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Sachin Zanje
तो लहान आणी हा महान. अंतरीची होऊ दे फक्त सर्वांना जाण मग कळेल इथे तर आहेत सर्व समान. सचिन. एकसमान
एकसमान
read moreUmang Ek Nayi Pahal
इस दुनिया में कई प्रकार के लोग होते हैं जनाब , कुछ होते हैं जो ठोकर खाकर बिखर जाते हैं तो वही कुछ होते है जो ठोकर खाकर निखर जाते हैं । हर इंसान एकसमान नहीं होता ।
हर इंसान एकसमान नहीं होता ।
read more||स्वयं लेखन||
जो तुम करोगे इज्ज़त नारी की तो वो शीतल पानी है, जो तुम करोगे बेईज्जत तो वो धधकती ज्वाला है, रहने दो उसे पानी बनकर पानी से जीवन है, जो बन गई ज्वाला तो मौत है। जो तुम करोगे इज्ज़त नारी की तो वो शीतल पानी है, जो तुम करोगे बेईज्जत तो वो धधकती ज्वाला है, रहने दो उसे पानी बनकर पानी से जीवन है,
जो तुम करोगे इज्ज़त नारी की तो वो शीतल पानी है, जो तुम करोगे बेईज्जत तो वो धधकती ज्वाला है, रहने दो उसे पानी बनकर पानी से जीवन है,
read moreAjeet Kumar
तुमसे प्रिय, ये मधुर स्नेह-स्पंदन है, देख तुम्हें, धड़कन में कभी त्वरण तो कभी मंदन है, तुम अप्सरा ठहरी, देवी गुणवती प्रेम बिना, प्रेमी तुम्हारा अकिंचन है, तुमसे ही ये प्रेमरूपी खेल भी है जहाँ जुदाई और अपना मेल भी है एक पल भावपूूर्ण तिरस्कार, फिर अभिनंदन भी है तुमसे प्रिय, ये मधुर स्नेह-स्पंदन है, देख तुम्हें, धड़कन में कभी त्वरण तो कभी मंदन है, तुम अप्सरा ठहरी, देवी गुणवती प्रेम बिना, प्रेमी तुम्हा
तुमसे प्रिय, ये मधुर स्नेह-स्पंदन है, देख तुम्हें, धड़कन में कभी त्वरण तो कभी मंदन है, तुम अप्सरा ठहरी, देवी गुणवती प्रेम बिना, प्रेमी तुम्हा
read moreyogesh atmaram ambawale
समानता राखतो आम्ही,फरक नाही करत मुला-मुलीत, मुलाच्या शिक्षणासाठी काहीही नि मुलीचं शिक्षण मात्र चुलीत. नावाकरताच आहे ही समानतेची व्याख्या, लहान-मोठी वरून होतो तंटा नि भांडतात बहिणी सख्या. समानतेची व्याख्या आखावी तरी कशी ? स्त्री-पुरुष एकसमान कायदा तरी सर्वत्र पुरुषांनाच सरशी. समान अधिकार,समान न्याय, कायदा-व्यवस्था ही एकसमान असावी, जात-पात, धर्म-कर्म, ह्यांच्यात भेदभावाची दरीच नसावी. शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे समानतेची व्याखा... #समानतेचीव्याखा हा विषय Akanksha salve यांचा आहे #collab #yqtaai Best YQ Marathi Quote
शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे समानतेची व्याखा... #समानतेचीव्याखा हा विषय Akanksha salve यांचा आहे #Collab #yqtaai Best YQ Marathi Quote
read moreyogesh atmaram ambawale
जात म्हटलं की भेदभाव येतो पोरीची जात म्हटलं की जास्तच राहतो. मुलं मुली एकसमान कायदा असताना पोरीची जात हा विषयच कसा निघतो. सुप्रभात सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा अप्रतिम विषय आहे पोरीची जात.. #पोरीचीजात हा विषय Himani Bagore यांचा आहे.
