Find the Latest Status about मेला दिखाऊंगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मेला दिखाऊंगा.
Sethi Ji
White एक दिन हम सब लिखते - लिखते बर्बाद हो जाएंगे किसी की मोहब्बत की याद , किसी की बिन मांगी फ़रियाद हो जाएंगे ज़िन्दगी भर चलेगा यह खोने - पाने का खेल मरने के बाद हम सब आज़ाद हो जाएंगे जीवन में हर दिन होता हैं हमारा इम्तेहान सोचो कुछ ऐसे अल्फाज़ , जिससे पढ़ने वाले के चेहरों पर आए मुस्कान वोह बना लेगा अपने मन में हमारी एक खूबसूरत पहचान फिर देखना हम भी लोगों के दिलों में आबाद हो जाएंगे एक शायर होता हैं समाज को आईना दिखाने वाला अपनी शायरी से दुनिया को सही और गलत समझाने वाला लगाओ ऐसी आग अपने शब्दों से जो बुझाए ना बुझे हमारे आज करें हुए कर्म आने वाली नस्लों के लिए बुनियाद हो जाएंगे चक लो एक बार आप भी मोहब्बत को हमारी बातों से लगेगा ऐसा चस्का फिर हम कभी ना भूलने वाला स्वाद हो जाएंगे लिखता हूँ अपने दिल के जज़्बात बस इसी आशा में दोस्तों शायद हम भी किसी के आँगन के दामाद हो जाएंगे 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 🩷🩷 जीवन का मेला 🩷🩷 🩷🩷 दिल का अकेला🩷🩷 #GoodMorning #Sethiji #Trending #13Oct
🩷🩷 जीवन का मेला 🩷🩷 🩷🩷 दिल का अकेला🩷🩷 #GoodMorning #Sethiji #Trending #13Oct
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar #मौसम Sethi Ji Bhanu Priya Kshitija Sana naaz puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा
#मौसम Sethi Ji Bhanu Priya Kshitija Sana naaz puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा
read moreIG @kavi_neetesh
“प्रभु इस विनती को कर लेना स्वीकार, कल से देखना माता की जय जयकार।“ कल नवरात्रि में माता भवानी आ रही है, गणेश गजानन जी आप भी जरूर आना! आपके स्वागत में, कोई कमी नहीं होगी, आप जितना चाहो, मोदक भोग लागाना! गणेश गजानन जी……… भरी हुई होगी सामने मिष्ठान की थाली, नहीं कर पाओगे प्रभु, आप थाली खाली। लड्डू, केला, मेवा भी खिलाऊंगा आपको, भूल जाओगे देवलोक को लौटकर जाना! गणेश गजानन जी…….. माता जगदम्बा पूर्ण करेगी सबकी आशा, मेला लगेगा जिसमें देखना नाच तमाशा। भक्तों की भक्ति में शक्ति मिल जाएगी, धीमी गति सवारी का, बनाना न बहाना! गणेश गजानन जी……….. हम लगते सेवक आपके, आप हैं विधाता, प्रभु आपसे है हमारा, जन्म जन्म नाता। आपके पधारने से मंगल ही मंगल होगा, सारी दुनिया चाहती, आपके दर्शन पाना। गणेश गजानन जी………… ©IG @kavi_neetesh #GaneshChaturthi भक्ति फिल्म Hinduism भक्ति भजन राधा कृष्ण के भजन भक्ति सागर भक्ति गीत : नवरात्रि में आना गणेश जी “प्रभु इस विनती को क
#GaneshChaturthi भक्ति फिल्म Hinduism भक्ति भजन राधा कृष्ण के भजन भक्ति सागर भक्ति गीत : नवरात्रि में आना गणेश जी “प्रभु इस विनती को क
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White बहुत हो चुकी तेरी लुका छिपी ऐ जिंदगी तुझको में कामयाब होकर दिखाऊंगा एक दिन देख लेना अभी वक्त के हाथो मजबूर हूं में अपने पैरो पर तुझको खड़ा होके दिखाऊंगा एक दिन ऐ जिंदगी ! गुमनाम शायर सहरानपुर का ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Sad_Status बहुत हो चुकी तेरी लुका छिपी ऐ जिंदगी तुझको में कामयाब होकर दिखाऊंगा एक दिन देख लेना अभी वक्त के हाथो मजबूर हूं में अपने पैरो
#Sad_Status बहुत हो चुकी तेरी लुका छिपी ऐ जिंदगी तुझको में कामयाब होकर दिखाऊंगा एक दिन देख लेना अभी वक्त के हाथो मजबूर हूं में अपने पैरो
read moreShashi Bhushan Mishra
कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #कब तलक मेला चलेगा#
#कब तलक मेला चलेगा#
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- आजादी के दीवानों का , आज देख लो मेला । एक हाथ में लिए तिरंगा , बढ़ता जाये ठेला ।। आजादी के दीवानों का... जिनके पैरो से चलकर कल , घर आजादी आई । याद करूँ उन वीर पुरुष को , जिसने हमें दिलाई ।। वो भी भारत माँ के बेटे , अपने दादा भाई । पढ़ लूँ मैं इतिहास पुराना , कैसे दुख को झेला ।। आजादी के दीवानों का... क्यों सहना अन्याय किसी का , बनें आज फौलादी । डटकर करें सामना अब जो , दिखे आतंकवादी ।। हम हैं वीर बहादुर बेटे , क्यों उनसे घबराना । कदम बढ़ाकर याद दिला दें , कैसे उसे धकेला ।। आजादी के दीवानों का... अभी अगर आ जाये दुश्मन , हाजिर जान हमारी । मुझको इन प्राणो से पहले , भारत माँ है प्यारी ।। जिसकी रक्षा का अब सुन लो , है दायित्व हमारा । लेकिन धोखे में मत रहना , मैं हूँ यहाँ अकेला ।। आजादी के दीवानों का ... आजादी के दीवानों का , आज देख लो मेला । एक हाथ में लिए तिरंगा , बढ़ता जाये ठेला ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- आजादी के दीवानों का , आज देख लो मेला । एक हाथ में लिए तिरंगा , बढ़ता जाये ठेला ।। आजादी के दीवानों का... जिनके पैरो से चलकर कल , घर
गीत :- आजादी के दीवानों का , आज देख लो मेला । एक हाथ में लिए तिरंगा , बढ़ता जाये ठेला ।। आजादी के दीवानों का... जिनके पैरो से चलकर कल , घर
read more