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sriyasri4960
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Sriya sri ✍🏻✍🏻

writer✍🏻✍🏻 poetess...

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

काली‌ अंधेरी से निकल आया वो
इश्क़ की चाँदनी में खोने के बाद

मोहोब्बत की दीदारों से मोहब्बत करता गया वो
मोहब्बत को देख मोहब्बत करने के बाद

देखता गया मुझे अपनी निगाहों से वो
मैं भी देखती रही, उसके‌ ‌देखने के बाद

बातों बातों से नसीला बनता गया वो
मैं साकी बनती गई, उसके बनाने के बाद

ख्वाबों की तामीर में नज्म गढ़ता गया वो 
मैं पढ़ती गयी उसके जाने के बाद

श्रीया श्री
02/06/2020 #hearts
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Sriya sri ✍🏻✍🏻

#मेरे_इश्क़_का_शहर❤️

मेरे इश्क़ का शहर
नाम था बनारस
इश्क़ से मिलने हम
घूमने भी तो आये थे...

घण्टी की आवाज़ से सुबह
आरती से शाम हमारी
वहाँ की बनारसी पान तो हम
खाने ही तो आये थे...

मंदिर का त्रिपुंड लगा
फुलों से हैं घाट सजा
मेरे इश्क़ की कहानी रचने हम
चाय पीने ही तो आये थे...

बनारसी सिल्क की ओढनी ओढ
कानों में झुमकों का शोर 
होठों मे पान की लाली से
सजने ही तो आये थे...

सुबह सुबह वो गंगा स्नान
बनारस की गालियां महान
काशी विश्वनाथ की महिमा हम
देखने ही तो आये थे...(2)

श्रीया श्री
15/03/2020
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Sriya sri ✍🏻✍🏻

स्वचछ हम रहेंगे भैया, स्वच्छ देश बनाऐंगें
कुडादान रखेंगे, झाडु हम लगाऐंगें
गली, मोहल्ले और नगर सबको स्वचछ बनाऐंगें
इस देश की सारी गंदगी मिलकर हम हटाऐंगें
इधर उधर कचरा हम ना फैलाऐंगें
स्वचछ.....

मोदी जी का स्वच्छता अभियान हम ही तो चलायेंगें
नौ रत्न‌‌‌‌ तो बन गये भैया दसवे हम बन जायेंगे
स्वचछ समाज, स्वचछ राज्य, राष्ट्र को स्वच्छ बनायेंगें
स्वच्छ देश केे रहने वाले, हम सब स्वच्छ हो जायेंगे
स्वच्छ......

ले लो कसम गन्दी, हम ना फैलाऐंगें
माँ गंगा से शुरू हुई, जल, थल, हवा, को स्वच्छ बनाएेंगें
सोने की चिड़िया को चम चम चम चमकाऐंगें
स्वच्छ......

स्वच्छ रहेंगें, स्वस्थ ‌रहेंगें, स्वस्थ राष्ट्र बनायेंगें
रोग, शोक‌, ईष्या, द्वेष सबको दूर भगाऐंगें
धरती से सोना चाँदी‌ उगाऐंगें
इसमे जन्में इसका मान बढ़ाऐंगे
                        इस बसुधा पर दाग रहे ना
                        ‌श्रीया श्री का हैं ये कहना 
                         
                         14/09/2014

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

मझे कुछ बात कहना हैं
या कोई राज कहना हैं
तुम आना होंठों पर मुस्कान सजा
मुझे अपना अहसास कहना है
मुझे कुछ बात कहना हैं
इश्क़ की दुनिया बनना हैं
मानों काफ़ीला सजाना हैं 
तुम चलें आना बस मेरा बनकर
मुझे तेरा गुरूर बनना हैं
मुझे कुछ बात कहना हैं
मुझे तेरे रुह में रहना है
मुझे आँखों में बसना हैं
तुम सिर्फ आ जाना 
मुझे इज़हार-ए-इश्क़ करना हैं

