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pen_with_me22
White कितनी है प्यार धरती🌎, परोपकार की है यह देवी अंतरिक्ष से दिखती नीली🗾🗾 है वृक्ष 🌴इसका आभूषण, माटी 🤎🏜इसकी सुन्दरता है धरती🌍पर बहती कल-कल नदियाँ🗾🏞 जीव-जन्तु🐟🐇के लिये वरदान है परोपकार की है यह देवी नि:स्वार्थ भाव से देती निवास🏕🏡 स्थान है खाने को देती अन्न🌽🥕 सदा, पीने को देती जल🍷सदा जलवायु रहे जीवन अनुकूलित महासागरों🏞🌊 का यह ढाल बनाती आंधी तूफानों से रक्षा करने पर्वत 🗻⛰️पहाड़🏔 का कवच बनाती मानव जीवन हो सरल चीर कर सीना देती अपना खनिज💎🛠 भण्डार है कितनी है प्यारी धरती, परोपकार की है देवी ©pen_with_me22 #Earth #poem #Poetry #Hindi #HindiPoem #instawriters #pen
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read moreaady
White ,............... ©aady thandi Pawan #hawa #Love #ishq #shayri #writer #writerscommunity #pen #Pain
अज्ञात
मेरे लिये भी दो शब्द लिखाकर तू कलमकार लाजबाब है बहुतों से सुना है मैंने तेरे पास हर सवाल का जबाब है ©अज्ञात #writer
उपांशु शुक्ला
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read moreRahul Roy
उन्हें शिकायत है मुझसे की मै कम लिखता हूँ मगर जब भी लिखूँ गम लिखता हूँ ©Rahul Roy #writer
Stoic Nitya
जिन्हें कभी कंधा ना मिला .... वो शायरी के सहारे रोते मिले । ©Stoic Nitya #writer ....
#writer ....
read moreसंगीत कुमार
(मनुज कवि बन जाता है) जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके अधरों पे मुसकान रूक जाये आँखों से अश्क बन बह जाये और जब कलपित उर रो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है व्यथा जब अपना न किसी से कह सके लज्जा से मन भर जाये काली रातों की अंधियारी में जब सारा भुवन सो जाये तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके पीड़ित हो अपनो से जब हाथों में कलम उठा लेते हैं शब्दों के सरिता में रम जाते हैं तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब सामने अंधेरा छा जाये अकेला बेसहारा मन होने लगे तब नैनो के नीर स्याही से निज व्यथा को लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है संघर्ष भरा जब जीवन हो लोगों के बीच समर्पण हो तब साहित्य में खो जाता है अपनी भावना उकेर डालता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब भुलेबिसरे याद आये उर में दर्द की कसक उठे वेदना से मन काँप जाये तब हाथो में कलम उठाता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब अपने प्रिय से न मिल सके यादों की व्यथा में खो जाये साहित्य की सरिता में बह जाये एक लेखनी लिख डाले तो समझो मनुज कवि बन जाता है जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके मन गगन की उड़ान तो भरता है अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है मन की भावना खूबसूरती से निखारता है तो समझो मनुज कवि बन जाता है ©संगीत कुमार #pen