Find the Latest Status about दिलाता हूं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिलाता हूं.
Lallitt siingh
मुहब्बत ठीक नही खुद को मैं याद दिलाता हूँ, तुमको देखकर••••अकसर सब भूल जाता हूँ; जादू है तेरी नजरों का या फिर रब की मर्जी है, बात करने से••••पहले ही घायल हो जाता हूँ! ललित याद दिलाता हूं
याद दिलाता हूं
read moreVineet Tomar
तुम हाथ बढ़ाकर कभी पीछे मत हटाना, यकीन दिलाता हूं कि ता उम्र तुम्हारी सम्भाल करूंगा ।। - विनीत तोमर यकीन दिलाता हूं ...!! #hands
यकीन दिलाता हूं ...!! #hands
read moreJitesh soni ( Yash )
वादा है की वादा निभाऊंगा ताउम्र तुमसे ही प्यार करके दिखाऊंगा बनके साया तेरा कदम से कदम मिलाऊंगा वादा है की वादा निभाऊंगा। , ©Jitesh soni ( Yash ) , एक ऐसे वादा की यकीन दिलाता हूं तुम्हें सोना जी, जो कभी न खत्म होगा न टूटेगा न भूलूंगा,,,, वादा है #Happy #Promise #day #Dear #sona #Ji #
MANJEET SINGH THAKRAL
सबसे पहले, मुझे इतना सम्मान देने के लिए The Voice Of Poor - Trust और Sajid Ali जी का बहुत-बहुत धन्यवाद। इस पुरस्कार से मेरे आत्मविश्वास और ब
सबसे पहले, मुझे इतना सम्मान देने के लिए The Voice Of Poor - Trust और Sajid Ali जी का बहुत-बहुत धन्यवाद। इस पुरस्कार से मेरे आत्मविश्वास और ब
read morevibrant.writer
वह बाहर से है शांत पानी, पर अंदर से चीखती चिल्लाती, सबके सामने उसकी मुस्कान , जाने कहां है खो जाती । मैं याद दिलाता हूं उसको, पर वह फिर फिर भूल जाती, सबके सामने उसकी मुस्कान, जाने कहां है खो जाती । वह सबका ध्यान रखती, पर खुद तक ना पहुंच पाती, सबके सामने उसकी मुस्कान, जाने कहां खो जाती है । वह बाहर से है शांत पानी, पर अंदर से चीखती चिल्लाती, सबके सामने उसकी मुस्कान , जाने कहां है खो जाती । मैं याद दिलाता हूं उसको, पर वह फिर फिर
वह बाहर से है शांत पानी, पर अंदर से चीखती चिल्लाती, सबके सामने उसकी मुस्कान , जाने कहां है खो जाती । मैं याद दिलाता हूं उसको, पर वह फिर फिर
read morekavi manish mann
स्वतंत्रता का मोल चुकाया, खोकर लाख सपूतों को। खोया हमने लाजपत और...., भगत सिंह से पूतों को। जलिया वाला बाग याद है...., कुंड भरा था लाशों से। कैसे कहूंँ मिली आजादी............, गांधी के प्रयासों से। सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु, हंसकर फांँसी झूले थे। पूरा भारत रोया था तब.........., नहीं दिवस वे भूले थे। झलकारी, चेमन्ना रानी................., गोरों से टकराई थी। लक्ष्मी और अंग्रेजो से भी........, जमकर हुई लड़ाई थी। बिरसा मुंडा, मंगल पाण्डेय........., और हज़ारों वीरों ने। अपने प्राण अर्पित कर दिए...., साधु संत फकीरों ने। बिस्मिल और सुभाष चन्द्र का, नारा याद दिलाता हूंँ। खून आज़ादी इंकलाब 'मन'...., सारा याद दिलाता हूंँ। यहांँ पावन भारत भूमि पर..., जन्म पाकर इतराता हूंँ। वीर शहीदों के चरणों में...., शत शत शीश झुकाता हूंँ। स्वतंत्रता का मोल चुकाया, खोकर लाख सपूतों को। खोया हमने लाजपत और...., भगत सिंह से पूतों को। जलिया वाला बाग याद है...., कुंड भरा था लाशों से।
स्वतंत्रता का मोल चुकाया, खोकर लाख सपूतों को। खोया हमने लाजपत और...., भगत सिंह से पूतों को। जलिया वाला बाग याद है...., कुंड भरा था लाशों से।
read moreAbhishek shekhar
पहला प्यार पूरा पढ़ने के लिए अनुशीर्षक (caption ) का सहारा ले पहला प्यार हमारा अधूरा रह गया सच कहूं तो एकतरफा था और एक तरफा रह गया जब भी उसका नाम सोचता हूं महक सा जाता हूं उसको फूल खुद को भवँरा बत
