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Stories related to रटे

Asif B. Pathan

मेरी जिंदगी की पहली किताब हो तुम.. जो बिना रटे मुझे अब तक याद है.......!!!! 💞

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मेरी जिंदगी की पहली किताब हो तुम..
जो बिना रटे मुझे अब तक याद है.......!!!! 💞 मेरी जिंदगी की पहली किताब हो तुम..
जो बिना रटे मुझे अब तक याद है.......!!!! 💞

राधा

शिव शिव रटे तो संकट कटे ॐ नमः शिवाय 🌺🌺🌺🙏🙏🙏

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सोमेश त्रिवेदी

#somesh नैनों से बह रहे बूंद पानी से पूछो गुजरी हुई उस जवानी से पूछो प्रेम पूरा हुआ क्या किसी का कभी कान्हा कान्हा रटे राधा रानी से पूछो

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नैनों से बह रहे बूंद पानी से पूछो 
गुजरी हुई उस जवानी से पूछो
प्रेम पूरा हुआ क्या किसी का कभी
कान्हा कान्हा रटे राधा रानी से पूछो #somesh

नैनों से बह रहे बूंद पानी से पूछो 
गुजरी हुई उस जवानी से पूछो
प्रेम पूरा हुआ क्या किसी का कभी
कान्हा कान्हा रटे राधा रानी से पूछो

BinTu Galiyon

#GodMorningThursday मानुष जन्म पाय कर जो नहीं रटे हरि नाम। जैसे कुआ जल बिना फिर बनवाया क्या काम।। #satlokashram #KabirisGod #today boy_Gi

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 #GodMorningThursday 
मानुष जन्म पाय कर जो नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुआ जल बिना फिर बनवाया क्या काम।।
#SatlokAshram #KabirisGod #today  #boy_Gi

Hariom Dass

समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी बता रहे हैं कि नशा भक्ति मार्ग में मानव का सबसे बड़ा शत्रु है। जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम। जैसे कु

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Devesh Dixit

#भूल #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry भूल (दोहे) भूल हुई जो मान लो, पर हो छोटी जान। माफी भी तुमको मिले, और नहीं अपमान।। अपराधी में

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Divyanshu Pathak

हाबु तो तुच्छ बहाना है माखन मिश्री मंगाना है कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर

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काहू कौ मांखन चाखि गयौ अरु,
काहू कौ दूध दही ढरकायौ
काहू कौ चीर लै रुख चढ़्यौ अरु,
काहू कौ गुंजछरा छहरायौ
मानें नहीं बरजै रसखानि,
सुजानियै राज़ इन्है घर आयौ
आउरी बूझें जसोमति सों,
यह छोरा जायौ कि भई उपजायौ !! हाबु तो तुच्छ बहाना है
माखन मिश्री मंगाना है

कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है
माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर

Santosh 'Raman' Pathak

#प्रार्थना क्या है? हृदय से निकले हुए भाव जब प्रभु तक पहुंचते हैं, वही प्रार्थना है। जब भक्त व्याकुल होकर या गदगद भाव से अपने भगवान तक अपनी

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प्रार्थना क्या है? हृदय से निकले हुए भाव जब प्रभु तक पहुंचते हैं, वही प्रार्थना है। जब भक्त व्याकुल होकर या गदगद भाव से अपने भगवान तक अपनी संवेदनाएं पहुंचाता है : वही प्रार्थना है !
प्रार्थना कोई रटे-रटाये शब्द नहीं होते, वह तो हृदय के उदगार हैं जो भक्त विह्वल होकर अपने भगवान तक पहुंचाता है । हम बहुत दुखी हों तो दुख के भाव प्रार्थना में निकलते हैं और यदि कभी अति सुख के भाव मिल जाये तब भी हमारा हृदय उस परम शक्ति को ही समर्पित होता है !
*सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है*  
 *परन्तु*
*जीवन का अर्थ जीवन जी कर ही मिलता है।

©Santosh Pathak #प्रार्थना क्या है? हृदय से निकले हुए भाव जब प्रभु तक पहुंचते हैं, वही प्रार्थना है। जब भक्त व्याकुल होकर या गदगद भाव से अपने भगवान तक अपनी

Shuchi Goyal

राज रोज यू दरवाजे पे दस्तक देके लौट आना खलता है यूं भरके प्यार उसके दरवाजे पे छोड़ आना खलता है बाबली हूं मै बार बार किसी

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 राज रोज यू दरवाजे पे दस्तक देके लौट आना
         खलता है
यूं भरके प्यार उसके दरवाजे पे छोड़ आना 
         खलता है
बाबली हूं मै बार बार किसी

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

लोग पूछते है कि मैं प्रार्थना कैसे करूं, जिससे परमात्मा प्रसन्न हो जाये! तो प्रार्थना में 'कैसे' मत जोड़ो, अपने भीतर से भाव को उठने दो, जब भ

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लोग पूछते है कि 
मैं प्रार्थना कैसे करूं, जिससे परमात्मा प्रसन्न हो जाये!
तो प्रार्थना में 'कैसे' मत जोड़ो, अपने भीतर से भाव को उठने दो, जब भीतर से प्रार्थना का भाव उठेगा, तो प्रार्थना अपने आप हो जायेगी, तुम्हें करना नहीं पड़ेगा! क्योंकि प्रार्थना गढ़ी नहीं जा सकती, प्रार्थना अनगढ़ होती है और सबकी अपनी अपनी होती है!

प्रार्थना कोई कला नहीं है कि तुम कहीं सीख लोगे, प्रार्थना की कोई पाठशाला नहीं है, क्योंकि पाठशालाओं ने ही प्रार्थना को विकृत किया है, तुम्हें एक रटी रटाई प्रार्थना सिखा दी गई, जिसमें तुम्हारा अपना कोई भाव नहीं है, जो दूसरों ने दिया, तुम भी वही रटे जा रहे हो!

और यही तुम्हारी अपनी प्रार्थना के जन्मने में बाधा बन गया, मां बाप ने सिखा दी, स्कूल में सिखा दी, पंडित पुरोहितों ने सिखा दी, मंदिरों में सिखा दी, सब सीखी हुई प्रार्थना है, उस सीखी हुई प्रार्थना के कारण तुम परमात्मा से दूर पड़ गये हो, क्योंकि रटे राटाये शब्दों को सदियों से दोहराये जा रहे हो! और यही अड़चन है!

जहाँ से भी तुम्हें जीवन की थोड़ी सी ऊष्मा मिले, थोड़ी भी ऊर्जा मिले, वहीं झुक जाओ, तुम भाव में झुके कि प्रार्थना हुई! ना ही कोई बंधे बंधाए शब्द, ना ही कोई रटी रटाई बातें! जो तुम्हारे मन में सहज भाव उठता हो, वही प्रगट करो, क्योंकि वही एक प्रार्थना है जो तुम्हें परमात्मा तक ले जायेगी !!

©Ankur Mishra लोग पूछते है कि 
मैं प्रार्थना कैसे करूं, जिससे परमात्मा प्रसन्न हो जाये!
तो प्रार्थना में 'कैसे' मत जोड़ो, अपने भीतर से भाव को उठने दो, जब भ
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