सुप्रभात सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा अप्रतिम विषय आहे पोरीची जात.. #पोरीचीजात हा विषय Himani Bagore यांचा आहे.
read moreyogesh atmaram ambawale
मुलगी म्हणजे देवीचे रूप असते आपल्या आयुष्यात मिळालेली सुंदर देणगी असते. तिच्यासाठी एकसमान कायद्याची तरतूद ही असते तरीही पोरीची जात म्हणत तिला हिणवली का जाते. सुप्रभात सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा अप्रतिम विषय आहे पोरीची जात.. #पोरीचीजात हा विषय Himani Bagore यांचा आहे.
सुप्रभात सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा अप्रतिम विषय आहे पोरीची जात.. #पोरीचीजात हा विषय Himani Bagore यांचा आहे.
read moreराघव रमण
गर्भ मे रखती हमें वो दर्द सहती है अनेक अपनी चिंता त्यागकर वो सह लेती विपदा प्रत्येक अपनी आंखो में छुपाकर रखती सबको एकसमान पालने झुला झुलाती सकल सृष्टि उसके संतान सृष्टि की अधिनायिका वो कर रही नव नव संधान सृष्टि की अधिनायिका वो कर रही नव नव संधान पालने झुला झुलाती सकल सृष्टि उसके संतान।। गर्भ मे रखती हमें वो दर्द सहती है अनेक अपनी चिंता त्य
सृष्टि की अधिनायिका वो कर रही नव नव संधान पालने झुला झुलाती सकल सृष्टि उसके संतान।। गर्भ मे रखती हमें वो दर्द सहती है अनेक अपनी चिंता त्य
read moreएक इबादत
कलयुग में खून का रिश्ता भी अब मजबूत नही,सात फेरों -दिल के बंधन भी नाजुक हो उठे चले है, शुक्र है हम साहित्य वालों का....बोली ,भाषा से जोड़ नाता,एक अनोखा परिवार का निर्माण कियें है...!! # स्वीकार Shayra Kom Ankita Patel vikram barnwal Deepak Raj Patalwansi #भले ही बोलियों और भाषाओं में दूर का नाता है लेकिन जिस प्रकार सभी
# स्वीकार Shayra Kom Ankita Patel vikram barnwal Deepak Raj Patalwansi #भले ही बोलियों और भाषाओं में दूर का नाता है लेकिन जिस प्रकार सभी
read moreSk mandal
इस दुनियाँ के भीड़ मे हम सब अंजान हैं, सबको पता है हम कुछ दिन के मेहमान हैं इस छोटी सी जिंदगी मे कुछ खोते हैं -कुछ पाते हैं, हस्ते हैं रोते हैं कुछ लेकर जाना नही होता उपर फिर क्यों, कुछ पैसों के लिए एक दूसरे के जान के दुश्मन होतें हैं? क्यों हम जात धर्म के बीज बोतें हैं? जब सूरज - चाँद, धरती - आसमान, सबके लिए है एकसमान फिर हम क्यों पूछते हैं, तु हिंदू हैं या मुसलमान? अगर विज्ञन कि मानें तो यह संसार न तो अल्लाह के मर्जी चलता है, न ही राम हर एक चीज के चलने का एक नियम है..... फिर क्यों जो किसान हमे दिन रात मेहनत करके अनाज देता है, उसकी अहमियत इतनी कम है?. .............. इस दुनियाँ के भीड़ मे हम सब अंजान हैं, सबको पता है हम कुछ दिन के मेहमान हैं इस छोटी सी जिंदगी मे कुछ खोते हैं -कुछ पाते हैं, हस्ते हैं रोते
इस दुनियाँ के भीड़ मे हम सब अंजान हैं, सबको पता है हम कुछ दिन के मेहमान हैं इस छोटी सी जिंदगी मे कुछ खोते हैं -कुछ पाते हैं, हस्ते हैं रोते
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