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Nitika Negi
................... ............ ......... फूल खिलते हैं बागों में अपने देखते हैं हमें राहों में बस मन लगाने ही वाले थे कुछ कामों में यूं ही बदनाम हो गए हम इन सवालों में दरार पड़ रही है रिश्तो में याद करेंगे हम कभी तुम्हें किस्सों में कांटे लगते हैं वो जो आते हैं हिस्सों में झूठा नाता रह गया है जो बचा है अब लफ्ज़ों में मस्त मगन हो रहे हैं श्यामो में मन नहीं है किसी का कामों में छोड़ दिया जाना तीर्थ स्थानों धामों में शराब पीके मस्त है सब रातों में काम करते भी हैं तो करते हैं अब ख्वाबो में फूल खिलते हैं बागों में ✍️✍️✍️ मेरे अल्फ़ाज़ #alone फूल खिलते हैं बागों में
#alone फूल खिलते हैं बागों में
read moreRavi Prakash
बागों में फूल खिलते रहें रातों में दीपक जलते रहें जब तक सांस है इस दिल में तुम हमें हम तुम्हें याद आते रहें ©Ravi Prakash बागों में फूल खिलते रहें #Flower
बागों में फूल खिलते रहें #Flower
read more"Kumar शायर"
ब्याली दे सामणे दस लख्ख, ऐददा दा हौसला रख्ख, जदों सिंहा दी तलवारा लहराई सी, बाबा नानक दी कृपा नाल, इक - इक मुग़ल नू , गुरु गोबिंद सिंह जी, दी फ़ौजा ने धूल चटाई सी...! ✍️.✍️.✍️ ©Umesh kumar #जो बोले सो निहाल
#जो बोले सो निहाल
read more"Kumar शायर"
Baali de samane ten lakhh, Eddda da Hausla Rakhsh, Jadon Sinha Di Talwara Lehra Si, Baba Nanak the grace canal, Ik-ek Mughal nu, Guru Gobind Singh, Given The army took the dust mat ...! ©Umesh kumar #जो बोले सो निहाल
#जो बोले सो निहाल
read moreLaddu ki lekhani Er.S.P Yadav
.....किसी और के बागों में महकते हैं... ...................... प्रेम तो आज भी हम उससे उतना ही करते है.. भले वो आज किसी और के नाम से सवरते हैं.. मेरे नयन तो आज भी उसे उसी तरह से पढ़तें हैं.. भले वो आज किसी और के अदाओं पर मरते हैं.. चिंता आज भी हमेशा कि तरह उसी पर रहते हैं.. भले वो आज किसी और के लिए तुलसी को सुमरते हैं.. आँखें आज भी रातों में उसी के यादों से भरते हैं.. भले वो आज किसी और के यादों में चहकते है.. शाम को आज भी हम उसी बागों में टहलते है.. भले वो आज किसी और के बागों में महकते है.. ..ई.कुमार श्री एस.पी.यादव (अररिया,बिहार)7488686695 ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav किसी और के बागों में महकते हैं
किसी और के बागों में महकते हैं
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