इतना तो तु ठहरी भी नहीं ए-मोहब्बत।
जितना मैंने तुझे अब तक याद किया है।#shabd#शायरी
S.Kay_Hindustani
क्यों फंस गई हो मेरे अश्क-ए-जाल में,
मुझ-सा कोई दगाबाज नहीं यहां।
उतरते गर मेरी आंखों में,
तो शायद तैरना सीख जाते तुम।#devdas#शायरी
S.Kay_Hindustani
अगर किरदार सच्चा हो तो खुदा भी मिलने आएगा।
ठिकाना एक हो तो हमसफर भी राम जैसा ढूंढने आएगा।
करोगे पाप गर चाहे मजबूरी में सही,
किए कर्म का फल एक दिन तो जरूर लौटकर आएगा। #iqbal&Sehmat #शायरी