Nojoto: Largest Storytelling Platform

New gora kahani kiski rachna hai Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about gora kahani kiski rachna hai from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, gora kahani kiski rachna hai.

Stories related to gora kahani kiski rachna hai

Ajit

#Teri meri Prem kahani Hai mushkil # वीडियो गाना

read more

Mahesh Chekhaliya

#GoodNight Har ashiq ki ek ajab kahani hai.

read more
White Har ashiq ki ek ajab kahani hai..

Chup rehna bhi pyaar ki nishani hai. 

Koi zakhm nahi fhir bhi dard ka ehsas hai,

 Lagta hai dil ka ek tukda aaj bhi uske paas hai..!!

©Mahesh Chekhaliya #GoodNight Har ashiq ki ek ajab kahani hai.

Saurabhsingh

kahani

read more
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.saiuniversalbookstore.HindiStories
1. भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी:
भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी

एक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई साल बीत गये थे धरती पर आये, ओर वह अपनी यात्रा की तेयारी मे लग गये, स्वामी को तेयार होता देख कर लक्ष्मी मां ने पुछा !!आज सुबह सुबह कहा जाने कि तेयारी हो रही है?? विष्णु जी ने कहा हे लक्ष्मी मै धरती लोक पर घुमने जा रहा हुं, तो कुछ सोच कर लक्ष्मी मां ने कहा ! हे देव क्या मै भी आप के साथ चल सकती हुं???? भगवान विष्णु ने दो पल सोचा फ़िर कहा एक शर्त पर, तुम मेरे साथ चल सकती हो तुम धरती पर पहुच कर उत्तर दिशा की ओर बिलकुल मत देखना, इस के साथ ही माता लक्ष्मी ने हां कह के अपनी मनवाली।

ओर सुबह सुबह मां लक्ष्मी ओर भगवान विष्णु धरती पर पहुच गये, अभी सुर्य देवता निकल रहे थे, रात बरसात हो कर हटी थी, चारो ओर हरियाली ही हरियाली थी, उस समय चारो ओर बहुत शान्ति थी, ओर धरती बहुत ही सुन्दर दिख रही थी, ओर मां लक्ष्मी मन्त्र मुग्ध हो कर धरती को देख रही थी, ओर भुल गई कि पति को क्या वचन दे कर आई है?ओर चारो ओर देखती हुयी कब उत्तर दिशा की ओर देखने लगी पता ही नही चला।

उत्तर दिशा मै मां लक्ष्मी को एक बहुत ही सुन्दर बगीचा नजर आया, ओर उस तरफ़ से भीनी भीनी खुशबु आ रही थी,ओर बहुत ही सुन्दर सुन्दर फ़ुल खिले थे,यह एक फ़ुलो का खेत था, ओर मां लक्ष्मी बिना सोचे समझे उस खेत मे गई ओर एक सुंदर सा फ़ुल तोड लाई, लेकिन यह क्या जब मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के पास वापिस आई तो भगवान विष्णु की आंखो मै आंसु थे, ओर भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी को कहा कि कभी भी किसी से बिना पुछे उस का कुछ भी नही लेना चाहिये, ओर साथ ही अपना वचन भी याद दिलाया।

मां लक्ष्मी को अपनी भुल का पता चला तो उन्होने भगवान विष्णु से इस भुल की माफ़ी मागी, तो भगवान विष्णु ने कहा कि जो तुम ने जो भुल की है उस की सजा तो तुम्हे जरुर मिलेगी?? जिस माली के खेत से तुम नए बिना पुछे फ़ुल तोडा है, यह एक प्रकार की चोरी है, इस लिये अब तुम तीन साल तक माली के घर नोकर बन कर रहॊ, उस के बाद मै तुम्हे बैकुण्ठ मे वपिस बुलाऊंगा, मां लक्ष्मी ने चुपचाप सर झुका कर हां कर दी( आज कल की लक्ष्मी थोडे थी?

ओर मां लक्ष्मी एक गरीब ओरत का रुप धारण करके , उस खेत के मालिक के घर गई, घर क्या एक झोपडा था, ओर मालिक का नाम माधव था, माधब की बीबी, दो बेटे ओर तीन बेटिया थी , सभी उस छोटे से खेत मै काम करके किसी तरह से गुजारा करते थे,

मां लक्ष्मी जब एक साधारण ओर गरीब ओरत बन कर जब माधव के झोपडे पर गई तो माधव ने पुछा बहिन तुम कोन हो?ओर इस समय तुम्हे क्या चाहिये? तब मां लक्ष्मी ने कहा ,मै एक गरीब ओरत हू मेरी देख भाल करने वाला कोई नही, मेने कई दिनो से खाना भी नही खाया मुझे कोई भी काम देदॊ, साथ मै मै तुम्हरे घर का काम भी कर दिया करुगी, बस मुझे अपने घर मै एक कोने मै आसरा देदो? माधाव बहुत ही अच्छे दिल का मालिक था, उसे दया आ गई, लेकिन उस ने कहा, बहिन मै तो बहुत ही गरीब हुं, मेरी कमाई से मेरे घर का खर्च मुस्किल से चलता है, लेकिन अगर मेरी तीन की जगह चार बेटिया होती तो भी मेने गुजारा करना था, अगर तुम मेरी बेटी बन कर जेसा रुखा सुखा हम खाते है उस मै खुश रह सकती हो तो बेटी अन्दर आ जाओ।

माधाव ने मां लक्ष्मी को अपने झोपडे मए शरण देदी, ओर मां लक्ष्मी तीन साल उस माधव के घर पर नोकरानी बन कर रही;

