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mahendrajoshi4657
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Mahendra Joshi

जन्म चौखुटिया , उत्तराखंड पूर्व सहायक श्रम आयुक्त , नोएडा प्रकाशित काव्य संग्रह , इंद्र धनुषी हिलोरें सागरिका ये गीत तुम्हारे कादम्बिनी, सरिता, बालहंस अन्यान्य पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित ।

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Mahendra Joshi

नव गीत रचें नव छंद बुनें
नव संगीत बजे अविराम
नव उमंग की नई सृष्टि में
नव रचना ही रचें ललाम

नव विहाग हो नया राग हो
नए सुरों का गूंजे गान
नव किरणों की नई ज्योति से
नव आलोक झरे अम्लान

नव कलिका की नई सुरभि सी
नव आशा संग डूबे शाम
नये प्यार की नई आस ले
नई सुबह को करें प्रणाम

©Mahendra Joshi #christmascelebration
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Mahendra Joshi

प्रदूषण
बना
खर-दूषण

©Mahendra Joshi
  #sadak
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Mahendra Joshi

यूके से एनसीआर तक
फैला सकल कलेश
रिकार्ड टूटे गालियों के
कहीं मदन हैं कहीं रमेश

©Mahendra Joshi
  #UskePeechhe
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Mahendra Joshi

पीले होकर निर्बल पत्ते
झर जाते हैं करते क्रंदन
नईं नईं तब खिलती कोंपल
करती नवयुग का अभिनंदन

महेन्द्र जोशी

©Mahendra Joshi
  #Titliyaan
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Mahendra Joshi

एक खिड़की खुली
एक चेहरा खिला
कितनी यादें जुड़ी
कैसा ये सिलसिला
एक खिड़की खुली

©Mahendra Joshi
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Mahendra Joshi

सारे गड़बड़ समाचार सब
हो जाते प्रेस की ही भूल
कितना मज़ा हमें आ जाता
बन पाते हम एप्रिल फूल

©Mahendra Joshi
  #AprilFool
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Mahendra Joshi

फूलों को देखें , सराहें
मगर
तोड़ें नहीं

©Mahendra Joshi
  #Flower
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Mahendra Joshi

राजा बुध हैं, मंत्री शुक्र हैं
पिंगल नामक संवत्सर भाई
वासंती नवरात्रों के संग
नव संवत्सर की बेला आई

महेन्द्र जोशी

©Mahendra Joshi
  #Likho
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Mahendra Joshi

आलू पापड़, दालमोठ और
दही बड़े का मौसम
गावें फाग , मनावें होली
होली का इब मौसम

@ महेन्द्र जोशी यूके

©Mahendra Joshi
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Mahendra Joshi

आकि लकि
आवारागर्दी की
कोई सीमा नहीं गभग प्रत्येक पत्नी अपने पति को कालिदास समझती है और वह भी विवाह पूर्व का कालिदास ।
- अरुणेश मिश्रवारा आवारा

©Mahendra Joshi
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