पांच 
   है शाश्वत! पंच तत्व विलीन  , नश्वर तव अधम शरीर ॥
   
                   धीरे धीरे रे मना धीरे सब -कुछ होय ।
               माटी सींचे सौ घड़ा   ॠतु आय सो फल होय ॥
               रख लगाम  उस अहंकार के घोड़े पर ना खींच जंजीर
     मोल तेरे व्यवहार की ,भजले तु सीता राम जी है अनमोल ॥

©Khilendra Kumar
  #sad_quotes मुखव टा

#sad_quotes मुखव टा #कविता

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Khilendra Kumar

White  अक्सर इंसान जो चाहता हैं ठीक उनके साथ   
 उसका विपरीत होता जाता हैं।

©Khilendra Kumar
  कोट्स

कोट्स

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Khilendra Kumar

White ये आसमा ने क्या समा बांधा  
देख रहें है हम उनकी निगाहों से अनुपम नजरिया

©Khilendra Kumar
  #wallpaper
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Khilendra Kumar

White घनों की एक श्याम सा बादल में
   चमकते देखा वो चांद सा नूर है ।
ख्वाबों में अक्सर ,जिसे मैं ढूँडा करता था
परछायीं भी मुझसे 238, mil दूर है ॥
              
          नसीब - ए -कहां मिले वो आभा 
        नज़रें  लगी जिसे , आलम-ए - ईश्क द ।
       दें कैसे नसीहतें , मिथ्या तसल्ली का
     छिपा लो हमें भी श्याम ! अपने आगोश मे ॥ 

              ईश्क की नही कोई दास्ता ,बनी हमारी,
            कल्पना की सागर में  खोए है ॥
          साइंस  विषय का रहा छात्र मैं के.पी
         याद किया  पृथ्वी से वो चाँद कितना दूर है ॥

©Khilendra Kumar
  science related sayri

science related sayri #कविता

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Khilendra Kumar

White  स्वांस के डोर ल ओकर हाथ म देके 
        जिनगी  के दायरा ल तंग करलेव ।
ओहा मोर ले नज़र ऐसे फेरिस 
              मोर दिल के धड़कन ल बंद करदिस ॥
    
 पिरीत म दगाबाजी नई करही करके 
सौंप  देंव मया के दुनिया ल ।
वो निर्मोही  बटोर के तिनका कस मया
                               बसा लिस अपन घरौंदा ल ॥

कोयली कस मीठ बोली बोल के 
जता डरिस  अपन जात ल ॥
 मोर स्वांस के डोरी ल ओकर हाथ म देके
अपन जिनगी के दायरा ल काबर तंग करदेव ॥

©Khilendra Kumar
  cg sad sayri

cg sad sayri #शायरी

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Khilendra Kumar

White   तुमकों देखा तो इक ख्याल आया 
जिंदगी धूप तो तुम घना साया    
आज फिर दिल ने इक तमन्न्ना की
आज फिर दिल को हमने समझाया
तुम चले जाओगे तो सोंचेंगें
 हमने क्या खोया क्या पाया ।

©Khilendra Kumar
  #love_shayari
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Khilendra Kumar

White कुछ अपने बेगाने हो जाया करते है तो कुछ बेगानें अपने
ना कसूर अपनों का होता है ना कसूर बेगानों का
बस एक वहम घर कर गया होता है  कसूरवार ठहराने का ।
रिस्ते अक्सर उलझ जाया करता है विश्वास टूट जानें पर ॥

©Khilendra Kumar
  my love think

my love think #शायरी

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Khilendra Kumar

motivational life

motivational life #प्रेरक

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Khilendra Kumar

जब कोई अपना ही आत्मघात करें तों 
कुछ जख्म  ऐसे दे जाते हैं , जो दिखाई तो नही देते  लेकिन  दर्द की अथाह को मापे भला कौन ?

©Khilendra Kumar
  #Parchhai
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Khilendra Kumar

चांद जैसे तेरी  सूरत मैं निहारू ।
 दिल की मंदिरो में तुझे बसाऊँ
सुनों मेरी प्रेमादेवी नीत मैं तेरो भजन गाऊँ
संग तेरें जिंदगी बिताने कों यू ही सपनें सजाऊँ ॥

©Khilendra Kumar
  कल्पना की ईश्क

कल्पना की ईश्क #लव

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