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Vaibhav Thakre
बदललेल्या वर्षावर दोन शब्द बोलण्याची इच्छा झाली म्हणून नवीन वर्षाचे स्वागत केलं
read moreMahesh Lokhande
वर्षाराणी आभाळ भरलं ढगानं सार्या वीजही नाचू लागली गडगडाटी वाद्यांसोबत वाजत गाजत आली वर्षाराणी आली गड्यारे वर्षाराणी आली अमृतथेंब बरसू लागले धरतीही मोहित झाली हिरवाईचा साज लेवुनी सज्ज स्वागता झाली इंद्रधनुचा हार घालुनी हसतमुखाने आली पशूपक्षी नवमृदगंधाने हो पहा चकित झाली जलमोती पिऊनी ताजे पालवी फुलून गेली झाडे वेली चिंब होऊनी मोहरूनीया गेली पाने टवटवली सारी रस्त्यांची स्वच्छता झाली नवनिर्मितीची जगी जणू जणू दिवाळी आली वर्षाराणी
वर्षाराणी
read moreVersha Rajvansh
वादा ये नहीं, की रोज़ मुलाकात होगी वादा ये भी नहीं, की रोज़ बात होगी बस एक वादा है, दोस्ती का, दोस्ती से की जब भी मिलेंगे तो, वही मुस्कुराहट होगी और वही बरसात(Versha)होगी| ©Versha Rajvansh #वर्षा_राजवंश #Dosti
Versha Rajvansh
कभी कुछ तो लिखा होगा तुमने मेरे लिए भी ©Versha Rajvansh #वर्षा_Rajvansh #writer
Ajay Shrivastava
ये साल भी बीत गया, यादों के किताबों में घर कर गया। कुछ कड़वी, कुछ मीठी यादें दे गया, लोगों का प्रकृति से रिश्ता बना गया। जाते-जाते जीवन की, अच्छी आदतों और आदर्शों को सिखा गया , तकनीक से घिरी दुनिया को, प्रकृति का पाठ पढा गया। कृत्रिम अवसादो को छुड़ा कर, अपनत्व का महत्व सिखा गया। मानवीय सीमाओं को, प्राकृतिक शिक्षा का पाठ सिखा गया। दिल से विदा कर इस साल की, अच्छी यादों को ग्रहण करते हैं। शुद्ध और पवित्र मन से, नए साल का स्वागत करते हैं ©Ajay Shrivastava #वर्ष_समापन #bye2020
Versha Rajvansh
चलो, अब माफ भी कर दो, रिश्तों में इतनी नाराजगी... अच्छी नहीं लगती। ©Versha Rajvansh #वर्षा_Rajvansh #SAD
Varshit soni
अम्बर धरती के मिलन को,आसमानी लिख रहा हूँ मैं जैसे बहते हुए दरिया पर पानी लिख रहा हूँ मैं अपने बिछुड़न को एक अंजाम देकर सब छोड़ देते हैं जिसका कभी अंत न हो वो कहानी लिख रहा हूँ मैं #वर्षित #sacह #कहानी
Harlal Mahato
मेघा गरजा बारिश हुई देखो बुंदें छबीली नच गई सुप्त-सयाना दादुर भैया टर्र-टर्र कर कर ली सगाई चटाई बिछाई तरणी ने तट पर पुलकित पुष्प रंग लगाए पट पर जुगनुओं की अगुवाई में बारात आई रस्में होने लगी झटपट पनघट पर पाहुन-पग धुलाए तरुण ताल आसन परोसा स्वच्छ शैवाल मीन रोहू लगी खातिरदारी में दृष्टि दिए रखा सब पर हरलाल शस्य सजाए माड़ुआ सप्तरंग मुदित मन से घोंघा बजाए मृदंग मंत्र उच्चारण किए केकड़े ने दूल्हन आई सज-धज रौशनी संग ©Harlal Mahato वर्षा ऋतु और दादुर #वर्षा_ऋतु #rainydays #Marriage Shalini Pandit prajakta indira Priya Gour Pushpvritiya
वर्षा ऋतु और दादुर #वर्षा_ऋतु #rainydays #Marriage Shalini Pandit prajakta indira Priya Gour Pushpvritiya
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