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New उसमें मन का मात्रक Quotes, Status, Photo, Video

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रघुराम

#Sad_Status मन का गुलाब

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White मेरे मन का लाल गुलाब
गगन जा खिला।
प्यार का गंध भी उस पुष्प जा मिला
नयन वावरा बहका बहका उसके नैनो से जा मिला।।।

©रघुराम #Sad_Status मन का गुलाब

vs dixit

#मन

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Kamlesh Kandpal

मन

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मन का दीपक जला लो,बस एक बार ,
फिर कोई भी अन्धेरा, तुम्हें  डरा नहीं पायेगा

जीत जाओगे जिस दिन खुद को खुद  से ,
फिर कोई तुम्हें ,हरा नहीं पायेगा

©Kamlesh Kandpal मन

विष्णु कांत

मन का बोझ । #Quotes #SAD शुभ विचार अनमोल विचार

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Ekta Singh

मन

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White तेरी बात जब आए 
मेरा मन मुस्कुराए 
मेरी आँखों में चेहरा 
तेरे स्वप्न दिखाए

©Ekta Singh मन

katha Darshan

मन का रावन मरता नहीं

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Anita Agarwal

मन का आँगन

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heart  

कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! 

पल मे खिल जाता
तो पल मे मुरझाता है। 
खुशी और गम का झोंका 
हर क्षण आता जाता है।। 

कभी फूलोँ सा संवर उठता है
 बादलों की गड़गड़ाहट से भी। 
कभी कुम्हला जाता है
 किंचित धूप की आहट से भी ।। 

कोई बरसों से संजोया ख्वाब
सच होकर बरस जाता है 
और कभी हकीकत की जमीन पर 
 अनायास डर जाता है।। 

इस आँगन को चाहिए
विश्वास और दृढ़ता की खाद।
हर बाधा को पार कर तब,
रहेगा सालों साल आबाद

©Anita Agarwal मन का आँगन

Shashi Bhushan Mishra

#मन है एक हवा का झोंका#

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मन है एक हवा का झोंका, 
उड़ने  से  किसने है  रोका,

आसमान है ख़ुद के भीतर, 
दुनिया तो  केवल है धोखा,

होती है जब प्रिय कल्पना,
बिना खर्च  रंग हो  चोखा,

हुई आज हैरत अपनो पर,
जबसे छुरी पीठ में भोंका,

करते फिरते सब मनमानी,
बोलो किसने किस्को टोका,

बढ़ी आज रफ़्तार सड़क पे, 
दुर्घटना में   ठोकम   ठोंका,

हुआ उजाला जब तो देखा, 
पाँव पड़ा है जख़्मी फोंका, 

शांति नहीं है मन में 'गुंजन',
फिर समझो  सारे हैं बोका,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra #मन है एक हवा का झोंका#

Diwani Divya

#आइना मन का💖🙏🌹

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seema patidar

मेरा मन

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White मेरा मन हमेशा अंतर्द्वंध से लड़ता रहता है
कभी ख्वाबों के पुलिंदे सजाता है 
तो कभी मायूसी को गले लगाता है
कभी भविष्य की संभावनाओं को निहारता है
तो कभी अतीत के जख्मों को टटोलता है
कभी समझदार बनकर जिम्मेदारियों से डरता है 
तो कभी सारे बंधन तोड़ आजाद होने को करता है
कभी मान सम्मान के दायरे तय करता है
तो कभी कल्पनाओं के साकार होने की दुआ करता है
कभी स्वार्थ में खुद के लिए  प्रेम ढूंढता है
तो कभी निस्वार्थ बन अपने हिस्से का प्रेम भी 
ओरो के लिए उड़ेल देता है
कभी जो हासिल हुआ उसी में सब्र  कर लेता है 
तो कभी जो पाना रह गया उसकी शिकायते करता रहता है
मेरा मन हमेशा अंतर्द्वध से लड़ता है
क्या तुम्हारा भी मन कभी अंतर्द्वंध से लड़ता है।

©seema patidar मेरा मन
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