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neelu
White अगर हम लोगों को सहारे नहीं दे पा रहे हैं तो क्या यह सही नहीं होगा कि हम उनको किनारे दे दे ©neelu #GoodMorning #अगर हम #लोगों को #सहारे #नहीं दे पा रहे हैं तो #क्या यह सही #नहीं #होगा कि हम #उनको #किनारे दे दे
Rakesh frnds4ever
White तुझको जो पा जाऊं मैं धन दौलत से भर जाऊं मैं काश तू दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, दुनिया की तरह ,,,,,,,मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,,,,,,, पा कर तेरे साथ को जो नीभ जाए जिंदगी तू हो जाए जो मेरी जीवनसंगिनी,, धन तेरस हो जाए मेरी मिल जाए मुझे धन - ते- रस ©Rakesh frnds4ever #तुझको जो पा जाऊं मैं #धन_दौलत से भर जाऊं मैं काश तू #दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, दुनिया की तरह मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,, पा कर #तेरे_
Anuradha T Gautam 6280
🙏jai_Ⓜ️🅰️🅰️_5🧎🏻♀️ #जिंदगी का क्या है #हंसते_खेलते गुजर जाएगी #जयकारा लगाते रहो #मां ने चाहा तो #मोक्ष यह रूप पा जाएगी..🖊️
read moreParasram Arora
White तुमने कभी घुट घुट कर किसी को रोते हुए देखा है?. खुल कर रोने मे आंसू बहते हैँ. जबकि घुट घुटकर रोने वाला आंसू नही बहाता जबकि बहने वाले आंसुओ को या तो खुद पी जाता है या उसे अपने भीतर ही बहा देता. है ©Parasram Arora घुट घुट कर
घुट घुट कर
read morePoet Maddy
जब महफ़िल में उससे हम ये नज़रे मिला लेते हैं, तब दुनिया-जहां के हम सारे सुकून को पा लेते हैं........ वो छोड़ गया है हमें मगर जब आती है याद उसकी, उसके साथ बिताए लम्हें याद करके मुस्कुरा लेते हैं....... ©Poet Maddy जब महफ़िल में उससे हम ये नज़रे मिला लेते हैं, तब दुनिया-जहां के हम सारे सुकून को पा लेते हैं........ #EyeContact#Gathering#World#Find#Peace#Le
जब महफ़िल में उससे हम ये नज़रे मिला लेते हैं, तब दुनिया-जहां के हम सारे सुकून को पा लेते हैं........ #eyecontact#GATHERING#world#find#peaceLe
read moreOdysseus
Rap टूटी चप्पल, सस्ते कपड़े बटुआ अपना ख़ाली है हर मौसम में साथ निभाती अपनी ये कंगाली है कोई ताने देता है तो
read moreaapki_adhuri_baten
White #सुनो एक वक़्त के बाद ये उम्र आपको यह जरूर बताएगी कि किसी को खो देना , वास्तव में बहुत कुछ पा लेना जैसा है #Radha ©aapki_adhuri_baten #सुनो एक वक़्त के बाद ये उम्र आपको यह जरूर बताएगी कि किसी को खो देना , वास्तव में बहुत कुछ पा लेना जैसा है #Radha #Sad_Status
#सुनो एक वक़्त के बाद ये उम्र आपको यह जरूर बताएगी कि किसी को खो देना , वास्तव में बहुत कुछ पा लेना जैसा है #Radha #Sad_Status
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
White सवाल है आज की पढ़ी लिखी नौकरी पेशा वाली औरतों से ! आदमी तो हैं ही बदनाम ए औरत जात तू बता तुझे एक आदमी क्यों काफ़ी नहीं ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!
#Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White ना पा सके,ना भूला सके........... ना बता सके,ना जता सके... ! तू कया है,मेरे लिए.....!! ना खुद समझ सके,ना मुझे समझा सकी.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#
# ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार । निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।। बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार । तुम जननी हो इस जग की .... कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार । चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।। मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार । तुम जननी हो इस जग की ..... छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार । बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।। बन चंडी अब पहन गले में , इनको मुंडों का तू हार । तुम जननी हो इस जग की .... बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार । ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।। जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार । तुम जननी हो इस जग की .... सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार । खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।। मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार । तुम जननी हो इस जग की .... तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष
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