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neelu
White पहले सिर्फ यह पीछे देखने के बारे में होता था कि पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए भूत पीछे पड़ जाते हैं आज के लिए दाएं बाएं का भी हो गया .....इस्लिए.... ©neelu #sad_quotes #पहले #सिर्फ यह #पीछे देखने के #बारे में होता था कि #पीछे #मुड़कर नहीं #देखना चाहिए भूत #पीछे #पड़ जाते हैं आज के लिए दाएं ब
हिमांशु Kulshreshtha
हर चेहरे के पीछे एक और चेहरा हो गया है क्या दौर आ गया है दोस्तों.... जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है ©हिमांशु Kulshreshtha हर चेहरे के पीछे..
हर चेहरे के पीछे..
read moreVandana Rana
White बचपन में कहते थे कि हम अपने जुनून के पीछे भागेंगे, क्या पता था कि सिर्फ़ बचपन वाले सुकून के पीछे भागेंगे। ©Vandana Rana बचपन में कहते थे कि हम अपने जुनून के पीछे भागेंगे, क्या पता था कि सिर्फ़ बचपन वाले सुकून के पीछे भागेंगे।
बचपन में कहते थे कि हम अपने जुनून के पीछे भागेंगे, क्या पता था कि सिर्फ़ बचपन वाले सुकून के पीछे भागेंगे।
read moreParasram Arora
White मैं अच्छे से जानना चाहता हू कि आखिर इस जगत मे मेरा क्या हश्र होने वाला है आगे तभी एक आवाज़ मेरे कानो से आकर टकराई को कह रहीं थी. तुमारे साथ भी वही होगा जो हर इंसान की जिंदगी मे आज तक होता आया है ©Parasram Arora आगे क्या होने वाला. है
आगे क्या होने वाला. है
read moreVandana Rana
White मुड़कर अब पीछे देखूँगी नहीं नए सफ़र में , जो छूट गया पीछे वो मेरा हमसफ़र कभी था ही नहीं। ©Vandana Rana मुड़कर अब पीछे देखूँगी नहीं नए सफ़र में , जो छूट गया पीछे वो मेरा हमसफ़र कभी था ही नहीं।
मुड़कर अब पीछे देखूँगी नहीं नए सफ़र में , जो छूट गया पीछे वो मेरा हमसफ़र कभी था ही नहीं।
read moreParasram Arora
White मुझे मालूम है तुम पर्दों के पीछे से भी मुझे टकटकी बांधे देख रहीं थीं ज़ाहिर है तुम्हे सामने आकर मिलने मे शर्म महसूस हो रहीं लेकिन सच तो यह है कि शर्म गैरों क़ी जाती है अपनों से नही ©Parasram Arora पर्दों के पीछे
पर्दों के पीछे
read moreMohan Sardarshahari
White दिन तीस सितंबर के शांति से निपटाय शीत ज्यों ही आयसी खाकर शरीर सुस्ताय। अभी नीले का दौर है आगे पतझड़ आय जब तक बिस्तर छोड़िये तब तक सूरज ढल जाय। नीर आज लगे मनमोहन लूं शरीर से लिपटाय जैसे ही सितंबर जायसी निकालूं इससे नजर चुराय। शीत में जिनकी शादी होयसी वह घोड़ी चढ़ जाय मार्च आये आंख खुले असली मंजर दिख जाय। ©Mohan Sardarshahari सितंबर के आगे
सितंबर के आगे
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