Find the Latest Status about an acrostic poem using the word environment from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, an acrostic poem using the word environment.
Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreShakunn
ज़िन्दगी की राहों में अजब तमाशा देखा, हर कोई अपने ग़म का किस्सा अकेले सहता देखा। यूँ तो हंसी में सब छुपा लेते हैं दर्द अपना, पर जब दिल टूटा तो हर किसी को खामोश रोते देखा। ©Shakunn "हर लफ़्ज़ में छुपा है एक अधूरा एहसास…" (Every word hides an incomplete emotion…) #Zindagi
"हर लफ़्ज़ में छुपा है एक अधूरा एहसास…" (Every word hides an incomplete emotion…) #Zindagi
read moreBlack writer
White kuchh chije kabhi badlaa nhi ja sakta, khud ke alawa. ©Black writer word
word
read moreમસ્તાન
White Words remains shallow without the divinity of experience. ©મસ્તાન #word #experience #Life #મસ્તાન
#word #experience #Life #મસ્તાન
read morePalak Parmar
White You can't heal in the same environment that make you sick. ©Palak Parmar you can't heal with the same environment that make you sick #heal #wounds #love #
Aakansha shukla
प्रकृति की पुकार हे मानव सुनो मेरी पुकार, ना डालो मुझपर इतना भार। पशु पक्षियों का तुम रखो ध्यान, ना करो उन पर इतना दुराचार। पेड़ पौधों से तुम मुझे सजाओ, फूलों की बगिया मुझपे बनाओ, स्वच्छ जलधारा सा पावन, इस धरा को तुम मेहकाओ। जलजीवों की करो तुम रक्षा, प्रकृति की तुम करो सुरक्षा, प्रकृति संरक्षा का बढ़ाओ ज्ञान, अब और ना लो मेरी परीक्षा। है मेरी तुमसे इतनी दरख्वास्त, ना तोड़ना तुम मेरा विश्वास, है वक्त अब भी ना बनो अंजान, प्रकृति बचाने का तुम करो प्रयास। ©Aakansha shukla #environment #Earth कविताएं कविता कोश हिंदी कविता
#environment #Earth कविताएं कविता कोश हिंदी कविता
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
read moreDilbag-Heart of Garden
सांसें हो रही है खत्म आओ पेड़ लगाए हम आओ प्रकृति से दोस्ती का हाथ बढ़ाएं आओ मिलकर एक एक पेड़ जरूर लगाएं ©Dilbag-Heart of Garden सांसें हो रही है कम #WorldEnvironmentDay #environment #Extremelife #prakriti #revolution
सांसें हो रही है कम #WorldEnvironmentDay #environment #Extremelife #prakriti #revolution
read more