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

किसने रोका हैं तुम्हे
 आगे बढ़ो, बढ़ते चलो
रुको नही थमो नही
किसने रोका हैं तुम्हे
जानते हो तुम, 
वो सब कर सकते हो
जो तुम चाहते हो
अपनी मंज़िल को पहचानों
आगे बढ़ो, बढ़ते चलो 
किसने रोका हैं तुम्हे
कुछ कर दिखाओ
कुछ करने का हिम्मत लाओ
कुछ करके बेशक दिखाओ
नाम अपना ऊँचा बनाओ
किसने रोका हैं तुम्हे

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

बेहद खूबसूरत हैं ,उसकी मुस्कान
उसका सर पर हाथ फेर कर कहना!!
अपना ख्याल रखना
खाना सही से खा लेना!!
बदमाशी नही, अच्छे से रहना
बहुत सुकून देता है!!
याद हैं मुझे, जब बचपन में
चोट लगने पर,
वो सबसे पहले दौड कर आती थी//
और दवा लगाने से पहले,
खूब डाट दिया करती थी
फिर उसके डाट केे बाद वाला प्यार,
दवा का काम करता था,
माँ का महत्व दिखलाता था!!

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

#कवि

जहाँ कोई ना जाता हैं, 
मैं वहीं चला जाता हूँ,
जानता बेशक हूँ सबको
जग को अपने स्वरुप दिखलाता हुँ
जानते हो तुम ??
क्या हैं पहचान हमारी
सबके विचारों को शब्द मे पिरोता हूँ
कहानी हो या कविता 
सबको पन्नों में सजाता हूँ
अहसास को दुनिया में बिखेरता हूँ
जग को अपने स्वरूप दिखलाता हुँ
महाभारत हो या गीता
कुरान हो या बाइबल 
सब मेरे से ही जानते हैं
अपने भगवान को पहचानते हैं
श्रृंगार रस से मैं 
प्रेम को दरशाता हूँ
जग को अपने स्वरुप दिखलाता हुँ
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Sriya sri ✍🏻✍🏻

2019 भी कितनी कमाल की थी
बहुत कुछ सीखा गयी, 
बहुत कुछ बतला गयी
सबसे मुश्किल वक़्त से निकाल गयी
मौका मिला, 
अपने रचनाओं को निखारने का
सौदा भी किया हमने, 
अपनी मोहोब्बत को भूलाना का
खैर, जो भी हो..
वक़्त सबके पास आता हैं
बात ये हैं उसमें ढला कैसे जाता हैं
इम्तिहान की घडी भी आयी थी
हौसला-ए-बुलंद भी छाई थी
सफलता का दौर भी आया था
मन में विजय का शोर लाया था
और जो भी था,
जैसा भी था, बेहद खूबसूरत था
दोस्तों से मिलवाया, 
साल को हसीन बनाया
कितनी शाम यादगार रही
दोस्तों केे नाम रही 
अब अगला साल भी आएगा
बेशक वो भी यादों केे संग जाएगे

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

अरे, ये क्या था
मैंने कुछ अनुभव किया
मैंने सच्ची मोहब्बत को महसूस किया
क्यूंकि,
मैंने मेरी कल्पना को अनुभव किया

full peice in caption मैंने कुछ अनुभव किया
मेरा कल्पना,
मेरे सामने छा रहा था
क्यूंकि मैंने अपने,
कल्पना को अनुभव किया

वो मेरे सामने ही तो थे
उनकी आँखे मुझसे,

मैंने कुछ अनुभव किया मेरा कल्पना, मेरे सामने छा रहा था क्यूंकि मैंने अपने, कल्पना को अनुभव किया वो मेरे सामने ही तो थे उनकी आँखे मुझसे,

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Sriya sri ✍🏻✍🏻

तेरा हुस्न मेरे आँखों में ऐसा ढा गया
की तुझे देखकर ही मुझमें नशा छा गया

तेरी बातें ने मुझको ऐसा मोह लिया
देखते ही देखते तू मेरा हो गया

मेरी आँखों ने तुझको इसकदर देख लिया
ना जाने ये चाँद कहाँ से आ गया

हाय, ये तेरी कातिलाना नज़र, ने बेझिझक देख लिया
ना जाने तू कैसे मोहब्बत में बदल गया

पता नहीं तूने कैसा मुझपे जादू कर दिया
की ये कमबख्त दिल ने तुझको अपना बना लिया

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