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Md Tasleem Khan सरवर
(जब कभी फुर्सत मिले) घर की ज़िम्मेदारी से। किचन की कारोबारी से । जो भी काम ज़रूरी हो । निपटा के बारी बारी से । जब कभी फुर्सत मिले। हर आरज़ू ख्वाहिशात से। जिस्मानी नफसियात से । हमराह की हर बात से । अजीज़ों की मुलाक़ात से। जब कभी फुर्सत मिले। तुमको उसके प्यार से । उस प्यार के इज़हार से । लिबासों के अंबार से ज़ेवर ओ सिंगार से जब कभी फुर्सत मिले। ज़िन्दगी के सफ़र में। रात में या सहर में। दिन के किसी पहर में। जब कभी फुर्सत मिले। रंज ओ ग़म के मलाल में। किसी ख्वाब में ख्याल में। जवाब हो या सवाल में । एक माह में एक साल में। जब कभी फुर्सत मिले । हाय ! ये अफसोस कि उनको अब फुर्सत मिले। ये सच नही ये झूट है उनको अब मुहब्बत नहीं। तसलीम सरवर ©Md Tasleem Khan सरवर #nojoto #hindi #article # #Dark
Ashish Kumar
हर तरफ है भ्रष्टाचार लूट खसोट का है व्यवहार हर तरफ है भ्रष्टाचार समाज का हो गया बंटाधार हर तरफ है भ्रष्टाचार लंबी लंबी लगी कतार चढ़ावा यहां अब शिष्टाचार काम निकाले चाटुकार हर तरफ है भ्रष्टाचार मेधा हो गई है बेकार मजा ले रहे पैरोकार हो रहे सपने उनके साकार हर तरफ है भ्रष्टाचार डूबी लुटिया जो हैं ईमानदार कुंठा के हो रहे शिकार नौकरी तरक्की सबसे बेजार हर तरफ है भ्रष्टाचार बदल रहा आचार-विचार रिश्वत लगाती नैया पार काले धन का है कारोबार हर तरफ है भ्रष्टाचार निष्ठा हो गई तार तार सब कुछ लेते हैं डकार व्यवस्था हो गई है लाचार हर तरफ है भ्रष्टाचार न्याय की है सबको दरकार आंख मूंदे बैठी सरकार पट्टी खुले तो मिटे अंधकार हर तरफ है भ्रष्टाचार ©Ashish Kumar #bhrashtachar #socialissues #Light
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read morekumar ramesh rahi
उम्मीदों की देहरी पर इच्छाएं भीख मांगती, बाजारों की स्पर्धा में हलचल सीमा लांघती चैतन्य विमुख है रोजगार के आगे शिक्षा के प्राण निकल रहे भ्रष्ट नीति के आगे योजनाएं हैं सब अच्छी लेकिन भ्रष्टाचार निगल रहा लेने देने के आगे है सब विफल रहा! नीति पर कुनीति भारी है शासन सम्मुख अजब लाचारी है, कानून सम्मत सब ठीक बाकि सदियों की बीमारी है! जड़ और चेतन सब घूम रहा कोने में बैठा बैठा कविरा झूम रहा! कब तक रहे मौन और आखिर कब तक चीखेंगे, क्या कभी गलतियों से भी अपनी हम सीखेंगे! स्वरचित✍ कुमार रमेश 'राही' 831871888 #nojotohindi #sawaal #rishte #bhrashtachar #rajniti
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read moreMegi Assnani
Articles in Kutchh Mitra part 2 ©Megi Asnnani Article in Kutchh Mitra part 2
Article in Kutchh Mitra part 2
read moreMohit Baranwal
#OpenPoetry Words are very critical things, it can be boon or torment of hell for someone ready new article on my writing blog "words" link in bio. #words
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read moreAshi Saxena
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