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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} पवित्र तन-मन, पवित्र विचार, जिस व्यक्ति में हैं, उसे प्रणाम करने से उत्तम संस्कार मिलते है, कियोकि वह एक चलता - फिरता तीर्थ के समान हैं।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} पवित्र तन-मन, पवित्र विचार, जिस व्यक्ति में हैं, उसे प्रणाम करने से उत्तम संस्कार मिलते है, कियोकि वह एक
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} पवित्र तन-मन, पवित्र विचार, जिस व्यक्ति में हैं, उसे प्रणाम करने से उत्तम संस्कार मिलते है, कियोकि वह एक
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है, इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२ जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३ वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं, इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४ इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है, जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५ अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है, रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६ ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है , जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७ ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८ इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९ तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम, के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१० #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द
#love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द
read moreSethi Ji
White किसी का आराम हूँ , किसी का पैगाम हूँ मैं एक शायर गुमनाम हूँ किसी की शान हूँ , किसी की पहचान हूँ मैं एक शायर बेईमान हूँ किसी का आगाज़ हूँ , किसी का अंदाज़ हूँ मैं एक शायर नज़रअंदाज़ हूँ किसी की याद हूँ , किसी की फ़रियाद हूँ मैं एक शायर आज़ाद हूँ किसी का ख्वाब हूँ , किसी का गुलाब हूँ मैं एक शायर हाजिर - जवाब हूँ ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji दिल से दिल कोई लगा नहीं पाया हमारे हुनर को कोई जला नहीं पाया फिरता हूँ मैं एक खुली किताब की तरह फ़िर भी मुझे अपना कोई बना नहीं पाया
दिल से दिल कोई लगा नहीं पाया हमारे हुनर को कोई जला नहीं पाया फिरता हूँ मैं एक खुली किताब की तरह फ़िर भी मुझे अपना कोई बना नहीं पाया
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