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urvithestudiosto1838
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suvarna

Suvarna

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suvarna

"सत्यम शिवम सुंदरम"

इसका अर्थ है कि कोई चीज यदि सत्य है, कल्याणकारी है, और सुन्दर है- तभी वह ग्राह्य है।
😊🌺🌈🌎

©Sushmita #LataMangeshkar
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2017 😁😁

2017 😁😁

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danc...💐😁😁😁

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म्यूजियम यानी संग्रहालय इतिहास के साथ दुनिया के अजूबों के विषय में भी बताते हैं ।म्यूजियम या संग्रहालय ऐसे स्थान को कहा जाता है जहां इतिहास सभ्यता आदि से जुड़ी सामग्री का संग्रह होता है। इनके द्वारा हम पुरानी सभ्यताओं और स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं म्यूजियम कई प्रकार के होते हैं ।पुरानी सभ्यताओं के प्रमाण, मूर्तियां ,डाक टिकट, तलवारें कंप्यूटर, वसीयतें यहाँ आते हैं ।यहां तक कि मस्तिष्क के भी म्यूजियम होते हैं। हर साल 18 मई को  म्यूजियम दिवस मनाया जाता है। भारत के प्रमुख म्यूजियम— इंडियन म्यूजियम ,कोलकाता ,तारपुर वाला म्यूजियम, मुंबई साइंस म्यूजियम, बंगलुरु इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम. दिल्ली रेल म्यूजियम. दिल्ली मुंबई राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली आदि।
sushmita #reading
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पहले समय में सप्ताह के सोम, मंगल वारों का प्रचलन नहीं था। एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक के काल को पूर्ण मास कहते थे मास का मूल अर्थ है चांन्द्र मास यानी चंद्र को पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाला समय जो करीब 29 दिन 12 घंटे बाद 44 मिनट होता है इस चांन्द्र  मास दो पक्षों में बांटा गया है। अमावस्या से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष और पूर्णिमा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष ।चंद्रमा को पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में लगभग 354 दिन लगते हैं मगर पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365 दिन तथा लगभग 6 घंटे लगते हैं। इसीलिए चंद्र वर्ष को सौर वर्ष में करीब 11 दिनों का अंतर पड़ता है ।यही कारण है कि इन दोनों में मेल बैठाने के लिए हर 3 साल बाद 13 7अधिमास जोड़ने की व्यवस्था की गई।
sushmita #ganesha
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साबित करने से कई अच्छा है,जीना....है ना!

sushmita #flood
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एक अचम्भा गाँव
मैं मन के ठाठ सुनाऊं।
जब कभी कभी मेरे बाबाजी निहारे आसमान से।
उनके नयन की छाया सब जग परै परै,अरे जब तू है उनकी नजर में तो क्यों डरै डरै,
हंसते रहते हैं उनके वरदान से।
सबकुछ तो हैं,क्या मांगे भी तो क्या भगवान से,


शिवाय।
सुष्मिता.....💐📝 #Shiva
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14 जुलाई, 1942 को वर्धा में काॅन्ग्रेस की कार्यकारिणी समिति ने ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव पारित किया एवं इसकी सार्वजनिक घोषणा से पहले 1 अगस्त को इलाहाबाद (प्रयागराज) में तिलक दिवस मनाया गया। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय काॅन्ग्रेस की बैठक बंबई (मुंबई) के ग्वालिया टैंक मैदान में हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिली। इस प्रस्ताव में यह घोषणा की गई था कि भारत में ब्रिटिश शासन की तत्काल समाप्ति भारत में स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र की स्थापना के लिये अत्यंत आवश्यक हो गई है।

भारत छोड़ो आंदोलन को ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन का लक्ष्य भारत से ब्रिटिश साम्राज्‍य को समाप्त करना था। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान काकोरी कांड के ठीक सत्रह साल बाद 9 अगस्त, 1942 को गांधीजी के आह्वान पर पूरे देश में एक साथ आरंभ हुआ।


ज्ञातव्य है कि ‘भारत छोडो’ का नारा युसुफ मेहर अली ने दिया था।
(Sushmita) # learn India

# learn India

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suvarna

“कैसे से पहले क्यों जानना जरूरी हैं,
मुझे क्यों मालूम है,इसलिए मैं सवाल और  जवाब में क्यों ज्यादा रखती हूं,लोगो के पास वजह ना हो..
 लेकिन मेरे पास फिलहाल वजह ही वजह है,
क्योंकि अगर आपको क्यों मालूम है.. तो फिर कैसे अपने आप हो जाता है!!"
#सुष्मिता
 think positive have a nice day #Facebook #reason
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suvarna

कितनी सस्ती होती है,दुवाएं
अक्सर एहसास होता है मुझे..
जब मेरे गाँव के बूढ़े बुजुर्ग,
लाखों करोड़ो की दुवाएं देते है,
बस उनके करीब जाने पर ही......#सच्चे एहसास।

(सुष्मिता) #Starsalsohavehistory
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