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udai pratap singh
Aao mujhe chukar Paak kar do Ya alvida keh kar Khaak kar do #preyasi
Satyam Devu (मृदुल)
शब्द??? सुबह होता है, शाम होता है, रात होता है, एक ही शब्द पर मेरा ध्यान टिका होता है।। इन्ही शब्द को लिए कभी हँसना और मुस्कराना है, इन्ही शब्द को लिए कभी हँसना और मुस्कराना है, और होना कभी उदास है।। ये मौसम भी क्या छाया है? अनगिनत नमकीन बुन्दें भी साथ लाया है। रह जाना इससे प्यास अधूरा है, सूखे कंठ भी ना भिगो पाना है, फिर भी दिलो में आस सज़ाना है!! करता हूं मैं चर्चा हर लफ्ज़ में, फिर भी डरता हूँ कहना शब्द में, रहो बेफिक्र इन्ही लफ्ज़ में, बदनामी का चिंता मुझे भी है, कहना थोड़ा मुझे भी है।। सुबह होता है, शाम होता है, रात होता है, एक ही शब्द पर मेरा ध्यान टिका होता है।। मैं दे रहा हूँ हर लफ्ज़ में उत्तर, फिर क्यूं नहीं दे पा रहा शब्द मैं उत्तर, लगता जैसे शब्द अभी अधूरा है, देखा हुआ खूआब अभी अधूरा है, हो अगर साथ, फिर करदुं इसे पूरा हाथ।। सुबह होता है, शाम होता है, रात होता है, एक ही शब्द पर मेरा ध्यान टिका होता है।। पढ़ता हूँ, तो यही शब्द, लिखता हूँ, तो यही शब्द, मिटाता हूँ, तो यही शब्द, साथ खेलता, तो यही शब्द, अगर साथ होता, तो बन जाता हकीकत, यही शब्द।। हर शब्द में बस्ता यही शब्द, चाहे चाँद या सितारा कहूँ, चाहे धरती या गगन कहूँ, चाहे कलियाँ या पुष्प कहूँ, चाहे पुकारु संसार।। _सत्यम् कुमार सिंह #शब्द??? #satyamdevu #preyasi_my_love
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read moreSatyam Devu (मृदुल)
कौन कहता, कि मैं रंग नहीं खेलता? ख्वाहिशें नहीं रंग लगाने की, ख्वाहिशें है आपके रंगों में रंगे रह जाने की। जी नहीं करता कभी रंग बदलने की।। आपके रंगों ने हर रंग को कर दिया है फीका। मैं तो हमेशा लगाए हूं फिरता। आप तो रंगों की सरोबर हो, क्या मतलब रह जाता आपको रंग लगाने का। कौन कहता, कि मैं रंग नहीं खेलता? आपके श्रंगार का रंग जिसे मैं शब्दों में पिरोता हूं। आपके आँखों के रंग जिनमे में हमेशा डुब जाता हूं। उन डुबकीयों से मैं हमेशा शब्द ढूंढ लाता हूं l और हर रंगो से ज्यादा रंगीन बनाने का प्रयास मैं करता हूं। कौन कहता, कि मैं रंग नहीं खेलता? होली खेलना तो मुझे जरुरी नहीं लगता? आपका याद हि काफी हो जाता, चेहरा गुलाबी हो जाता। कोई अगर बोले बुरा-भला, चेहरा लाल-पीला हो जाता। कौन कहता, कि मैं रंग नहीं खेलता? मुझे चाह नहीं उस लाल-गुलाबी गुलाब की, जो वक्त के साथ अपना रंग खो जाए, मुझे वो कांटा ही पसंद है, जो अपने रंग मैं ही रंग जाए। आपके गालों की वो ख़ूबसूरत सी महकें, आज भी हमारे रंगों मैं सामिल है, वही तो मैं लगा बैठा हूं, जो हर रंग को फीका कर देता है। कौन कहता, कि मैं रंग नहीं खेलता? कौन कहता, कि मैं रंग नहीं खेलता? - सत्यम् कुमार सिंह #कौन_कहता,#कि_मैं_रंग_नहीं_खेलता? #preyasi_my_love
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read moreKavi Kundan
Kho gya hu main kahi ya kho gya hai mera man harshit bhav me v jab ho harsh ka abhav to fir nitant vyarth hai yah jeevan preyasi k nischhal prem k liye chahta tha karna khud ko tarpan purnmasi me v jab paya khud ko akaki to fir kis arth me ho yah jeevan preyasi ki yad me bavla ho kar nitdin karta hu main yatra tratra bhraman sochta hu ab v yahi mil jaye wo gar to jeevan k sukhe marusthal ko bana du fir se main upvan . preyasi ki yaad
preyasi ki yaad
read moreSatyam Devu (मृदुल)
हाँ, मैं तुमसे ही बोल रहा हूँ, हाँ, मैं आज भी मुस्कुरा रहा हु. माटी से जुड़ा हुँ मैं, ख्वाब अर्श का लिए हुए,, पीछे कब मुड़ा हुँ मैं ? राह, मंजिल-ए-तलब लिए,,-(1) ठोकरों से मैं जूझकर, कभी लड़ा मैं जान-बूझकर,, मैं झुक गया वहाँ कहीं, जहाँ हार में जीत सी दिखी. -(2) है वो मंजिल प्रकाश का, जो दिखा वो अर्श में,, ज्ञान का है वो सागर, जो लहरा रहा तरंगें पवन में,,-(3) सम्मान मैं लिए हुए, तिरस्कार भी, मैं सह गया,, ख़्वाब बड़े नए लिए हुए, कुछ हार मैं भी सह गया,,-(4) हवा के जरिए मैं बहता जाऊँ, सोचा 'ज्ञान के सागर' में डूबकियाँ लगा जाऊँ,,-(5) हाँ, मैं तुमसे ही बोल रहा हूँ, हाँ, मैं आज भी मुस्कुरा रहा हूँ. - (6) अपने दिल के जज्बातों को छुपा रहा हूँ, क्या मैं यही जिंदगी चाहता था, जिसे जीता चला जा रहा हूँ. हाँ, मैं आज भी मुस्करा रहा हूँ. -(7) ऐ हवा, तुम हो इस मेहफिल में आज भी, चाहे हमारी लफ्जों को, आवाज़ मिले ना मिले, पत्तों की सर्सराहट हो न हो, में तो मुस्कुरा रहा हूँ.-(8) तुम्हारी सर्सराहट से तो दुनिया काँप जाती है, बढ़े-बढ़े इमारतें भी ढह जाती है, मैं तो मामुली सा, छोटा सा पौधा हूँ, जिधर चाहो लचा दोll-(9) हाँ, मैं तुमसे ही बोल रहा हूँ, हाँ, मैं आज भी मुस्कुरा रहा हूँ, हाँ, मैं आज भी मुस्कुरा रहा हूँ ll-(10) #loveyou #preyasi मैं आज भी मुस्कुरा रहा हूँ ❤️
निधि द्विवेदी
https://www.instagram.com/preyasi_nidhi पूरी कविता पढ़े मेरे इंस्टाग्राम पेज पर। #शहीद को नमन 🙏 #कविता #शायरी #हिन्दी #nojoto
राहुल यादव "निशब्द"
पतझड़ में तू, अकाल में तू, प्रकृति की हर बहार में तू, चींटी के शान्त स्वभाव में तू, हाथी की हुंकार में तू.... नीर के हर वक्र में तू, जीवन के हर चक्र में तू, घट घट में तू, कण कण में तू, जीवन के हर प्रतिक्षण में तू.... #हे!परमात्मा #मेरीकलमसे #राहुलयादव #निशब्द #मेरीकलमसे #राहुलयादव #निशब्द Sakshi Thakur Prachi Preyasi Monika Garg 💞💞💞Ruparaj Paswan 💕💕💕 Nishi priya
#मेरीकलमसे #राहुलयादव #निशब्द Sakshi Thakur Prachi Preyasi Monika Garg 💞💞💞Ruparaj Paswan 💕💕💕 Nishi priya
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