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Dr. Bhagwan Sahay Meena
White भाग्य बदल जाता है जब इरादे मजबूत हो.... वरना जीवन बीत जाता है किस्मत को दोष देने में.... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #GoodMorning भाग्य
#GoodMorning भाग्य
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
भाग्य कोई कहता भाग्य बड़ा है कोई कहता कर्म बुद्धि विवेक हर कोई लगाए समझ न पाए मर्म गीता कहती कर्म करो तो लिख सकते हो भाग्य वर्ना द्वार खुला मन्दिर का अपना लो वैराग्य भाग्य भरोसे जो बैठा है लक्ष्य नहीं वो पाता समय निकल जाता है स्वर्णिम तो पीछे पछताता कहे भाग्य कि मेरे आगे वश न चले किसी का बेखुद जिससे रूठ मै जाती रहता नहीं कहीं का ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #भाग्य
Anjali Singhal
"आने वाला पल क्या होगा, पहले से ही अगर मालूम होता, तो भी भाग्य का लिखा कुछ नहीं बदलता, जीवन तब भी अपनी रफ़्तार से, ऐसे ही आगे बढ़ता।" Anja
read moreParasram Arora
White मैं अच्छे से जानना चाहता हू कि आखिर इस जगत मे मेरा क्या हश्र होने वाला है आगे तभी एक आवाज़ मेरे कानो से आकर टकराई को कह रहीं थी. तुमारे साथ भी वही होगा जो हर इंसान की जिंदगी मे आज तक होता आया है ©Parasram Arora आगे क्या होने वाला. है
आगे क्या होने वाला. है
read moreVandana Rana
White हो सकता है तुम्हारा भाग्य में न होना ही मेरा भाग्य हो। ©Vandana Rana हो सकता है तुम्हारा भाग्य में न होना ही मेरा भाग्य हो।
हो सकता है तुम्हारा भाग्य में न होना ही मेरा भाग्य हो।
read moreMohan Sardarshahari
White दिन तीस सितंबर के शांति से निपटाय शीत ज्यों ही आयसी खाकर शरीर सुस्ताय। अभी नीले का दौर है आगे पतझड़ आय जब तक बिस्तर छोड़िये तब तक सूरज ढल जाय। नीर आज लगे मनमोहन लूं शरीर से लिपटाय जैसे ही सितंबर जायसी निकालूं इससे नजर चुराय। शीत में जिनकी शादी होयसी वह घोड़ी चढ़ जाय मार्च आये आंख खुले असली मंजर दिख जाय। ©Mohan Sardarshahari सितंबर के आगे
सितंबर के आगे
read moreShiv Narayan Saxena
White जीत सकते वक़्त को न बदल सकें इतिहास को सीख कर इनसे मगर बदलें हम अपने भाग्य को ©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes बदलें हम अपने भाग्य को.
#sad_quotes बदलें हम अपने भाग्य को.
read moreRomil Shrivastava
White भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते "साथ" के युद्ध में मन पराजित हुआ याद की अब कोई राजधानी नहीं प्रेम तो जन्म से ही प्रेणय हीन है बात लेकिन कभी हमनें मानी नहीं हर नए युग तुम्हारी प्रतीक्षा रहेगी हर घड़ी हम समय से अधिक बीतते भाग्य रेखाओं में तुम कहीं भी न थे प्राण के पार लेकिन तुम्हें देखते..! ©Romil Shrivastava भाग्य रेखा
भाग्य रेखा
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