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Stories related to slogan on naari shiksha

Shashi Goutam

Neeraj Kumar

slogan

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Shailendra Dubey

#Shiksha@#

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White Shiksha hamen agyananta se kafi door le jaati hai, Jahan ham jagruk, sajag, nirbhik, imandar aur kartavya nishth Ho manavta ke sanrakshak ban jaate Hain

©Shailendra Dubey #shiksha@#

Malwinder kaur Mmmmalwinder

#love_shayari #Naari Mmmmalwinder💞

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White Nar ki kahani alaag hai
Naari ki pehchhan alag hai
Pujte hai sbhi maata ko
Fir tirskaar q karte hai naari ko
Woh Durga , woh kaali,
Har ek mein puji jaati 
Fir naari ko q izzat na di jaati 
Zara soch apni badlo 
Naari ka sanmaan tum karlo , kya tum sabko janam dekr kya galti uusnei Karli
Iss baat ka dhyan tum rakhlo..

©Mmmmalwinder #love_shayari 
#naari
#Mmmmalwinder💞

"বিলম্বিত-লয়"

#slogan

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মিছিলে মিছিলে স্লোগানে স্লোগানে 
দিই একটাই ডাক..
দোষীদের চাই চরম সাজা, 
অভয়া বিচার পাক..

©"বিলম্বিত-লয়" #slogan

Deepali Singh

#Naari

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श्रृंगार का सत्कार

वो कहते हैं औरत हो श्रृंगार करो
चेहरे का रंग तो ज़रा निखार लो, 
बदन पर हल्दी चंदन का लेप लगाओ
तन पर साज़- सज़ावट का काज़ करो, 
बजाओ कंगन खन -खन हांथों में
पायल के छन -छन से छनकार भरो, 
गज़रे सज़ाकर लंबे केशों में अपने
घर -आँगन मेरा तुम महकाया करो, 
दिखने न पाए चिंता की कोई रेखा
सदा झुमका बिंदिया नथिया धरो, 
मुखड़े पर शिकन न आने पाए
मंगलसूत्र का कुछ तो लाज़ रखो..! 
सिकुड़न न कपड़े पर आ पाए
हर पल पहनावे का ध्यान रखो, 
व्यस्तता चाहे जितनी जो भी हो
सर पर आँचल ओढ़े तैयार दिखो, 
मन में गम दुःख दर्द हो भी तो
सदा मुख पर अपने मुस्कान रखो, 
अब ख़ुद के लिए पहले से दुज़ी हो
अपना तन मन धन हमपर वार दो, 
दहलीज़ तक ही दायरा तुम्हारा हो
सज -धज कर घर तक ही सिमटो, 
नारी के इस गरिमा का सम्मान करो
नारी हो तो नारी वाला ही शौक रखो !

©Deepali Singh #Naari

Malwinder kaur Mmmmalwinder

Namrata

$ kahaniain abhi question or shiksha dono baki hain

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SZUBAIR KHAN KHAN

Naari

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221 2121 1221 212
लूटा  रहे   थे  अज़मत   तो था कहाँ  वतन 
खामोश  होके आवाज़ को सुनता था वतन

डोली  सजी  हुई  है  मेरी  इन   दिवारो  पर 
शम्मा  जलाके   घूमता   कैसा  मेरा  वतन
 
आँखों  में  शर्म  लेके  खड़ा  रहता है जहाँ 
कहता  नहीं हुआ  क्या है ये आपका वतन

बाबा   से  क्या  कहूँ  मैं चली  दूर  आपसे 
अर्थी  उठाने  आयेगा चल  के  यहां वतन 

कैसे  "जुबैर"  कैसे  सिला खून से कफ़न 
बस  लाश देखता  है  तमाशा  बना वतन

लेखक - ज़ुबैर खान.......✍️

©SZUBAIR KHAN KHAN Naari

Malwinder kaur Mmmmalwinder

#sad_shayari #Buri #Naari Mmmmalwinder💞

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