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jaydeep kumar

खोरठा

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Pawan Munda

खोरठा शायरी

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Omprakash Ray

खोरठा शायरी #seashore

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साथी रे तोंय कहां हें
कब येबें केते दूरां हें
तोर बिना दिल ये कहीं लगो नहीं 
दिन बीती जाहो रोज असरा में

©Omprakash Ray खोरठा शायरी

#seashore

Omprakash Ray

खोरठा शायरी -Om.. #wetogether

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जखनी तोंय रहबें नें साथ रे
दिशा हतो तोर दिलक बात रे
कहां कब मिले थे पेहली बार रे
याद येतो तोर हंसी मुलाकात रे

©Omprakash Ray
  खोरठा शायरी -Om..

#wetogether

Omprakash Ray

खोरठा शायरी -Om.. #wetogether

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जखनी तोंय रहबें नें साथ रे
दिशा हतो तोर दिलक बात रे
कहां कब मिले थे पेहली बार रे
याद येतो तोर हंसी मुलाकात रे

©Omprakash Ray खोरठा शायरी -Om..

#wetogether

R J Anzar

खोरठा की एक नज़्म #Hope

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shayari platform

दिल को छू जाने वाली खतरनाक खोरठा हिंदी शायरी

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Gurudeen Verma

#लेखक

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शीर्षक- और तो क्या ?
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खास तुम भी होते साथ में,
या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में,
और तो क्या ?
 यह खुशी दुगनी नहीं होती।

ये दिन सुकून से गुजर जाते,
मगर इस शक की दीवार को तो, 
तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी,
और अपने अहम को भी,
छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी।
और तो क्या ?

लोगों नहीं मिल जाता अवसर,
कहानियां नई गढ़ने का,
वहम को और बढ़ाने को,
लेकिन इसमें हार तो,
हम दोनों की ही होती,
लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है,
मेरे हारने का कोई गम।

मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता,
मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ ,
भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ ,
फिर भी मिल जाये कुछ खुशी,
आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए,
जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक,
और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली,
और तो क्या ?
हंस लेता मैं भी--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #लेखक

Andy Mann

#लेखक

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Sabir Khan

लेखक

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#Pehlealfaaz लिखने वाले समाज के रचयिता हैं, 

समाज लिखने वालों से ही चलता है। 

अब लिखने वाले ही स्वयं सोच लें कि

उनको समाज कैसा बनाना है। लेखक
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