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Renu Malia
वो ज़माना ही अच्छा था, जब चिट्ठियां लिखा करते थे।मोबाइल मे वो बात नहीं।चिट्ठियां दूर वालों को भी पास कर दिया करती थी।और मोबाइल पास वालों को भी दूर कर रहे हैं। ©Renu Malia चिट्ठी आई है,आई है चिट्ठी आई है। #worldpostday
चिट्ठी आई है,आई है चिट्ठी आई है। #worldpostday
read moreSushil Chaudhary
White किसी ने सही लिखा है,,, ........... सजनवा बैरी भइले हमार, केहु ना करे बिहार के उद्धार सजनवा बैरी भइले हमार,,2,, ........... सभे स्वार्थ में अपन मगन भईल कोई ईहमा रहिल कोई उहमा गईल।। .... सजनवा बैरी भइले हमार।। .............. काई सता मे बीजी भईल बाबू जी, गरिबन के लुट लिहलस साहेब जी ,,, अंगनमा बैरी भइले हमार।। ............. सब लोगन के गांवों जिला टोप भईल बिहार के तररकी छुरा धोप गईल,।। ,,,,, अंगनमा मैली भाईले हमार,, ............. जाती वादी में सब कुछ भुला गैले गंगा मैया के भेट चढ़ा दिहले।। सजनवा मैली भइले हमार,,, .............. रग रग में भारतीयों बिहारी बा,, फुलों के बगीचा के क्यारी बा।। अगनबा बैरी भइले हमार,,, ...............,, धरती नदी ये निला आसमां कैसे बदली भैया बिहार का जहां,,।। ललनमा काहे कईला हमार,, .............. जज़्बात ज़िन्दगी में बा हिम्मत बहुत पलटे ना लोगन, होई तररकी बहुत,,।। सजनवा बैरी भइले हमार,, ©Sushil Chaudhary #goodnightimages ,, सजनवा बैरी भइले हमार #follow4like @
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read moreINDRAJEET KUMAR,
गाँव की तंग गलियारो से, टोली आई है इनको रंग दो उनको रंग दो, लगाती बोली आई है हमे नहीं लगता है कि चले आये हैं अनायास लगता है रंगों वाली त्योहार होली आई है आप सभी को होली की बहुत बहुत ढेर सारी हार्दिक बधाई और शुभकामनाये होली आई है
होली आई है
read moreVikash Shrivastav
ओ परदेस को जाने वाले लौट के फिर ना आने वाले, सात समुंदर पार गया तू हमको जिंदा मार गया तू, खून के रिश्ते तोड़ गया तू आंख में आंसू छोड़ गया तू, कम खाते हैं कम सोते हैं बहुत ज्यादा हम रोते हैं, चिट्ठी आई है.. चिट्ठी आई है... चिट्ठी आई है.... चिठ्ठी आई है!!!!
चिठ्ठी आई है!!!!
read moreदमन कटारिया
जब से तेरे मेरे बीच ये रूसवाई आई है वजह ढूढ रहा हु मै बनी कैसै ये खाई है सफर कैसा था वो तेरा मेरे पास आकर बिछडना तेरा यार भी कोई कमाल है जिसने ये आग लगाई है मुझे तो इतना सताती क्यो है हमेशा हर व्यक्त ये हि बता दे अब तेरे मन मे क्या समाई है तेरी याद रह गई है दिल मे बस अब हा! आज मैनै तेरी सारी चिट्ठियां जलाई है तेरे जाने का गम समझ या खुशी इसे अब कलम ने "दीप" को नई राह दिखाई है ©दमन कटारिया दुरिया आई है
दुरिया आई है
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