Find the Latest Status about दिमाग के रोग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिमाग के रोग.
neelu
#RadheGovinda एक जो #दिल में होती है एक जो #दिमाग में होती है एक जो लोगों की सोच लोग क्या #कहेंगे यह सोच के बनती है
read moreneelu
White दिल से बात करने के लिए क्या दिमाग से मजबूत होने की ज़रूरत नहीं पड़ती होगी ©neelu #sad_dp #दिल से #बात करने के लिए #क्या #दिमाग से #मजबूत होने की #ज़रूरत नहीं #पड़ती #होगी
kavi Dinesh kumar Bharti
टीका बन गया रोग ©kavi Dinesh kumar #टीका बन गया रोग कविता
#टीका बन गया रोग कविता
read moreLAKKI
White अगर ख्वाहिश कुछ अलग करने की है तो दिल और दिमाग के बीच बगावत लाजमी है। ©LAKKI अगर ख्वाहिश कुछ अलग करने की है तो दिल और दिमाग के बीच बगावत लाजमी है। motivational thoughts on life
अगर ख्वाहिश कुछ अलग करने की है तो दिल और दिमाग के बीच बगावत लाजमी है। motivational thoughts on life
read moreRajesh Sharma
White दिलों के रिश्तों में दिमाग चलाने वाले लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है। ©Rajesh Sharma #Sad_Status दिलों के रिश्तों में दिमाग चलाने वाले लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है।
#Sad_Status दिलों के रिश्तों में दिमाग चलाने वाले लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है।
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मन के संचित भावो ने ही आवरण भव भवो के ओड़े है आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन दसधर्म को प्रगटाओ एक एक धर्म का सार समझो बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन विकारों को दूर भगाये सत्य शौच संयम त्याग तपस्या और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर जन्म मरण का रोग भगाये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi
#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi
read moreHeer
रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer #रोग