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Ashraf Fani
देख लो!! ये दर-दर भटकायेगी पहले हंसायेगी फिर रूलायेगी ये इश्क़ की काली खांसी है अदरक से नहीं जायेगी ©Ashraf Fani देख लो!! ये दर-दर भटकायेगी पहले हंसायेगी फिर रूलायेगी ये इश्क़ की काली खांसी है अदरक से नहीं जायेगी #ashraffani #teatime खूबसूरत दो लाइन शा
देख लो!! ये दर-दर भटकायेगी पहले हंसायेगी फिर रूलायेगी ये इश्क़ की काली खांसी है अदरक से नहीं जायेगी #ashraffani #teatime खूबसूरत दो लाइन शा
read moreAnjali Singhal
"मोहब्बत के कच्चे धागे में, बँधा ऐसा पक्का एहसास; चाहत के नगीने से, चमका फिर साँस-दर-साँस।" #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status
read more* shree...*
#Emotional S.K Nirbhay Mandal vineetapanchal शायरी दर्द खूबसूरत दो लाइन शायरी शायरी लव #दर #SAD
read moreCricket
Himanshu Prajapati
White हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! ©Himanshu Prajapati #Sad_Status हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! #hpstrange #36gyan
#Sad_Status हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! #hpstrange #36gyan
read moreranjit Kumar rathour
आज़ से पचीस साल पूर्व ढेर सारी नसीहतो के साथ पापा ने मुझे पटना तब भेजा था ज़ब गांव का सामान्य आदमी शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था और भाई भागलपुर स्टेशन तक हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने बोला नहीं था कुछ लेकिन नजरो से एक वादा ले लिया था जाओ आप पापा के सपने बनाना मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना तब हम नहीं समझ पाए थे लगा ये शैतानी कर रहा है अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है आज ज़ब समझा तो लगा की हम बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे और उम्मीदों को बोझ बेटों पर उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए एक तपस्या के लिए घर से दूर हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर ©ranjit Kumar rathour पचीस साल बाद
पचीस साल बाद
read moreKiran Chaudhary
White खुद को इतना भी न बचाया करो, बारिश होती है जब, तो भीग जाया करो, चाँद को पाने की ख्वाहिश मत करो, अपने चेहरे की रौनक से ही महक जाया करो, दर्द की कीमत बहुत ज्यादा है, यूं न दर्द ए दिल अश्क बहाया करो, तुम्हारे लबों की खूबसूरती क्या करूँ, बस तुम छोटी छोटी बातों में मुस्कुराया करो, रोज-रोज बात करने को कौन कहता है, बस साल दो साल में मिलने आ जाया करो।। ©Kiran Chaudhary बस साल दो साल में मिलने आ जाया करो।।
बस साल दो साल में मिलने आ जाया करो।।
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