जिस दिन मां लक्ष्मी माधव के घर आई थी उस से दुसरे दिन ही माधाव को इतनी आमदनी हुयी फ़ुलो से की शाम को एक गाय खरीद ली,फ़िर धीरे धीरे माधव ने काफ़ी जमीन खारीद ली, ओर सब ने अच्छे अच्छे कपडे भी बनबा लिये, ओर फ़िर एक बडा पक्का घर भी बनबा लिया, बेटियो ओर बीबी ने गहने भी बनबा लिये, ओर अब मकान भी बहुत बडा बनाबा लिया था।

माधव हमेशा सोचता था कि मुझे यह सब इस महिला के आने के बाद मिला है, इस बेटी के रुप मे मेरी किस्मत आ गई है मेरी, ओर अब २-५ साल बीत गये थे, लेकिन मां लक्ष्मी अब भी घर मै ओर खेत मै काम करती थी, एक दिन माधव जब अपने खेतो से काम खत्म करके घर आया तो उस ने अपने घर के सामने दुवार पर एक देवी स्वरुप गहनो से लदी एक ओरात को देखा, ध्यान से देख कर पहचान गया अरे यह तो मेरी मुहं बोली चोथी बेटी यानि वही ओरत है, ओर पहचान गया कि यह तो मां लक्ष्मी है.
अब तक माधव का पुरा परिवार बाहर आ गया था, ओर सब हेरान हो कर मां लक्ष्मी को देख रहै थे,माधव बोला है मां हमे माफ़ कर हम ने तेरे से अंजाने मै ही घर ओर खेत मे काम करवाया, है मां यह केसा अपराध होगया, है मां हम सब को माफ़ कर दे

अब मां लक्ष्मी मुस्कुराई ओर बोली है माधव तुम बहुत ही अच्छे ओर दयालु व्यक्त्ति हो, तुम ने मुझे अपनी बेती की तरह से रखा, अपने परिवार के सदस्या की तरह से, इस के बदले मै तुम्हे वरदान देती हुं कि तुम्हारे पास कभी भी खुशियो की ओर धन की कमी नही रहै गी, तुम्हे सारे सुख मिलेगे जिस के तुम हक दार हो, ओर फ़िर मां अपने स्वामी के दुवारा भेजे रथ मे बेठ कर बेकुण्ठ चल

©Saurabhsingh kahani

manshisingh@gmail.com

ak kahani

read more

Prakash Vidyarthi

White गुदड़ी के लाल "शास्त्री जी"

  (हुबहु हाल विद्यार्थी जी)

गरीबी अभावों में हुए पैदा जो 
वो भारत के भाल बने।
मातृभूमि के आंचल में पले बढ़े   
 वो गुदड़ी के लाल जनें।।

पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव  
 मैया रामदुलारी थी।
मुगलसराय के पावन भूमि 2  
 अक्टूबर शुभ घड़ी थी।।

पिता के गुजर जानें पर
घर में छाई दुखहाली थी।
ननिहाल मिर्जापुर रहने लगी  
अम्मा शास्त्री को संभाली थी।।

गुणवान चतुर मेघावी बालक  
स्कूली शिक्षा प्रारम्भ किए।
माथे पर बस्ता कपड़ा रखकर  
गंगा नदी को लांघ दिए।।

काशी विद्यापीठ से बहादुर जब   
शास्त्री उपाधि प्राप्त किए। 
नाम के आगे जातिसूचक शब्द 
श्रीवास्तव सरनेम समाप्त किए।।

लोक कल्याण देशहित भक्ती में  
शास्त्री जी खुदको किए समर्पित।
सच्चा देशभक्त लोकतांत्रिक  
स्वराज को किए सत्य प्रदर्शित।।

विनम्र  राष्टभक्त ईमानदार  
निष्ठवान प्रतीक पहचान हुए।
भारत के अद्वितीय प्रधानमंत्री
लाल बहादुर शास्त्री नाम हुए।।

छुआछूत गरीबी अज्ञानता को
दूर करने कार्य विशेष किए।
आपस में लड़ने के बजाए  
मिलकर रहने को सनेश दिए।।

अक्सर कम साधनों के कारण वो 
सदा जीवन जिया करते थे।
फटे कुर्ते अनु पत्नी को देकर 
रुमाल बनवाकर लिया करते थे।।

अकाल भुखमरी बिप्पती के  
समय नागरिकों के निदान बने।
एक दिवसीय व्रत उपवास कर  
भुखमरी मिटाने का ज्ञान दिए।।

बापू गांधी जी थे उनके आदर्श 
 रघुपति राघव राम सजे।
जय जवान जय किसान गूंजे 
 जय भारती हिन्दुस्तान भजे।।

घर समाज देश खुश रहे यहीं  
उनकी हार्दिक इक्शा थीं।
फले फूले सबका शुभ जीवन  
प्रकाशित विद्यार्थी की शिक्षा थी।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी
                भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi #Sad_Status #kavita #rachna #kahani #Poetry

Madhuri Verma

meri adhuri kahani

read more
White Jin rishto ko aap ke maujudgi
 se parhez hone Lage.
 vaha se muskura kar chale
 jana hi behtar hota hai.
😭🥀🙏🥀😭

©Madhuri Verma meri adhuri kahani

Kiran Chaudhary

Tu meri kahani hai..

read more

aditya

kahanikani

read more

Asman Soni

White 1.part
mere bachpan ki kahani
iss kahani ki suru baat hoti mere 5 yrs se mera school jane me mnn nhi lgta tha tbhi bhi mujhe ghar bale school bejte the to mere kese chala jata tha to mere mnn nhi lgta tha end 2 part m milegi kahani

©Asman Soni #Sad_Status #kahani

Binay Kumar Shukla

#kahani

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile