Find the Latest Status about बाघिन का शिकार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बाघिन का शिकार.
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी शिकार पर निकला है शिकारी भरम का जाल फैलाता है जीत ना सका दिल जनता का बटोगे तो कटोगे का डर जनता को दिखाता है उन्माद फैलाकर सत्ता को चूमना चाहता है गायब हो गया राष्ट्रवाद ख़ौप का प्रयोग करके चुनावी वैतरणी पार करना चाहता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #life_quotes शिकार पर निकला है शिकारी
#life_quotes शिकार पर निकला है शिकारी
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी लतो के हुये शिकार हम टेक्नोलॉजी अंग अंग खराब कर रही है कमजोर आँखे और कान, देखने और सुनने की शक्ति कम कर रही है अतिवाद की धारणा, पंगु बनाकर छोड़ेगी जवानी की दहलीज में बुढ़ापे की तान छेड़ेगी नही चाहिये अन्धविकास टेक्नोलॉजी मानव को गुलाम बनाकर छोड़ेगी प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status लतो के हुये शिकार हम
#Sad_Status लतो के हुये शिकार हम
read moremanipratap
White उदास हु पर तुमसे नाराज नही तेरे दिल में हु पर तेरे पास नही झुठ कहु तो सब कुछ हैं मेरे पास और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नही है मेरे पास अस्मिता लव यू ©manipratap प्यार का.....
प्यार का.....
read moredeepmala kumari
White अपनी उम्र महीना या साल से नहीं बल्कि अच्छे दोस्त की संख्याओं से गिने ©deepmala kumari #engineers_day #का#
प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
का कुणावर प्रेम कराव ? का कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच.. ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे का
का
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बीता मौसम हज़ार सावन का आप बिन क्या शुमार सावन का तुझको धानी चुनर में जब देखा मैं हुआ हूँ शिकार सावन का बात बनती नज़र नही आती है अधूरा जो प्यार सावन का इक नज़र देख लूँ अगर तुमको । तब ही आये करार सावन का वो न आयेगा पास में मेरे क्यों करूँ इंतज़ार सावन का दिल में जबसे बसे हो तुम दिलबर रोज़ होता दीदार सावन का आप आये हो मेरी महफ़िल में चढ़ रहा है खुमार सावन का आस ये आखिरी मेरे दिल की करके आओ शृंगार सावन का आप क्यों अब चले नही आते कुछ तो होगा उधार सावन का बिन सजन मान लो प्रखर तुम भी खो ही जाता करार सावन का महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बीता मौसम हज़ार सावन का आप बिन क्या शुमार सावन का तुझको धानी चुनर में जब देखा मैं हुआ हूँ शिकार सावन का बात बनती नज़र नही आती है अधूरा
ग़ज़ल :- बीता मौसम हज़ार सावन का आप बिन क्या शुमार सावन का तुझको धानी चुनर में जब देखा मैं हुआ हूँ शिकार सावन का बात बनती नज़र नही आती है अधूरा
read more