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Stories related to सावन बीता जाए

Urmeela Raikwar (parihar)

बिखरने दिया जाए

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cldeewana

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

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Neophyte

मर ही जाए!

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White अगर यही हाल है तो मर ही जाए
खुदकुशी कमाल है तो मर ही जाए

जिये भी तो किस तरह जीये 
जिंदगी मलाल है तो मर ही जाए

एक शख्स में नुक्स है लाखों 
मगर वो बेमिसाल है तो मर ही जाए

सच तो परेशान है इस हालात से
झूठ ही बेमिसाल है तो मर ही जाए

माना कि वो मुझे पसंद नही है
मगर बात गुलाबी-लाल है तो मर ही जाए

©Neophyte मर ही जाए!

Bobby(Broken heart)

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है

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Pagal shayer

बीता हुआ कल।।

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White खूबसूरत सा बो पल था...

पर क्या बताए बो बीता हुआ कल था...

©Pagal shayer बीता हुआ कल।।

अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन' #रक्षाबंधन #सावन #शिवजी

arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

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Megha Rathi

Bindu Sharma

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- बीता मौसम हज़ार सावन का आप बिन क्या शुमार सावन का तुझको धानी चुनर में जब देखा मैं हुआ हूँ शिकार सावन का बात बनती नज़र नही आती है अधूरा

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ग़ज़ल :-
बीता मौसम हज़ार सावन का
आप बिन क्या शुमार सावन का
तुझको धानी चुनर में जब देखा
मैं हुआ हूँ शिकार सावन का
बात बनती नज़र नही आती
है अधूरा जो प्यार सावन का
इक नज़र देख लूँ अगर तुमको ।
तब ही आये करार सावन का
वो न आयेगा पास में मेरे
क्यों करूँ इंतज़ार सावन का 
दिल में जबसे बसे हो तुम दिलबर
रोज़ होता दीदार सावन का
आप आये हो मेरी महफ़िल में
चढ़ रहा है खुमार सावन का 
आस ये आखिरी मेरे दिल की
करके आओ शृंगार सावन का
आप क्यों अब चले नही आते 
कुछ तो होगा उधार सावन का
बिन सजन मान लो प्रखर तुम भी 
खो ही जाता करार सावन का 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
बीता मौसम हज़ार सावन का
आप बिन क्या शुमार सावन का
तुझको धानी चुनर में जब देखा
मैं हुआ हूँ शिकार सावन का
बात बनती नज़र नही आती
है अधूरा
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