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Pooja Udeshi
ऐ री पवन ढूढ़े किसे तेरा मन चलते चलते,,, बावरी सी तू फिरे कौन हैं तेरा सजन..... 🥰🥰🥰🌹🌹♥️♥️♥️♥️स्वीट song #Fondness
read more"सीमा"अमन सिंह
जानती हो तुम! मैं तुम्हारे प्रेम में स्वयं को उस बिंदु तक समर्पित कर देना चाहता हूं, जहाँ तुम्हारे लिए लिखे मेरे शब्द, बस शब्द ही नहीं रह जाएंगे, वरन.. सिंदूर हो जाएंगे। प्रेम तुम्हें.. ❤️❤️ ©"सीमा"अमन सिंह जानती हो तुम! मैं तुम्हारे प्रेम में स्वयं को उस बिंदु तक समर्पित कर देना चाहता हूं, जहाँ तुम्हारे लिए लिखे मेरे शब्द, बस शब्द ही नहीं रह जा
जानती हो तुम! मैं तुम्हारे प्रेम में स्वयं को उस बिंदु तक समर्पित कर देना चाहता हूं, जहाँ तुम्हारे लिए लिखे मेरे शब्द, बस शब्द ही नहीं रह जा
read moreAshutosh Mishra
मन भाव विभोर हुआ सुन तेरी बंसी कान्हा, गई सुध-बुध सब बिसराय,,,,,,,,,, भई बावरी ढूंढूं तोहे, कहुं नजर ना आए। रंग रसिया,,मोरे मन बसिया कहां गए छिप जाए। नाच-नाच कर तुझे रिझाऊं,मन तेरा बहलाउं मैं। सुन कर तेरी बंसी कन्हैया,,, मैंने शर्म-लाज विसराई रे। नाच-नाच मेरे घुंघरू टूटे, पर तुम कान्हा हो फिर भी रूठे। क्या मैया से डांट पड़ी थी,,या माखन मिश्री नहीं मिली थी। या बलदाऊ भैया की कमि है खलती,या मुझसे हो गई कोई गलती । कुछ तो बोलो,,,अब मौन तो तोडो,छोड़ो अब तरसाना। आ जाओ सामने हृदय गति से, वरना हृदय गति रुक जाएगी। मतवाली,,,,ये चंचल बाला,,,,, कान्हा,तेरे वियोग में मर जाएगी। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #Dance मन भाव विभोर हुआ सुन तेरे बंसी कान्हा। सुध-बुध गई सब बिसराय,,,, भई बावरी ढूंढूं तोहे, कान्हा कहूं नजर ना आए। #NojotoTrending #nojot
#Dance मन भाव विभोर हुआ सुन तेरे बंसी कान्हा। सुध-बुध गई सब बिसराय,,,, भई बावरी ढूंढूं तोहे, कान्हा कहूं नजर ना आए। Trending nojot
read morepooja yadav
🌿🌿🌿अपनी दुखों को आखिरी बार देखा मैंने वृंदावन में जब खुशियों को सरेआम देखा ऐसा नहीं कि दीवानी हुई वहाँ आने से सच तो ये है कान्हा❣️ तेरी गलिय
read morePnkj Dixit
छत पर बैठा चांद मेरा बोला यूं एहसास पास में मेरे तुम बैठे थे क्यों था दिल ये उदास अरे बोल पिया तू लब ये खोल पिया तू तन से मेरे पास थे प्य
read morePushpvritiya
जब तुम कभी अपनी "कविताओं" में तराशोगे मुझे.... दर्पण को सटी उस "लाल बिंदी" पर मेरी "भौंहें" उकेरोगे.... जब नेत्र पटो को मूंद ढूंढोगे मुझे..उस "क्षण".... उस क्षण में मैं...हां.."मैं" अपना आकार धरूंगी.... उस क्षण क्षण में आकार मेरा बढ़ता जाएगा.... हां उस "सूक्ष्म" बिंदु पर...जब मुझमें घुलोगे तुम.... मैं बढ़ूंगी पूर्ण तक...."अक्षुण्ण" हो जाऊंगी........... @पुष्पवृतियां . . ©Pushpvritiya जब तुम कभी अपनी "कविताओं" में तराशोगे मुझे.... दर्पण को सटी उस "लाल बिंदी" पर मेरी "भौंहें" उकेरोगे.... जब नेत्र पटो को
जब तुम कभी अपनी "कविताओं" में तराशोगे मुझे.... दर्पण को सटी उस "लाल बिंदी" पर मेरी "भौंहें" उकेरोगे.... जब नेत्र पटो को
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