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MANVENDRA SINGH
किनारे पर ही सही पर कश्ती में ज़रूर खड़ा हूँ, बस एक लेहेर का इंतज़ार है, क्या होगा थोड़ा डगमगायगी कश्ती, तूफान ऐ समंदर भी जंग के लिए तैयार है, अकेला हूँ सफ़र ऐ ज़िन्दगी में, मेरा जश्न है उस पार जीत, बस एक लेहेर का इंतजार है ©manvendra singh # manvendra singh
# manvendra singh
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।।चलो ठीक है मै पागल ही सही लेकिन दुनिया मै कुछ ऐसा कर जाऊगा कि मेरे सहयोगी तो याद करेगे ही लेकिन मेरे दुश्मन भी मुझे याद करेगे।। मेरा पागलपन जनून हुई है अभी तक। write by- Manvendra singh ©MR singh janun ki sayari manvendra singh #meltingdown
janun ki sayari manvendra singh #meltingdown
read moreAnjali chopra
Dipti Singh Sanjeev Shukla rajni singh Laughing_soul Manvendra Singh
Dipti Singh Sanjeev Shukla rajni singh Laughing_soul Manvendra Singh
read moreamanpreet_kaur
इस शहर लगता नहीं दिल मेरा भाग जाऊँ अपने घर दिल चाहता है मेरा पर क्या करूँ नसीब से भाग नहीं सकते हम जिम्मेदारी मिली है जो उससे मुँह मोड़ नही सकते हम Anjali chopra Dipti Singh Manvendra Singh #nojotohindi #hindi
Anjali chopra Dipti Singh Manvendra Singh #nojotohindi #Hindi
read morePramod kr sinha
जिसने दिल लगाया सिखाया आज उसी ने दिल ठुकरा दिया, क्या खता हुई हम से, या वो बेवफा निकल गई, सायद वो सच्ची मुहब्बत की पहचान ना कर पाई, इस वेवफाओए के दुनिया में. Sarita Rani Manvendra Singh Badrinath Kumar
Sarita Rani Manvendra Singh Badrinath Kumar
read moreAnjali chopra
अनजानी राह पर चलना सिखाते है, लड़खड़ाने पर, हाथ पकड़ कर उठाते है, नेक राह दिखा अच्छा इंसान बनाते है, खुद की गलतियां बता, हमें उस गलती से बचाते है, हमारे ख्वाबों को अपने ज्ञान से सजाते है, शिक्षक बिना किसी स्वार्थ के हर फ़र्ज निभाते हैं। #MereShikshak Dipti Singh Sanjeev Shukla Manvendra Singh amanpreet_kaur rajni singh
#MereShikshak Dipti Singh Sanjeev Shukla Manvendra Singh amanpreet_kaur rajni singh
read moreGuitarist - Manvendra Singh
एक मुद्दत से आरज़ू थी फ़ुरसत की, मिली तो इस शर्त से की किसी से ना मिलो । शहरों का यूँ वीरान होना , कुछ यूँ ग़ज़ब कर गयी , बरसों से पड़े गुमसुम घरों को आबाद कर गयी। यह कैसा समय आया कि , दूरियाँ ही दवा बन गयी ज़िंदगी में पहली बार ऐसा वक्त आया , इंसान ने ज़िंदा रहने के लिए कमाना छोड़ दिया घर गुलज़ार, सूने शहर बस्ती बस्ती में क़ैद हर हस्ती हो गयी, आज फिर ज़िंदगी महंगी और दौलत सस्ती हो गयी।... Manvendra
Manvendra
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