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Stories related to परदेसिया

Nirbhay Pathak

परदेसिया

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एक कंधे पे जिम्मेदारिया है एक कंधे पे मजबूरिया है, वरना याद तो मुझे भी बहोत आता है मेरा गांव, और , याद आते है अपने लोग परदेसिया

Anuj Ray

# परदेसिया तेरे सदके पिया,

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Anuj Ray

# परदेसिया तेरे सदके पिया,

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Divyanshu Pathak

Dear जिंदगी .....💕👨💐💐💐💐 : रब से भी ज्यादा तेरा नाम लेता हूँ रब मुझे माफ़ करे...☺💕🍨🍧 : जीने का बहाना नही मरने का ठिकाना नहीं बिन तेरे धूल मिट

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इस दुनियां का वहां शोर न हो
रस्मों का रिवाज़ों का जोर न हो !
अरमानों की बस बारात रहे 
मेरे साथी तू हमेसा मेरे साथ रहे ! Dear 
जिंदगी .....💕👨💐💐💐💐
:
रब से भी ज्यादा तेरा नाम लेता हूँ रब मुझे माफ़ करे...☺💕🍨🍧
:
जीने का बहाना नही
मरने का ठिकाना नहीं
बिन तेरे धूल मिट

kavi manish mann

[Routine Collab Challenge - ३] सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

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बीते रैना  जाग  कर, याद करे  नित तंग।
निर्मोही  परदेसिया, छोड़  चला  है  संग।
छोड़ चला है  संग, सखी नित ताना मारे।
रोएं अखियांँ  नित्य, तुम बिन प्राण प्यारे।
बोले 'मन' कविराय,बनी पिंजरे की मैना।
करूं मोहन अरदास,मिला दो उनसे नैना।  [Routine Collab Challenge - ३]

सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

Neha Pathak

[Routine Collab Challenge - ३] सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

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अजनबी से कब अपना बनाया! 
मन मंदिर में बस तू ही समाया! 
छोड़ कर दुनिया सारी, मुझे अपनाया! 
आकर मेरी ज़िंदगी में इसने मुझसे ही रूबरू कराया! 
बाहों का हार देकर अपने परदेस है लाया! 
चलो आज मैं भी कहती हूँ तुम पर ही दिल आया मेरे परदेसिया!   [Routine Collab Challenge - ३]

सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

DR. SANJU TRIPATHI

[Routine Collab Challenge - ३] सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

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ओ मेरे परदेसिया! संग अपने भी मुझे ले चल पिया,
तेरे बिना लगता नहीं है, अब मेरा कहीं पर भी जिया।

अपनी व्यथा अपना हाल-ए-दिल मैं किसको सुनाऊँ,
तेरे बिना बेचैन और बेकरार है दिल, कैसे समझाऊँ।

तेरे संग ही मैंने बांधी है अपने जीवन की प्रीत की डोर,
कैसे कहूँ मैं किसी से, तू ही तो है मेरे मन का चित्त चोर।


  [Routine Collab Challenge - ३]

सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

[Routine Collab Challenge - 4] सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

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मन की  उद्वेगता को, मैं रोक  नहीं  पाऊँ,
लाख  कोशिशें करूँ, तड़पत  मोरा हिया।
जानें  कौन  सा  दर्द, वो दे  गया  मुझको,
परम सुख  की प्राप्ति, पर ना लागे जिया।
प्रणय की  पराकाष्ठा, उद्वेलित हो रही थी,
मोहे बाहुपाश में भर ले, बलम परदेसिया।  [Routine Collab Challenge - 4]

सभी लेखकों से अनुरोध है, कि इस क्योट पर कोलैब करने के बाद हाईलाइट भी करें, ताकि और लोग भी इसका लाभ उठा सकें

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #रूदाली ​साँझ की, ​दहलीज पर बैठी, ​निहारती वो, ​कच्ची सड़क की,

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​साँझ की,
​दहलीज पर बैठी,
​निहारती वो,
​कच्ची सड़क की,
​पगडंडियों से,
​लौटती क्षितिज पर,
​धूप की पनिहारिन को,
​
​ढ़लते सूरज के संग,
​बढ़ती प्रतिक्षा की,
​परछाइयों का होता जन्म,
​अंधकार की सहमति,
​प्रभात के नाम मन की स्लेट पर,
​लिखती नही आक्रोश वो, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#रूदाली

​साँझ की,
​दहलीज पर बैठी,
​निहारती वो,
​कच्ची सड़क की,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #अनामिका अधखुले नैनों से, ​ताकती वो, ​पगडंडी की ऊँची ढ़लान से, ​उतरते सूरज को,

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अधखुले नैनों से,
​ताकती वो,
​पगडंडी की ऊँची ढ़लान से,
​उतरते सूरज को,
​ व,
​तलाश रही है वो,
​अपने जीवन की,
​वास्तविकता का यथार्थ,
और..​श्वाँसों के आने जाने से,
​तय करती,
​उम्र का उपसंहार,
​उसकी पलकों मे बँधे ​मोती,
​अपनी स्थिरता की प्रस्तावना,
​करने में असमर्थ हो गये, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#अनामिका

अधखुले नैनों से,
​ताकती वो,
​पगडंडी की ऊँची ढ़लान से,
​उतरते सूरज को,
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