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Mohan raj
उसके लिए सफल होना कठिन हो जाता है, जिसका विश्वास खुद पर नहीं होता तस्य सफलतां दुष्करं भवति यस्य आत्मनः विश्वासः नास्ति। It becomes difficult for a person to succeed who does not have faith in himself Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons तस्य सफलतां दुष्करं भवति यस्य आत्मनः विश्वासः नास्ति।
Life Lessons तस्य सफलतां दुष्करं भवति यस्य आत्मनः विश्वासः नास्ति।
read moreRajesh Khanna
किस्मत को पलट कर दुबारा मिला हूं उसे अभी भी खो दूं उसे न न न न अभी तो प्यार की बातें करी हैं अभी तो i love you भी कहना हैं मुझे ©Rajesh Khanna न न न न
न न न न
read moreBhupendra Rawat
न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो कब्रगाह में दफ़न उन शवों का भाई था वो बहुत नज़ारे देखे थे,मज़हब की आड़ में बड़े दूर से आए थे,इंसान नही कसाई थे वो उम्र इसकी अभी और थी,कहकर पाछताया शब्दों को मौन कर यम ने भी शोक जताया कौन थे,वो दरिंदे जिन्हें इंसानियत से रुसवाई थी एक लाश चीख चीख कर पुकार रही थी क्या बेहरो की फौज इंसाफ की गुहार लगाने आयी थी शांति के दूत लोकतंत्र बचाने आए थे एक दबी हुई आवाज़ को दबाने आये थे भूपेंद्र रावत 26।04।2020 #न हिन्दू#न मुस्लिम#न सिक्ख#न इसाई था वो#
Devil
मैं तुम्हारा हो चुका हूं बस इसलिए अकेला हूं तुम्हारे अलावा किसी से मोहब्बत न थी न है न होगी मैं तुम्हीं पर मर मिटा हूं बस इसीलिए तबाह हूं तुमको मुझसे मोहब्बत न थी न है न होगी 🙂 Devil 😈 ©Devil न थी , न है , न होगी 🙂
न थी , न है , न होगी 🙂
read moreVivek
न कोई फ़र्क़ न कोई दूरी मैं तुम्हारे दरमियाँ तुम भी मेरे करीब...!!! ©Vivek # न फ़र्क़ # न दूरी
# न फ़र्क़ # न दूरी
read moreArora PR
मेरे पास न दावे हैँ करने को. न क्रांति का कोई परचम हैँ फहराने को मेरे पास सिर्फ एक यथार्थ हैँ वो भी सहा हुआ शुद्ध ख़ालिस मखन क़ी तरह दही से बिलोडा हुआ ©Arora PR न दावे न परचम
न दावे न परचम
read moreTrapti
न दवा काम आ रही है न ही दुआ हमने तो सुना था कि सिर्फ मुहब्बत में ऐसा होता है न दवा न दुआ
न दवा न दुआ
read moreM.S Rind"
उनके मर्जी के बिना अर्जी ना भाई ना इतनी भी खुदगर्जी ठीक नहीं ©M.S Rind" न भाई न #doubleface
न भाई न #doubleface
read moreParasram Arora
घोंसला बनाओ... जरूर बनाओ.. सुंदर बनाओ प्रीति कर.... बनाओ.. तुम्हारे सृजन की छाप हो उस पर.... तुम्हारे व्यक्तित्व के हस्ताक्षर हो उसपर . फिर घोंसला हो कि झोपड़ा हो कि मकान हो.. कि महल हो .....अपनी सृजनात्मक ऊर्जा उसमे ऊडेलो मगर एक स्मरंण कभी न चूके सतत एक जयोति बोधकी भीतर जलती रहे.. "यह सराय है " आज नही कल कल नही परसो इसे छोड़ कर जाना है... जाना ही पड़ेगा... तो जिसे छोड़ कर जाना है उसे पकड़ना ही क्यों?. रहलो जी लो उपयोग कर लो. लेकिन आग्रह न हों आसक्ति न हो ©Parasram Arora न आग्रह न आसक्ति....
न आग्रह न आसक्ति....
read moreParasram Arora
कविता तो मैंने लिख दी.... पर शीर्षक तुम बतलाओ? ओके...क्या तुम्हारी कविता में डोल की चर्चा है? नही क्या तुम्हारी कविता में नगाड़े का कोई जिक्र है? नही तो तुम्हारी कविता का शीर्षक है "न डोल न नगाड़ा " ....ii ©Parasram Arora न डोल न नँगाड़ा.....
न डोल न नँगाड़ा.....
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