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manishjoshi1990
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Manish Joshi

A poet (prem rasa),a comedian,and national level dancer

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feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

 ज़रूरतें नहीं है मेरी जिंदगी से, मुझे तो खोए हुए अरमानों को जगाना है बस।
तुम हो तो हो बाकी सब फसाना है।
सोते हुए तो जाग जाएंगे एक दिन,
जो जागें है उनको उठाना है और बस।
तुम सच हो बाकी सब फसाना है बस।।
#opinion #NOJOTO

ज़रूरतें नहीं है मेरी जिंदगी से, मुझे तो खोए हुए अरमानों को जगाना है बस। तुम हो तो हो बाकी सब फसाना है। सोते हुए तो जाग जाएंगे एक दिन, जो जागें है उनको उठाना है और बस। तुम सच हो बाकी सब फसाना है बस।। #Opinion #Nojoto

feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

मंदिर ढूं ढा , मस्जिद ढूंढा ढूंढा ये जग सारा,
अम्बर ढूंढा, उम्बर ढूंढा  , ढूंढा बस ये दिल तुम्हारा
 ना मिली तुम ना हुआ अपना ये जग सारा
बस एक तलक तुम दिख जाओ , देखो कैसे संवर जाएगा दिल ये आवारा।।
 मंदिर ढूं ढा , मस्जिद ढूंढा ढूंढा ये जग सारा,
अम्बर ढूंढा, उम्बर ढूंढा  , ढूंढा बस ये दिल तुम्हारा
 ना मिली तुम ना हुआ अपना ये जग सारा
बस एक तलक तुम दिख जाओ , देखो कैसे संवर जाएगा दिल ये आवारा।।

मंदिर ढूं ढा , मस्जिद ढूंढा ढूंढा ये जग सारा, अम्बर ढूंढा, उम्बर ढूंढा , ढूंढा बस ये दिल तुम्हारा ना मिली तुम ना हुआ अपना ये जग सारा बस एक तलक तुम दिख जाओ , देखो कैसे संवर जाएगा दिल ये आवारा।। #Poetry

feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

वो " नो कमेंट" बोलकर शब्दों को साबुत निकल गए।
बेटी के " बचाओ - बचाओ" की चीख पर लिखने की जुर्रत को सियासत के ताबूत निगल गए।।
ना जाने कितना इंसाफ मिलेगा उन बच्चिओ को ,क्यूंकि इन सियासी नेताओ। अब नहीं दम बाकी है।।
जनता मांगे जवाब उनसे क्या सिर्फ अब भ्रम बाकी है वो " नो कमेंट" बोलकर शब्दों को साबुत निकल गए।
बेटी के " बचाओ - बचाओ" की चीख पर लिखने की जुर्रत को सियासत के ताबूत निगल गए।।
ना जाने कितना इंसाफ मिलेगा उस बच्ची को ,क्यूंकि इन सियासी नेताओ। अब नहीं दम बाकी है।।
जनता मांगे जवाब उनसे क्या सिर्फ अब भ्रम बाकी है।।।।।
#justiceforasifa #justiceforwomen

वो " नो कमेंट" बोलकर शब्दों को साबुत निकल गए। बेटी के " बचाओ - बचाओ" की चीख पर लिखने की जुर्रत को सियासत के ताबूत निगल गए।। ना जाने कितना इंसाफ मिलेगा उस बच्ची को ,क्यूंकि इन सियासी नेताओ। अब नहीं दम बाकी है।। जनता मांगे जवाब उनसे क्या सिर्फ अब भ्रम बाकी है।।।।। #justiceforasifa #justiceforwomen #Poetry

feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

जिसे हमने आंसुओ से बोया था आज वो पौधा भूरज हो गया।।
हम करवटें बदलते रहे और चांद सूरज हो गया।।।।
feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

वो अपना मुक्कदर खुद ही बना लेगी
उसे दुनिया में आने तो दो।
वो अपना साज खुद है सजा लगी
उसे थोड़े ख्वाब सजाने तो दो।।
ना जाने लोग क्यों डरते हैं उसके आने से
वो तुम्हारा भाग्य जगा देगी
उसे खुद को जगाने तो दो।।। वो अपना मुक्कदर खुद ही बना लेगी
उसे दुनिया में आने तो दो।
वो अपना साज खुद है सजा लगी
उसे थोड़े ख्वाब सजाने तो दो।।
ना जाने लोग क्यों डरते हैं उसके आने से
वो तुम्हारा भाग्य जगा देगी
उसे खुद को जगाने तो दो।।।

वो अपना मुक्कदर खुद ही बना लेगी उसे दुनिया में आने तो दो। वो अपना साज खुद है सजा लगी उसे थोड़े ख्वाब सजाने तो दो।। ना जाने लोग क्यों डरते हैं उसके आने से वो तुम्हारा भाग्य जगा देगी उसे खुद को जगाने तो दो।।। #Poetry

feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

लेखक हुं मैं भावनाओ को संजोड़ना जानता हूं हर किसी तस्वीर को अक्षरों में बटोरना जानता हूं भले ही जमाना समझें पागल हमें मै झूठ को सच बताना जानता हूं।। #Poetry

लेखक हुं मैं भावनाओ को संजोड़ना जानता हूं हर किसी तस्वीर को अक्षरों में बटोरना जानता हूं भले ही जमाना समझें पागल हमें मै झूठ को सच बताना जानता हूं।। #Poetry

feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

किसान हूं मैं
जो अपने ही खेतो से बिछड़ने की सजा पाता हूं
देखो दुनिया वालो मै भी अब राशन की दुकानों में नज़र आता हूं।।
feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

नर हूँ कैसे हार मान लूँ, कुंद हो चुकी तलवार मान लूँ। अभी लहू दहाड़ रहा है, धक धक सीना फाड़ रहा है, कैसे ये चीत्कार थाम लूँ। नर हूँ कैसे हार मान लूँ। अभी अनगिनत काम सामने, सुबह ठिठुरती शाम सामने, #Poetry

नर हूँ कैसे हार मान लूँ, कुंद हो चुकी तलवार मान लूँ। अभी लहू दहाड़ रहा है, धक धक सीना फाड़ रहा है, कैसे ये चीत्कार थाम लूँ। नर हूँ कैसे हार मान लूँ। अभी अनगिनत काम सामने, सुबह ठिठुरती शाम सामने, #Poetry

feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

मंजिलों की सोच कर ही मंजिलों तक पहुंचा जाता है
वरना हार कर तो हर दूसरा वापीस घर ही आता है
feb9c4c19639deaa16c2bff3273e87ac

Manish Joshi

Tu mere aadat to nhi pyar h
Tu mere Zid to nhi iqrar h
Aadat ka Naam leke is rishte Ko ujado to na Shi
klm leke is tasvir Ko bigado to na Shi
Jra dkho us Chand Ko jo sboot h un Ploon ka
Un Ploon Ko sukhi lkdi ke trh ukhado to na shi kuch kisse unkhe unsuljhe

kuch kisse unkhe unsuljhe #Poetry

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