Nojoto: Largest Storytelling Platform

New gulzar shayri swali chai bhi acchi lgne lgi 0 Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about gulzar shayri swali chai bhi acchi lgne lgi 0 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, gulzar shayri swali chai bhi acchi lgne lgi 0.

Stories related to gulzar shayri swali chai bhi acchi lgne lgi 0

pitandru

Lgne dijiye 😜 #Comedy #pitandru

read more

KRISHNA

#chai

read more
अहंकार दूसरों को 
झुकाकर खुश होता है..
 
संस्कार स्वयं 
झुककर खुश होता है..!!

©KRISHNA #chai

KRISHNA

#chai

read more
*चाँद भी क्या खूब है,*
*न सर पर घूंघट है,*
*न चेहरे पे बुरका,*

*कभी करवाचौथ का हो गया,*
*तो कभी ईद का,*
*तो कभी ग्रहण का*

*अगर*

*ज़मीन पर होता तो*
*टूटकर विवादों मे होता,*
*अदालत की सुनवाइयों में होता,*
*अखबार की सुर्ख़ियों में होता,*

*लेकिन*

*शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है,*
*इसीलिए उसे* 
*हर एक  अपनी श्रद्धा से पूजता है!*
*और कविताओं* 
*ग़ज़लों में महफूज़ है*.....! !

©KRISHNA #chai

Heevani Heena

#chai

read more

KRISHNA

#chai

read more
*पहाड़ सी है ज़िंदगी चढ़े ही जा रहा हूँ मैं..!!*
*चढ़ाव का उतार का मज़ा उठा रहा हूँ मैं..!!*
🥀🥀🥀
*मिटा सकोगे तुम नहीं कभी मेरे वज़ूद को,*
*कि ख़्वाब छोड़ दो ये देखना,बता रहा हूँ मैं..!!*
🥀🥀🥀
*ग़मों ने ज़िंदगी में कुछ कमी कभी रखी नहीं,*
*जवाँ है हौंसला मेरा जो मुस्कुरा रहा हूँ मैं..!!*                        🥀🥀🥀
*बहार में खिला के तुम इसे कमाल मत कहो,*
*ख़िज़ां है फिर भी देखिए कि गुल खिला रहा हूँ मैं..!!*
🥀🥀🥀
*नहीं किसी कमाई से है कम दिलों को जीतना,*
*तो ज़िंदगी में अब फकत यही कमा रहा हूँ मैं..!!*
🥀🥀🥀
*मैं रह गया परों को फड़फड़ा के कफ़स में था,*
*परिंदा हूँ इन्हें भी आज़माने जा रही हूँ मैं..!!*
🥀🥀🥀
 *जिस के पास जो है बस वहीं तो वो लुटाएगा,*
*खुशी है पास में मेरे,खुशी लुटा रहा हूँ मैं..!!*

©KRISHNA #chai

mumbai color work

acchi koshish thi Bhai sab

read more

Anushka

0$(_(&($

read more

shreya singh bhardwaj

#chai

read more
क्या गारंटी है कि जो दूसरे का चुगली कर रहा या कर रही,
 वो आपका चुगली ना करें।

©shreya singh bhardwaj #chai

Er. Adarsh Pandey

#Gulzar

read more
ज़िन्दगी गुलज़ार है   वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी
 नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो 
अदालत भी तुम्हारी थी.

©बेनाम शायर #Gulzar

khilendrakumar markam

#chai

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile