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शंकरम
पूजा छठ पूजा इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि इसमें श्रद्धालु अस्त होते सूर्य को भी अर्ध्य देते हैं । वरना तो उगते सूर्य को ही पूजने का चलन है। #छठ
तन्हा
कितना उलझ गया हूं जिंदगी.... तुझे सुलझाने की.... कोशिश में.......!! कि आज, तेरा यह दिया दर्द... मुझे बहुत सता रहा है..!! संघर्ष और मंजिलों के बीच, कितनी दूरी होती है... आज यह वक्त मेरा... मुझे बता रहा है...!! मुझे बार-बार घर बुलाने....की मां.. हठ कर रही है...!! और मैं, चाह कर भी... घर नहीं जा पाया.... मां.. घर पर... इस बार फिर से... छठ कर रही है...!! #छठ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
दो दिन तक है कुछ नहीं करना, होली खूब मानना है। सारे शिकवे गिले भूलकर, सब को गले लगाना है। ढोल,मंजीरा,झाल बैठ ले, फाग झूम के गायेंगे। लाल गुलाल रंग पिचकारी,ले गलियों में धूम मचाएंगे। औरों को भी रंग के रंग में, रंग में खुद रंग जाना है। दो दिन तक है कुछ नहीं करना....। रंगों की त्योहार है होली, सब को ये रंग जाती है। रंग बिना जीवन है सूना, ये सब को बतलाती है। भूल के सारे गम की इस दिन ,गीत खुशी का गाना है। दो दिन तक है कुछ नहीं करना....। जो रह जायेंगे वो खेलेंगे,अगले बरस की होली में, यादें उनकी रह जायेगी, जो खेलेंगे इस होली में। अगले बरस हम मिलें न मिलें, ये अवसर नहीं गंवाना है। दो दिन तक है कुछ नही करना....। सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं,खुश रहें। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # होली खूब मनाएंगे।
# होली खूब मनाएंगे।
read moreSanjeev Jha
बह रही है ये हवा, जहर अपने साथ लेकर छन सके कतरा-कतरा, ऐसा एक औजार दे दो मन समंदर सा बना है, शांत भी और चुप भी हूं चांद बन कुर आ भी जाओ, और मुझमें ज्वार भर दो शहर का जहर बहे नदी में गंध में घुल कर कभी मन में छठ माई विराजो, सिर पर सूप सवार कर दो 'संजीव झा' ©Sanjeev Jha #छठ
Vineet Shrish
होली लाल -गुलाबी ,पीला -नीला,होली का मौसम रंगीला। रंगों की बरसात हो रही,रंग रहा है देश सजीला। महक उठा है कोना-कोना,घर- घर को चमकायेंगे ऐसी होली मनायेंगे ,हम ऐसी होली मनायेगे। रूठे न कोई हमसे ,न हो कोई नाराज़। ईर्ष्या द्वेष पास रहे न, न हो किसी का तिरिस्कार। पावन रिश्तों का त्यौहार है,प्यार से रंग लगाएंगे । ऐसी होली मनाएंगे,हम ऐसी होली मनायेगे। छोड़कर अपना पराया,भुलाकर पुरानी रंजिशें। मित्रता का हाथ बढ़ाना,तोड़कर सारी बंदिशें। खाली कंधे से कंधा नही ,दिल से दिल को मिलाएंगे। ऐसी होली मनायेगे ,हम ऐसी होली मनायेगे। होगी नही कोई तकरार है ,बस होगा प्यार ही प्यार। भाई चारा बना रहे,बना रहे कुशल व्यवहार । असत्य जलेगा होलिका के रूप में। सच्चे प्रहलाद बच जायेंगे। ऐसी होली मनाएंगे ,हम ऐसी होली मनाएंगे। विनीत"श्रीश" बाराबंकी उ0 प्र ©Vineet Shrish ऐसी होली मनाएंगे #Happy_holi
ऐसी होली मनाएंगे #Happy_holi
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