Nojoto: Largest Storytelling Platform

New शौक की रात Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about शौक की रात from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शौक की रात.

Mohan Sardarshahari

# शौक और खौफ

read more
White काम करना तो वही है 
जो करते हैं हम शौक से 
बाकी तो बस चलता है 
जिम्मेदारियों के खौफ से।।

©Mohan Sardarshahari # शौक और खौफ

Veer Tiwari

पूस की रात

read more
पूस की रात - मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है, जो एक गरीब किसान हल्कू की जिंदगी के संघर्ष और उसकी विवशता को बेहद मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करती है। यह कहानी ग्रामीण भारत की गरीबी, शोषण, और मनोस्थिति को दर्शाती है, जो आज भी कई रूपों में प्रासंगिक है।

कहानी का सारांश

कहानी का मुख्य पात्र हल्कू एक छोटा किसान है, जो अपनी जमीन पर फसल उगाता है। उसकी जिंदगी गरीबी से जूझती रहती है, और कर्ज चुकाने की मजबूरी में उसे हमेशा समझौते करने पड़ते हैं। एक बार फिर से उसे कर्ज चुकाने के लिए अपनी कमाई से कंबल खरीदने का सपना छोड़ना पड़ता है, और ठिठुरती ठंड में रात के खेत की रखवाली के लिए जाना पड़ता है।

पूस की ठंडी रात में वह अपने कंबल की कमी से ठिठुरता है, लेकिन उसकी हालत ऐसी है कि वह कुछ नहीं कर सकता। ठंड से बचने के लिए वह अपने कुत्ते झबरा के पास सटकर सोने की कोशिश करता है, और अंत में ठंड से हारकर वह अपनी हालत पर हंसने लगता है। कहानी का अंत यह दिखाता है कि हल्कू अगले दिन की चिंता किए बिना, उस क्षण की ठंड से राहत पाने के लिए सब कुछ छोड़कर झबरा के साथ खेत छोड़कर चला जाता है।

विशेषताएं और आज के समय की तुलना

1. ग़रीबी और विवशता: हल्कू की हालत उस किसान की है, जो कर्ज, शोषण, और आर्थिक तंगी से जूझता है। यह स्थिति आज भी कई गरीब किसानों और मजदूरों की सच्चाई है, जो अपने मूलभूत ज़रूरतों को भी पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। चाहे आज की दुनिया में कितनी भी तरक्की क्यों न हो जाए, परंतु इस वर्ग के लोग अब भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।

2. मानसिक पीड़ा और उम्मीद की झलक: हल्कू का ठंड में ठिठुरना और खुद को सांत्वना देना यह दिखाता है कि इंसान कैसे विषम परिस्थितियों में भी अपने मनोबल को बनाए रखने की कोशिश करता है। आज भी लोग कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने मानसिक संतुलन और उम्मीदों को बरकरार रखने का प्रयास करते हैं।

3. प्राकृतिक कठिनाइयाँ: कहानी में ठंड और सर्दी का ज़िक्र उन प्राकृतिक चुनौतियों का प्रतीक है, जिनसे किसान हर दिन जूझते हैं। आज भी बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदाएं किसानों की जीविका पर गहरा असर डालती हैं, और यह समस्या आज की वास्तविकता के साथ भी मेल खाती है।

सीख और संदेश

संघर्ष की हकीकत: कहानी यह सिखाती है कि जीवन में असली संघर्ष बाहरी समस्याओं से नहीं, बल्कि भीतर की मजबूरियों और हालातों से होता है। हल्कू का संघर्ष उसकी गरीबी के खिलाफ नहीं, बल्कि ठंड से राहत पाने के लिए खुद से किया गया संघर्ष है।

वास्तविकता का सामना: कहानी यह भी दिखाती है कि गरीबी और जरूरत के सामने इंसान की इच्छाएं और सपने कैसे बेमानी हो जाते हैं। हल्कू का अपनी हालत पर हंसना यह दर्शाता है कि वह खुद की हालत को स्वीकार कर चुका है।

पूस की रात अपने छोटे कलेवर में बड़े सामाजिक मुद्दों को उठाती है और यह दिखाती है कि कठिनाइयों के सामने भी इंसान अपने मन को समझाने के तरीके ढूंढ लेता है। प्रेमचंद ने इस कहानी के जरिए वास्तविकता को बेहद मार्मिक ढंग से उकेरा है, जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी उस समय थी।

✍️Veer Tiwari

©Veer Tiwari पूस की रात

Shiv Narayan Saxena

#good_night वस्ल की रात में.....

read more
White ना अमां का समां और ये आसमां
तारे झलमल करें  देखता आसमां
मुस्कुराते हैं अब सब दीये प्यार में
मिल तो ले सनम वस्ल की रात में

©Shiv Narayan Saxena #good_night वस्ल की रात में.....

Parasram Arora

अकेली रात

read more
White वो रात अकेली ही बिस्तर पर पढ़ी पढ़ी अपनी तन्हाई  पर आंसू बहा कर सिसकती रहीं 

और मैं दूर खड़ा उसकी तन्हाई और उसके  आंसुओ को  पीता रहा

©Parasram Arora अकेली रात

Shivraj Solanki

बड़े शौक से मेरा घर जला

read more
White बड़े शौक से तू मेरा घर जला
क्या फ़र्क पड़ता है ?
किस ने अपनी जवानी खफा दी 
और किस ने अपना बचपन 
तू तो शहजादी सी पली है 
घर तोड़ने का शौक है तेरा 
तू घर तोड़ने का लुफ़्त उठा 
बड़े शौक से तू मेरा घर जला

©Shivraj Solanki बड़े शौक से मेरा घर जला

silent_shayar______

#good_night शौक और शौख

read more
White ज़िंदगी के शौख पूरे करने की उमर में ,
उस इक शक्स के जानें का शौक मना रहे है ,,,,,,
❤️‍🩹🥹😞

©silent_shayar______ #good_night शौक और शौख

हिमांशु Kulshreshtha

कल रात...

read more
White कल रात
तुम जो आयीं मेरे ख्वाबों में
एक ख़ुशनुमा अहसास हुआ
जैसे तारों का झुंड
उतर आया है मेरे आंगन में
मैने समेट लिया
उनकी चमक, उनकी महक को
अपने आगोश में
समेट लिया वज़ूद उनका
उनकी खुश्बू को
अपनी रूह में…..!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha कल रात...

Sunil Kumar Maurya Bekhud

#रात

read more
घनक बजकर घनजक

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #रात

Parasram Arora

वियोग की रात

read more

अभय राजपूत बीजेपी

हर शौक बदल दिए तेरे वास्ते

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile