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Ravi
बिखरे बाल बिखरे बाल तेरे आ इन्हे सवार दू तेरी ये चांद सी खूबसूरती इसे ओर भी निखार दू यू तो लोग वादे करते हैं जीवन भर साथ का आ तुझपे अपनी सारी जिंदगानी ही वार दू बिखरे बाल तेरे
बिखरे बाल तेरे
read morewriter##Zeba Noor
वो तेरे बिखरे बिखरे बाल हवाओं में लेहराते बाल वो तेरा ज़ुल्फो को सवार ना यूं तेरा मुस्कुराना काली घनी रातो में तेरा शर्माना वो तेरा छुप छुप कर देखना अपनी अदाओं से लोगो को घायाल करना सज धज कर इतराना वो तेरा चुन्नरी औढ़ना वो तेरी बिखरे बिखरे बाल की नज़ाकत दिखाना तेरे बिखरे बिखरे बाल
तेरे बिखरे बिखरे बाल
read moreRudra ashwani arya
ये स्वणिम सुन्दर तेरे बाल चलती तू मृगनैनी चाल काले तेरे नेत्र कमाल लाल पंखुड़ी तेरे गाल हाथ तेरे करते सवाल कमर लचकती करती बवाल कदम मिलाती सरगम की ताल गुलाबी होंठ करते हलाल जो भी पाए तेरा साथ हो जाए वो माला - माल ये स्वणिम सुन्दर तेरे बाल.....
ये स्वणिम सुन्दर तेरे बाल.....
read moreEr Mohd Farhan
बिखरे बाल वो तेरे बिखरे बाल वो तेरी बहकी हुई चाल आँखों में नशा और हस्ते हुए गाल वो तेरे बिखरे हुए बाल खो जाता था मैं अक्सर तेरी जुल्फ के साए में बहक जाता था मैं तेरी मीठी मीठी बातो में और फिर वो तेरे होठो पे लाल हाय वो तेरे बिखरे हुए बाल याद करता नही याद आते बहुत है भूलने की कोशिश है भूल पाता नहीं मैं हर वक़्त करते है मेरा बुरा हाल हाय वो तेरे बिखरे हुए बाल हाय वो तेरे बिखरे हुए बाल #शायरी
हाय वो तेरे बिखरे हुए बाल शायरी
read moreShankar Singh Rai
इस बार ना सही,अगले जनम मिलेंगे ओ घुंघराले बालों वाली! ..................हम मिलेंगे ©Shankar Singh Rai घुंघराले बालों वाली #जिल्दसाज़ी
घुंघराले बालों वाली #जिल्दसाज़ी
read moreकवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद
बाल बाल ले आज डूबती कश्ती को दरीया से निकाल आया तूफाँ ; देखों बनके महाकाल चल चाल की दुश्मन हो जाये पस्त तभी बचेगें हम सब आज बाल बाल कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद बाल बाल.....कीर्तिप्रद
बाल बाल.....कीर्तिप्रद
read moreKaushal Kumar
असली - नकली का भेद प्रिये, अब मुझसे ना होने वाला। बोलो क्यों केश करूँ काला।। असली में अब मैं तरुण नही, और न तुम ही अब तरुणी हो। फिर क्यों मिथ्या दिखलाने की, कोशिश में मुझ पर बिगड़ी हो। पैंतिस से पंद्रह दिखने का, श्रम मुझसे ना होने वाला। बोलो क्यों केश करूँ काला।। कोई कह दे मैं वृद्ध हुआ, तो कहने से कुछ फर्क नही। जो यही देखते फिरते हैं, उनसे मैं करता तर्क नही। सौंदर्यबोध कर वृत्तिनाश, अब मुझसे ना होने वाला। बोलो क्यों केश करूँ काला।। हाँ बात तुम्हारी दीगर है, सब तुमको क्रोध दिलाते हैं। तुमको कह वृद्धे की गृहणी, वृद्धा का बोध कराते हैं। पर फिर भी ऐसी बातों से, सच झूठ नही होने वाला। बोलो क्यों केश करूँ काला।। जो धवल रंग से नही मिले, यदि वह काले से मिल जाए। ऐसा क्षणभंगुर क्या पाना, जो चंद दिवस में हिल जाए। अंदर - बाहर से अलग - अलग, देखो मैं ना दिखने वाला। बोलो क्यों केश करूँ काला।। ©Kaushal Kumar #सफेद बाल-काले बाल
#सफेद बाल-काले बाल
read morebipin kumar"
#तेरे बिखरे बिखरे बाल हैं#,,,, ग़ज़ल, writing by bipin kumar
#तेरे बिखरे बिखरे बाल हैं#,,,, ग़ज़ल, writing by bipin kumar
read moreHaleema Ali
आपके विचारों के सहयोग से🌹 इस बाल दिवस👶 कुछ ऐसा करें,,, प्रत्येक बाल,, मुस्कुराकर झूमें😁 #Shiksha की हर डाल,,📖💡 हैप्पी बाल दिवस,, हलीमा हैप्पी बाल दिवस #बाल#दिवस
Daniel Mirja
कितने दिल दुखाओगे.. बस कर दो यह काला काजल लगाना.. बस कर दो एक बार अगर जुल्फें देख ली, खुली किसी ने.. तो मर जायेंगे कई... सुनो ये बाल बाँध लो!! . . ©Daniel Mirja बाल
बाल
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