पहला प्यार हमारा अधूरा रह गया सच कहूं तो एकतरफा था और एक तरफा रह गया जब भी उसका नाम सोचता हूं महक सा जाता हूं उसको फूल खुद को भवँरा बत
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
मैं दर्द हूँ।। मैं दर्द हूँ पिघला सा, आंखों से निकलता हूँ। मैं बन अंगार कभी, होंठों से फिसलता हूँ। ना मेरा कोई मज़हब, ना जात रही कोई, फिर भी हर होंठों पर बस बात रही मेरी। जो मैं जग में नहीं, खुशियों का मोल नहीं कोई, जो दिल मे मैं ना रहूँ, है मीठी बोल नहीं कोई। हर कोई फिक्र करे, बचते फिरते सब लोग, सब मेरी ज़द में रहे, करते फिरते बस ढोंग। महफ़िल में मुस्का कर, कोने में सिसकता हूँ। मैं दर्द हूँ पिघला सा, आंखों से निकलता हूँ। ना कोई एक ठिकाना है, रग रग में समाया हूँ, कब छोड़ गया तुझको, जो लौट मैं आया हूँ। हर सीख का मंतर हूँ, पूजा हवन भी मैं। ताबिज़ों का असर भी मैं, जोग जतन भी मैं। मैं रोग नही कोई, जो छोड़ चलूं तुझको, मैं तो कहर ठहरा, बस तोड़ चलूं तुझको। मैं बन शीशा हर पल कानों में पिघलता हूँ। मैं दर्द हूँ पिघला सा, आंखों से निकलता हूँ। किस डर से डराते हो, मैं डर का साथी हूँ, मदमस्त है चाल मेरी, जंगल का हाथी हूँ। ना भूल सको कुछ तुम, मैं याद दिलाता हूं, नीम की बेरी हूँ, जीने का स्वाद दिलाता हूं। तुम भटको नहीं राहें, बन ठोकर आता हूँ, कभी हंसने मैं तुझपे, बन जोकर आता हूँ। तुम संग मेरे रह लो, कब कहाँ ठिठकता हूँ, मैं दर्द हूँ पिघला सा, आंखों से निकलता हूँ। ©रजनीश "स्वछंद" मैं दर्द हूँ।। मैं दर्द हूँ पिघला सा, आंखों से निकलता हूँ। मैं बन अंगार कभी, होंठों से फिसलता हूँ। ना मेरा कोई मज़हब, ना जात रही कोई, फिर भ
मैं दर्द हूँ।। मैं दर्द हूँ पिघला सा, आंखों से निकलता हूँ। मैं बन अंगार कभी, होंठों से फिसलता हूँ। ना मेरा कोई मज़हब, ना जात रही कोई, फिर भ
read moreAjay p.bhartiya
अकेले जीना सीख लिया है मैंने अब तेरा खयाल भी ना लाता हूं ना चुपके से तेरे सामने आकर खुद को कतरा कतरा तड़पाता हूं थोड़ा बहुत काम में बिजी रहता हूं और दिन को इसी तरह बिताता हूं रात को दोस्तों से ग्रुप चैट करता हूं और मस्ती करता जाता हूं सपने भी कुछ ख़ास नहीं आते तेरे बस चैन की नींद सो जाता हूं अब कुछ बड़ा करना है लाइफ में बस इसी सोच में दिन रात बिताता हूं ये बदनाम ज़िन्दगी बहुत बड़ी है इसमें बहुत मिलेंगी तेरे जैसी पर तू मेरा जैसा एक भी ढूंढ कर दिखाना ये बात तुझे फिर से याद दिलाता हूं खुश रहे तू जहां भी रहे दिल से यही दुआ दिए जाता हूं में तन्हा ही ठीक हूं अब ना तुझे और ना किसी और को सताता हूं मैं एक दीवाना हूं पागल सा कागज़ पेन के सहारे सबको अपने दिल का हाल बताता हूं । Abhartiya_ekdeewanatha अकेले जीना सीख लिया है मैंने अब तेरा खयाल भी ना लाता हूं ना चुपके से तेरे सामने आकर खुद को कतरा कतरा तड़पाता हूं थोड़ा बहुत काम में बिजी रहत
अकेले जीना सीख लिया है मैंने अब तेरा खयाल भी ना लाता हूं ना चुपके से तेरे सामने आकर खुद को कतरा कतरा तड़पाता हूं थोड़ा बहुत काम में बिजी रहत
read moremummy_s_prince
तेरी आंखों में छुपी वह नमी और हया बनना चाहता हूं, आज एक बार तुझे खुलकर बेपनाह प्यार करना चाहता हूं। नहीं पता मुझे कि तेरी रजामंदी क्या होने वाली है, पर फिर भी तुझे एकबार तुझसे चुरा लेना चाहता हूं।। मेरे प्यार देवांशी के लिए, माना कि पिछले कई महीनों से हमारे बीच कुछ अनबन सी हुई है, पर मुझे यकीन है कि बस यह सिर्फ एक छोटी सी समझ का फेर है
मेरे प्यार देवांशी के लिए, माना कि पिछले कई महीनों से हमारे बीच कुछ अनबन सी हुई है, पर मुझे यकीन है कि बस यह सिर्फ एक छोटी सी समझ का फेर है
read more