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Meera Rathod
जलती मोमबत्तियों से ये समझ आया है अपने अंदर बैठे हे आपको हमेशा जलायेगे ©Meera Rathod #candle
Rajan G
जळता जळता शेवटी मेणबत्तीला कळलं ज्या धाग्याला तिने काळजात ठेवलं त्याच धाग्याने तिला जाळलं... बुद्धराज गवळी ९१७२२९१४४८ ©Rajan G #candle
Balwant Mehta
ज़िंदगी का दिया तूने कुछ यूँ जलाया, हर अंधेरा रोशन हुआ, हर ग़म मिटाया। तेरी मोहब्बत ने रंग ऐसे भर दिए, बेजान सी ज़िंदगी को ख्वाब नए दिखा दिए। ©Balwant Mehta #candle
Anand Anand dhanu
White goxogxxotgoxxotxofxotxoffixxfo ©Anand Anand dhanu #Ratan_Tata #candle
Deepak Kumar 'Deep'
तुम हवा की तरह छू कर गुज़री मुझे मैं लड़खड़ाता रहा किसी शमा की तरह ©Deepak Kumar 'Deep' #candle(शमा)
#candle(शमा)
read moreAmol M. Bodke
दिव्याने अंधाराला मीठी मारली कारण, उजेडा ने पापांची संगत धरली ©Amol M. Bodke #candle
D. J.
Happiness is believing that you're gonna be happy, it's hope.. Jai Jinendra 🌹 ©D. J. #Light motivational thoughts in english
#Light motivational thoughts in english
read moreD. J.
Happiness is believing that you're gonna be happy, it's hope.. Jai Jinendra 🌹 ©D. J. #Light motivational thoughts in english
#Light motivational thoughts in english
read moreVaibhav Harsh Saxena
White चेन्नई नाम का पहला आधिकारिक उपयोग, 8 अगस्त 1639 को, ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे से पहले, सेन्नेकेसु पेरुमल मंदिर 1646 में बनाया गया था। 1 99 6 में, तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर मद्रास से चेन्नई का नाम बदल दिया। उस समय कई भारतीय नगरो में नाम बदल गया था। ©Vaibhav Harsh Saxena # History of Chennai
# History of Chennai
read moreArun kr.
वो भी मोमबत्ती लिए सड़क पर खड़ा है जिनके नस नस मे हवस भरा है अश्लीलताएं और गंदी नजर अपशब्द ,गाली और गंदी बातें जिनके जुबां से कभी हटता नही वे नारे लगा रहे We want Justice जो हर बात पर महिलाओं का वस्तुकरण करता है वो भी I stand with you बोलता है कभी न बेटी की इच्छा जानने वाले समाज जो उम्र भर बेटी को पवित्र बनाकर रखता फिर बिना पूछे किसी अनजान से शादी कराता , साथ में अनजान के साथ सोने के लिए बिस्तर भी भेजवाता ये बलात्कार नही ? गर्व से कहते ये तो परम्परा और संस्कृति है यही तो रीति और रिवाज है ये शोषण और अत्याचार नही इसके लिए कौन बोलता जो हर घर , हर दिन सहती फिर उनका क्या जो कभी अखबार या मीडिया में नही आती जो आम सी कहलाती है वे गरीब, दलित ,पिछड़े, आदिवासी जो आये दिन दरिंदों की भेंट चढ़ जाती खैर तत्काल मुखौटे चेहरे ही सही। ©Arun kr. #candle