Nojoto: Largest Storytelling Platform
abhaydwivedi2109
  • 61Stories
  • 4.9KFollowers
  • 315Love
    0Views

abhay dwivedi

main ishq se ishq karta hu

  • Popular
  • Latest
  • Video
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

उंगली पकड़ चलना सिखाया है ,
पापा ने आगे बढ़ना सिखाया है ,

हम तो ख्वाब सजाते थे सिर्फ ,
पापा ने सच करना सिखाया है ,

ठोकर लग कर गिरे तो रोते थे ,
पापा ने फिर उठ चलना बताया है ,

अँधेरा डराता बहुत था हमें जो ,
पापा ने अभय बनना सिखाया है ,

जो ढूंढते हैं हम पहचान ज़माने में ,
पापा ने ख़ुद को पहचानना बताया है ,

जो बाते करते थे हम हालातों की ,
पापा ने मुस्कुरा कर लड़ना सिखाया है ,

उंगली पकड़ चलना सिखाया है ,
पापा ने आगे बढ़ना सिखाया है ,

मुझको अभय बनना सिखाया है ,

#अभय #nojoto #story
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

एहतिमाल सिर्फ एहतिमाल जाने क्योँ ,
हर रिश्ते में ज़ीस्त हलाल जाने क्योँ ,

ख्वाहिश है ज़िस्म की फ़क़त ,
रूह मर रही है हर बार जाने क्योँ ,

तेरे ज़िन्दगी के तौर से इंसान देख,
ऊपर वाला भी अवाक जाने क्योँ ,

कैसी बनी है पैक़र समाज में तेरी ,
हर मरासिम उठाता सवाल जाने क्योँ ,

एहतिमाल सिर्फ एहतिमाल जाने क्योँ ,

ज़हनियत इस क़दर है गुस्ताख़ गोया ,
तकल्लुफ़ सा है हर ख्याल जाने क्योँ ,

एहतिमाल सिर्फ एहतिमाल जाने क्योँ ,
हर रिश्ते में ज़ीस्त हलाल जाने क्योँ ,
#अभय 

एहतिमाल = शंका 
ज़ीस्त = जीवन 
तौर = ढंग 
अवाक = स्तब्ध 
पैक़र = आकृति 
मरासिम = रिश्ता 
ज़हनियत = थिंकिंग 
तकल्लुफ = औपचारिकता #nojoto #RVD19
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

कौन है जो निगाहों से टकराया ,
कौन है जिसने मुझको चुराया ,
ये ख़्वाबों में है किसका तसव्वुर ,
कौन है साथ बन मेरा साया ,
कौन है जो निगाहों से टकराया ,
#अभय #nojoto #nojotowrites
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

https://youtu.be/_BVhmBMkXLM


good morning guys may anotger video is here

video is in bio thank you and have a nice day #nojoto #shayari #RDV19 

https://youtu.be/_BVhmBMkXLM

hello guys this is my another video link please watch and share

nojoto #Shayari #RDV19 https://youtu.be/_BVhmBMkXLM hello guys this is my another video link please watch and share

ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

 तुम मुझसे मुलाकात किया ना करो ,
मैं बेख़ुद हुआ सा जाता हूँ ,

इक लम्बी जद्दोज़हद के बाद फिर ,
ख़ुद को मैं पा पाता हूँ ,

तुम्हारी नशीली निगाहें यूँ ,
फितूर मुझमें भरती हैं ,

तुम मुझसे मुलाकात किया ना करो , मैं बेख़ुद हुआ सा जाता हूँ , इक लम्बी जद्दोज़हद के बाद फिर , ख़ुद को मैं पा पाता हूँ , तुम्हारी नशीली निगाहें यूँ , फितूर मुझमें भरती हैं , #Shayari #अभय #RDV19

ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

जो गुज़र गया बुरा तो नहीं था ,
तूफाँ ने गिराया है शज़र वो ,
खुद से गिरा तो नहीं था ,
शायद ऊँचाई से हार गया ,
वो पर्वत चढ़ा तो नहीं था ,
बारिश कुछ तन्हा सी थी, 
आज साथ ओला तो नहीं था ,
कैसे खामोश गुज़र गया अब्र,
आज कुछ बोला तो नहीं था ,
जो मिला था पत्ता ख़िज़ाँ का था ,
वो पहले हरा तो नहीं था ,
जो ठहरा था वहाँ खाई थी ,
"अभय" डरा तो नहीं था ,
जो गुज़र गया बुरा तो नहीं था ,
तूफाँ ने गिराया है शज़र वो ,
खुद से गिरा तो नहीं था ,
#अभय #RDV19 #nojoto #shayari
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

#OpenPoetry फ़िज़ा में जौर था ,
तू हिन्दू मैं मुस्लिम का ही शोर था ,
घरों में आग थी हो चुकी ,
बस्तियाँ राख थी ,
ये कैसा इंसानियत का तौर था ,
भाई भाई को ही काट रहा था ,
कहता अपनी क़ौम छाँट रहा था ,
ये कैसा है वक़्त आज ,
लाडला ही माँ को बाँट रहा था ,
क्योँ आज अपनों पर ही एहतिमाल था ,
क्या नहीं उनको कोई मलाल था ,
हर त्यौहार था चीख़ रहा ,
माज़ी माँग था भीख रहा ,
दफ़अ'तन आया क्या दौर था ,
फ़िज़ा में जौर था ,
तू हिन्दू मैं मुस्लिम का ही शोर था ,
घरों में आग थी हो चुकी ,
बस्तियां रख थी ,
ये कैसा इंसानियत का तौर था,
#अभय 
माज़ी = अतीत 
जौर = अत्याचार ,
तौर = ढंग 
एहतिमाल = शक ,
दफ़अ'तन = अचानक #nojoto #jaur #daur #taurdelhi
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

#OpenPoetry कुछ तो उन्स रहा होगा ,
उनसे "अभय",
यूँही नहीं हम ख़्वाबों में भी ,
तसव्वुर उन्ही का करते हैं ,
उन्स = लगाव 
तसव्वुर = कल्पना 
#अभय #nojoto #ishq #love #mohabbat #tasavvur
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

#OpenPoetry अखबार में पढ़ा था ,
के देश जैसे श्मशान सा हो गया था ,
हर तरफ दंगे भाग दौड़ ,
क्योँ हो रहा था ऐसा ,
ना जाने क्योँ इंसान ही ,
इंसान का दुश्मन हो रहा था ,
खुद को थे बाँट रहे वो ,
हिन्दू मुसलमान में ,
मगर रह तो रहे थे वो ,
हिन्दुस्तान में ,
घरों में आग थी ,
बस्तियाँ राख हो रही थी ,
फ़िज़ा खामोश थी और ,
इंसानियत सो रही थी ,
क्योँ उनको याद नहीं ,
मैं नहीं हम थे साथ ,
ज़िन्दगी बिताते थे ,
ईद हमारी भी थी ,
वो भी दिवाली मनाते थे ,
हमको भी पसंद थी सिवँइयाँ,
हमारी मिठाई वो चाव से खाते थे ,
मगर आज ये क्या मंज़र हो गया था ,
अखबार में पढ़ा था ,
के देश जैसे श्मशान सा हो गया था ,
#अभय #nojoto #taurdelhi #hindustaan
ffebac72e341630638d58361d86a66db

abhay dwivedi

https://youtu.be/BtEP1qlXuc4
my live video try to watch it please

https://youtu.be/BtEP1qlXuc4 my live video try to watch it please

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile