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sushil.
White मुखातिब होते है खुदा से बात करते है बया दर्द अपना चलो जज़्बात करते हैं खुशिया न मिली न चेहरे पर मुस्कुराहट रही शिकायत चलो हम आज करते है मुखातिब होते है खुदा से बात करते है बया दर्द अपना चलो जज़्बात करते है ©sushil. #Sad_Status * shree...* SHIVAM MISHRA KK क्षत्राणी Ashutosh Mishra sakshi Pandey
#Sad_Status * shree...* SHIVAM MISHRA KK क्षत्राणी Ashutosh Mishra sakshi Pandey
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White लबों पर आया है नाम तेरा जब कभी आंखें छलकती हर पल दिखी कोई बांट ले दर्द तेरा न कोई तुझको मिला मुस्कुराहट बिखेर रोशन कर जायें मेरी ज़िंदगी ©sushil. #Sad_Status * shree...* SHIVAM MISHRA M.K.kanaujiya Ashutosh Mishra KK क्षत्राणी
#Sad_Status * shree...* SHIVAM MISHRA M.K.kanaujiya Ashutosh Mishra KK क्षत्राणी
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White deepon ka tyohaar laaye umang laaye khushiyon ki bahaar har ghar roshan ho mite jeevan ka andhkaar ma laxmi ka smaran karein sabhi sukh samridhi vaibhav ho har ghar mai aaj ©sushil #diwali_wishes shree Shivam mishra R Ojha Ashutosh Mishra vinay panwar rasmi
#diwali_wishes shree Shivam mishra R Ojha Ashutosh Mishra vinay panwar rasmi
read more*kridha*
White मेरी सबको एक ही सलाह , स्टेटस पे अपनी खुशियां न लगाए,, इसमें ही है आपका भला।। जीवन जितना निजी रहेगा,, आनंद में उतने रहोगे.. दुनियां को जितना बताओगे , दिखाओगे दुख में ही छटपटाते रहोगे।। ©Kridha #jeevankiseekh #Anubhav #K❣️
Amit Dixit
White क्या बताऊं अपने गांव के बारे में ,,🤔🤔 एक नदी का किनारा था मेरा गांव थोड़ा पुराना था मिट्टी की खुशबू अब खो गई सड़कें पक्की हो गई खेतों में अब पेड़ों की आवाज नही आती गांव में अब गांव जैसी बात आती ©Amit Dixit Pragya Mishra Sonam
Pragya Mishra Sonam
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White बैठकर बेवफाई के आहों तले उसके जाने का मातम मनाता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... सुुबह में शाम में डूबता जाम में जिंदगी जी रहा था मैं गुमनाम में कोई पागल कहे और अवारा कोई सबको सुनता और आंसू बहाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... मैं था राही भटक कर कहां खो गया लोग कहते हैं मै क्या से क्या हो गया छिप रहीं मेरी चीखें जो बेबस बनीं उनको गीतों में लिखता और गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... तेरी यादों में गिरते जो आंसू मेरे उनको इक इक संजोकरके गढ़ता रहा तेरे मिलने बिछड़ने के पत्रों को मैं रात भर जाग करके यूं पढ़ता रहा अपने गिरते हुए आंसुओं में भी मैं याद करके तुम्हें मुस्कुराता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...... ©Shubham Mishra #sad_shayari shubham mishra
#sad_shayari shubham mishra
read moreVikram Lakra
dc chandil 00 vs kanke01 location in busur ranchi jharkhand whatsapp status videos youtube videos
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White निगाहों को चुराने की अदाकारी भी रखती है, मै किसको देखता हूं ये भी अच्छे से परखती है, बहाने खूब बनाती है मुझे न चाहने के वो, मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है। कभी ऐल्बम से अपनी वो पुरानी फोटो लाती है, कभी मेहंदी से अक्षर नाम का पहला लिखाती है, दिखावा मस्ती का करके मुझे खुद देखती रहती, मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है। बहुत नटखट है प्यारी है बहुत मासूम लगती है, किसी के प्यार में पागल वो अब मरहूम लगती है, मुझे भी अच्छी लगती है गवारा ये नहीं करता, मगर वो जितना कह रही मैं उतना भी नहीं मरता। ©Shubham Mishra #Love Shubham Mishra
Love Shubham Mishra
read moreRajbali maurya
White बुद्ध का मार्ग सत्य का अनुभव करना है ६. बोधि प्राप्त करके बुद्ध ने यह अनुभव किया कि बुद्धि से या भक्ति से मुक्त नहीं हुआ जा सकता है, कोई व्यक्ति मुक्त तभी हो सकता है जब वह अनुभूति के धरातल पर सत्य का अनुभव करता हो। विपश्यना के अभ्यास से प्रज्ञा प्राप्त की जा सकती है। कोई प्रवचन भले सुन ले, धार्मिक ग्रंथ भले पढ ले और बुद्धि का प्रयोग करके भले यह समझ ले कि हां - बुद्ध की शिक्षा अद्भुत है, उनके द्वारा बतायी गई प्रज्ञा अद्भुत है, लेकिन ऐसा कहने से प्रज्ञा का साक्षात्कार नहीं होता। ... नाम और रूप का सारा क्षेत्र - छह इंद्रियां और उनके अलग-अलग विषय सभी अनित्य हैं, दुःख हैं तथा अनात्म हैं। बुद्ध का उद्देश्य था कि हम सभी इस सच्चाई का अपने भीतर अनुभव करें। इस काया के भीतर सच्चाई को पर्यवेक्षण करने के लिए उन्होंने दो क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया। एक तो रूप है, काया है यानी, भौतिक संरचना और दूसरा नाम है या मन है जिसके चार अंग हैं, विज्ञान, संज्ञा, वेदना और संस्कार। बुद्ध ने दोनों क्षेत्रों के पर्यवेक्षण के लिए कायानुपस्सना और चित्तानुपस्सना की विधि बतायी। ~ सत्यनारायण गोयनका ©Rajbali maurya anubhav
anubhav
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