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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवसर हमारे लिए ही लेकर आया हो, समय कभी खराब नहीं होता, खराब होते हैं, हमारे कर्म, या विचार जिनका हम परिणाम भुगतने से डरते हैं, और दोस देते हैं, समय को, समाज को, व्यक्ति विशेष को, वही समय उसी समय किसी को खूब फल दे रहा हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवस
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} अभी मन नहीं कर रहा है, यह एक शब्द या यह विचार व्यक्ति को काफ़ी पीछे कर देता है, हो सकता है, वो समय वह अवस
read moreAttitude Life
White हम वो हैं जो हालातों से नहीं डरते, आंधियों में भी चिराग जलाने की हिम्मत रखते हैं। हर मुश्किल से हम यूं लड़ते हैं, जैसे समंदर को अपनी मुट्ठी में भरते हैं। ©Attitude Life हम वो हैं जो हालातों से नहीं डरते, आंधियों में भी चिराग जलाने की हिम्मत रखते हैं। हर मुश्किल से हम यूं लड़ते हैं, जैसे समंदर को अपनी मुट्ठी
हम वो हैं जो हालातों से नहीं डरते, आंधियों में भी चिराग जलाने की हिम्मत रखते हैं। हर मुश्किल से हम यूं लड़ते हैं, जैसे समंदर को अपनी मुट्ठी
read moreSarfaraj idrishi
वो चौंकने लगे बे वक्त की हवा से भी, जो कहते थे कि हम डरते नहीं खुदा से भी। ©Sarfaraj idrishi #SunSet वो चौंकने लगे बे वक्त की हवा से भी, जो कहते थे कि डरते नहीं खुदा से भी। Author kunal The Poetry Club Ankita Tantuway advocate SUR
#SunSet वो चौंकने लगे बे वक्त की हवा से भी, जो कहते थे कि डरते नहीं खुदा से भी। Author kunal The Poetry Club Ankita Tantuway advocate SUR
read moreHeer
My husband : Wife ki ek ankh se hi samjh jate hai 🙈 मनुष्य तो क्या भगवान भी डरते है नारी शक्ति के आगे सब झुकाते है। प्रेम है ये डर नहीं, आ
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} कामयाब लोग अपनी खूबसूरत, व अलग सोच से अपने जीवन में बदलाव लाते हैं, उसी बदलाव के कारण दुनिया में बहुत कुछ बदल देते हैं, और नाकामयाब लोग अपनी सोच से जीवन में बदलाव लाने से हमेशा डरते हैं, और अपनी नाकामयाबी पर दुसरो पर दोष डाल देंते है।। जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} कामयाब लोग अपनी खूबसूरत, व अलग सोच से अपने जीवन में बदलाव लाते हैं, उसी बदलाव के कारण दुनिया में बहु
#love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} कामयाब लोग अपनी खूबसूरत, व अलग सोच से अपने जीवन में बदलाव लाते हैं, उसी बदलाव के कारण दुनिया में बहु
read moreMiMi Flix
"मीना तोता की सच्चाई: मोनू हाथी और ईमानदारी की नैतिक कहानी" - कहानी: एक दिन मोनू हाथी ने गलती से मीना तोता का फल खा लिया, जिसे उसने बिना देख
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सखा तुम आज , प्रेम हम तुमसे करते ।। आओ खेलो संग , हमारा निर्मल नाता । समझा दूँगा साँझ , चलो घर मैं गौ माता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख
कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था। तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।" जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे। फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?" लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ ChatGPT can make ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
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